राबड़ी देवी की सुरक्षा कम होने के बाद बेटों ने लिया बड़ा फैसला, बोले नही चाहिए एहसान

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बिहार पुलिस मुख्यालय ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास की सुरक्षा में तैनात बीएमपी-2 के 32 कमांडो को वापस बुला लिया है. मुख्यालय का आदेश पारित होने के बाद आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी मंगलवार को अपने सामान के साथ परिसर छोड़ कर चले गए. बता दें कि इन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती राजधानी पटना में राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड पर थी.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री के आवास से सुरक्षाकर्मियों को हटाए जाने के बाद बिहार में सियासत तेज़ हो गई है. राज्य के पूर्व उपमुख्यंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तथा पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी बॉडीगार्ड लेने से इनकार कर दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार अलसुबह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के इन दोनों नेताओं ने अपने सुरक्षागार्डों को वापस भेज दिया. इसके अलावा चर्चा यह भी है कि राजद के कई अन्य विधायकों ने भी सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया .

राबड़ी देवी के छोटे बेटे उनके आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटाए जाने से खासे खफा हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि बीते कई महीने से गृह विभाग को पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने एवं सुरक्षा श्रेणी निर्धारित करने की अपील की जा रही थी, लेकिन अब सुरक्षा बढ़ाए जाने के बजाए सुरक्षा घटा दी गई.

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तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर राज्य के सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मेरी मां श्रीमती राबड़ी देवी जी को पूर्व सीएम की हैसियत से सुरक्षा प्राप्त था जबकि मेरे भाई को विधायक के नाते और मुझे नेता प्रतिपक्ष के नाते सुरक्षा मिली थी, लेकिन हम इस सुरक्षा को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को वापस सौंप रहे हैं, ताकि वो तुच्छ ईर्ष्यालु कार्य छोड़ कर सकारात्मक कार्यों पर ध्यान दें.

इस बीच इस पूरे मामले पर एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने कहा है कि विशेष शाखा की सुरक्षा समिति ही राज्य में किसी भी गणमान्य व वीवीआईपी की जान पर खतरा और उनकी सुरक्षा का आकलन करती है. समय-समय पर इस समीति की बैठक में इस सुरक्षा व्यवस्था की समीझा की जाती है. राबड़ी देवी के सरकारी आवास से सुरक्षा वापस लेने का निर्णय विशेष शाखा की समिति ने ही लिया है.