Scrub Typhus cases in Ghaziabad: गाजियाबाद में स्क्रब टाइफस का प्रकोप, 23 मरीज आए सामने

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Scrub Typhus cases in Ghaziabad: गाजियाबाद में स्क्रब टाइफस का प्रकोप, 23 मरीज आए सामने

गाजियाबाद
गाजियाबाद में कोरोना संक्रमण कम हुआ तो डेंगू, मलेरिया, वायरल और स्क्रब टाइफस ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। इनमें स्क्रब टाइफस इन दिनों लोगों को खासा डरा रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि पूर्वांचल के कई जिलों में स्क्रब टाइफस की चपेट में आने से 100 से ज्यादा मौतें होने की बात कही जा रही है।

गाजियाबाद में यह बीमारी पहली बार 2020 में सामने आई थी। तब जिले में इसके केवल 2 मरीज मिले थे और इस साल पिछले कुछ ही दिनों में 23 मरीज आ चुके हैं। इनमें से 10 मरीज शहर के निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। अक्सर यह बीमारी पहाड़ी इलाकों में देखने को मिलती है।

पिस्सू कीड़े के काटने से होता है स्क्रब टाइफस
डॉक्टर्स के अनुसार स्क्रब टाइफस पिस्सू जैसे कीड़े के काटने से होता है। जिसका पता भी नहीं चलता, इसका पता तब चलता है जब पूरे शरीर की गौर से जांच की जाए। कीड़े के काटने के लगभग 10 दिन के भीतर मरीज को वायरल जैसा बुखार आता है और सिर में दर्द होता है। शुरू में यह सामान्य वायरल सा ही लगता है, जिसके चलते मरीज इसके उपचार में लापरवाही बरतते हैं।

हो सकती है मौत तक
जिला एमएमजी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह बताते हैं कि स्क्रब टाइफस का संक्रमण बढ़ने पर मरीज के दिल, दिमाग और फेफड़े पर भी असर पड़ता है। इस बीमारी की सबसे खराब स्टेज बुखार का दिमाग में पहुंचना होता है, जिसमें मरीज बेहोश हो जाता है और मरीज की मौत भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि यदि इसकी समय से पहचान हो जाए तो मरीज 7 से 10 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन पहचान में देरी इसकी गंभीरता को बढ़ा देती है।

कैसे होती है पहचान
डॉ. आरपी सिंह के अनुसार स्क्रब टाइफस की पहचान शुरुआती दौर में नहीं हो पाती है। यह एक प्रकार का इंफेक्शन होता है, जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह कीड़ा जिस स्थान पर काटता है वहां काले रंग का धब्बा बन जाता है। जो डॉक्टर्स इस बीमारी के बारे में जानते हैं वे मरीज के कपड़े उतरवाकर धब्बे को तलाशते हैं। धब्बा मिलने पर मरीज की कई जांच करवाई जाती है। अन्यथा डॉक्टर भी इसे सामान्य वायरल फीवर मानकर ही उपचार करते रहते हैं और रोग बढ़ता रहता है।

कीटनाशक का छिड़काव करने की अपील
संक्रामक रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि स्क्रब टाइफस को लेकर जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। डॉक्टर्स को कहा गया है कि लक्षणों के आधार पर मरीज की समुचित जांच जरूर करवाएं। इसके अलावा नगर निगम, नगर निकाय और ग्राम पंचायतों को खेल के मैदान, खेत, नर्सरी आदि स्थान, जहां पर इस तरह के कीड़े होने की आशंका सबसे ज्यादा है, वहां कीटनाशक का छिड़काव करने को कहा गया है।

क्या है लक्ष्ण
स्क्रब टाइफस में शरीर पर दाने के साथ गांठें भी पड़ जाती हैं
मरीज को तेज बुखार और सिर में दर्द होता है
मरीज की भूख कम हो जाती है

कैसे करें बचाव
– यह कीड़ा घास, पौधों या ज्यादा नमी वाले स्थानों पर होता है
– ऐसे स्थान पर जाने के लिए जूते जरूर पहनें
– घर में नमी ना होने दें, बिस्तर और कपड़े अच्छे से झाड़ें
– घर में यदि ऐसे कीड़े दिखाई दें तो दवा का छिड़काव करें
– बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं

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