Shahrukh Khan: मौत से लड़ रही मां को देख बदहवास हो गए थे शाहरुख खान, चीख-चीखकर कहा- मैं तुम्हारी बेटी को मारूंगा
शाहरुख खान, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता का मुकाम हासिल किया। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने एक लंबा सफर भी तय किया। इस सफर में कई लोग उनके साथ थे, लेकिन उनके सिर पर मां-बाप का हाथ नहीं था। जब सफलता उनके कदम चूम रही थी, तब वो अपनी मां फातिमा खान को बहुत याद करते थे। एक इंटरव्यू में SRK मां के बारे में बात कर बेहद इमोशनल हो गए थे। उन्होंने उनके बारे में बहुत कुछ बताया था कि वो कैसी थीं, उन्हें क्या बीमारी हुई थी, जब वो हॉस्पिटल में थीं, तब उनके ऊपर क्या गुजर रही थी। शाहरुख ने अंत में ये भी कहा कि उनकी मां हमेशा उनके दिल में रहेंगी।
शाहरुख खान (Shahrukh Khan) ने सिमी ग्रेवाल को दिए इंटरव्यू में अपनी मां के बारे में बात की थी। इस दौरान वो इमोशनल भी हो गए थे। उन्होंने बताया था कि मां उनकी सक्सेस नहीं देख पाईं। वो बहुत सोशल थीं और उन्हें लोगों से मिलना अच्छा लगता था। उन्होंने बहुत प्यार दिया। पिता के गुजरने के बाद उन्होंने घर को संभाला। वो बहुत अमीर फैमिली से बिलॉन्ग करती थीं, लेकिन उन्होंने सबकुछ अपने दम पर किया।
मां को पैर में हुआ था छोटा-सा जख्म
https://www.youtube.com/watch?v=FCSZ9YK6FzE
शाहरुख खान ने ये भी बताया कि उन्होंने अपनी मां (Shahrukh Khan Mother) को कैसे खो दिया। वो कहते हैं, ‘मैं गोवा में शूटिंग कर रहा था। उन्हें डायबिटीज था और मैंने सुना कि वो ठीक नहीं हैं। मैंने उनसे बात की, लेकिन वो ठीक लगीं। जब मैं शूटिंग खत्म करके वापस लौटा तो देखा कि उनके पैर पर जख्म था। वो फैल रहा था। वो बहुत छोटा था, लेकिन तेजी से फैल रहा था। फिर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया, जहां उन्हें Septicemia हो गया। सबकुछ बहुत अचानक हुआ। उन्हें जनवरी में ये सब हुआ और फरवरी-मार्च में ये सब होते-होते अप्रैल में उनकी मौत हो गई। वो दो-तीन महीने बीमार रहीं।’
क्या है Septicemia?
सेप्टिसीमिया को सेप्सिस भी कहते हैं। ये एक सीरियस ब्लड इंफेक्शन है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे ब्लड पॉइजनिंग भी कहते हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज न हो पाए तो ये मरीज की जान ले लेता है।
जिंदगी में पहली बार मांगी दुआ
शाहरुख खान ने उस बुरे दौर के बारे में बताया कि वो इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन वो पहले पिता की मौत के समय इन सब से गुजर चुके थे। वो कहते हैं, ‘तब भी मैं हॉस्पिटल में था। तब भी ऐसी ही चीजें हुई थीं और अचानक वो (पिता) गुजर गए थे। ऐसे ही मां के साथ भी हुआ। मुझे याद है कि मैं दुआ नहीं मांगता था, लेकिन जब ICU में उन्हें ब्रीदिंग अटैक आया तो मैं हॉस्पिटल के पार्किंग एरिया में गया और मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार दुआ मांगी। किसी ने मुझे कहा था कि अगर तुम 6 हजार बार ऐसा कहते हो तो वो दर्द में नहीं रहेंगी। मैंने कहा भी, लेकिन डॉक्टर मेरे पास आया और कहा कि वो गुजर चुकी हैं।’
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‘मां को बताने लगा था परेशानियां…’
शाहरुख आगे कहते हैं कि वो कमरे में गए। वहां ECG मशीन लगी थी, जिसमें हार्ट बीट चलते हुए दिखती है। वो बताते हैं, ‘मैं ये मानता था कि आप तभी पूरी तरह से मरते हो, जब आप जिंदगी में पूरी तरह संतुष्ट होते हो। इससे पहले आप नहीं मरते। ये सोचकर मैं वहां बैठ गया और मां को दुनियाभर की परेशानियां बताने लगा कि मैं खुश नहीं रहूंगा। मेरी बहन खुश नहीं रहेगी। मैं तुम्हारी बेटी के साथ मिसबिहेव करूंगा। मैं बुरा आदमी बन जाऊंगा। लेकिन इन सबसे कुछ नहीं हुआ। वो चली गईं।’
मां को पैर में हुआ था छोटा-सा जख्म
https://www.youtube.com/watch?v=FCSZ9YK6FzE
शाहरुख खान ने ये भी बताया कि उन्होंने अपनी मां (Shahrukh Khan Mother) को कैसे खो दिया। वो कहते हैं, ‘मैं गोवा में शूटिंग कर रहा था। उन्हें डायबिटीज था और मैंने सुना कि वो ठीक नहीं हैं। मैंने उनसे बात की, लेकिन वो ठीक लगीं। जब मैं शूटिंग खत्म करके वापस लौटा तो देखा कि उनके पैर पर जख्म था। वो फैल रहा था। वो बहुत छोटा था, लेकिन तेजी से फैल रहा था। फिर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया, जहां उन्हें Septicemia हो गया। सबकुछ बहुत अचानक हुआ। उन्हें जनवरी में ये सब हुआ और फरवरी-मार्च में ये सब होते-होते अप्रैल में उनकी मौत हो गई। वो दो-तीन महीने बीमार रहीं।’
क्या है Septicemia?
सेप्टिसीमिया को सेप्सिस भी कहते हैं। ये एक सीरियस ब्लड इंफेक्शन है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे ब्लड पॉइजनिंग भी कहते हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज न हो पाए तो ये मरीज की जान ले लेता है।
जिंदगी में पहली बार मांगी दुआ
शाहरुख खान ने उस बुरे दौर के बारे में बताया कि वो इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन वो पहले पिता की मौत के समय इन सब से गुजर चुके थे। वो कहते हैं, ‘तब भी मैं हॉस्पिटल में था। तब भी ऐसी ही चीजें हुई थीं और अचानक वो (पिता) गुजर गए थे। ऐसे ही मां के साथ भी हुआ। मुझे याद है कि मैं दुआ नहीं मांगता था, लेकिन जब ICU में उन्हें ब्रीदिंग अटैक आया तो मैं हॉस्पिटल के पार्किंग एरिया में गया और मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार दुआ मांगी। किसी ने मुझे कहा था कि अगर तुम 6 हजार बार ऐसा कहते हो तो वो दर्द में नहीं रहेंगी। मैंने कहा भी, लेकिन डॉक्टर मेरे पास आया और कहा कि वो गुजर चुकी हैं।’
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‘मां को बताने लगा था परेशानियां…’
शाहरुख आगे कहते हैं कि वो कमरे में गए। वहां ECG मशीन लगी थी, जिसमें हार्ट बीट चलते हुए दिखती है। वो बताते हैं, ‘मैं ये मानता था कि आप तभी पूरी तरह से मरते हो, जब आप जिंदगी में पूरी तरह संतुष्ट होते हो। इससे पहले आप नहीं मरते। ये सोचकर मैं वहां बैठ गया और मां को दुनियाभर की परेशानियां बताने लगा कि मैं खुश नहीं रहूंगा। मेरी बहन खुश नहीं रहेगी। मैं तुम्हारी बेटी के साथ मिसबिहेव करूंगा। मैं बुरा आदमी बन जाऊंगा। लेकिन इन सबसे कुछ नहीं हुआ। वो चली गईं।’