School Ranking: जयपुर दूसरे स्थान पर

71

School Ranking: जयपुर दूसरे स्थान पर

School Ranking:शिक्षा विभाग ने सितंबर की संयुक्त जिला रैंकिंग गुरुवार को जारी कर दी है। शाला दर्पण पर उपलब्ध डाटा के आधार पर तैयार की गई इस रैंकिंग में चूरू जिला राजस्थान में पहले स्थान पर है। जयपुर और अलवर को क्रमश: दूसरी और तीसरी रैंक प्राप्त हुई है।

शिक्षा विभाग ने जारी की स्कूलों की सितंबर की रैंकिंग
चूरू जिला पहले और अलवर तीसरे स्थान पर

जयपुर। शिक्षा विभाग ने सितंबर की संयुक्त जिला रैंकिंग गुरुवार को जारी कर दी है। शाला दर्पण पर उपलब्ध डाटा के आधार पर तैयार की गई इस रैंकिंग में चूरू जिला राजस्थान में पहले स्थान पर है। जयपुर और अलवर को क्रमश: दूसरी और तीसरी रैंक प्राप्त हुई है। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. भंवर लाल ने राज्य के सभी जिला सभी अधिकारियों और पदेन जिला परियोजना समन्वयकों को अपने जिले और ब्लॉक की रैंकिंग का विश्लेषण करते हुए कमजोर रहे क्षेत्रों में प्रगति के लिए कार्ययोजना तैयार करने उसका प्रभावी क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रैंकिंग में अंतिम तीन स्थान प्राप्त करने वाले जिलों धौलपुर, कोटा और राजसमंद में शिक्षा अधिकारियों को प्राथमिकता से सघन मॉनिटरिंग कर रैंकिंग में सुधार करने के कहा।
जिला………. स्कोर……… रैंकिंग
चूरू ………. 221.83……. 1
जयपुर…….. 217.83……. 2
अलवर……. 200.85…… .3
चित्तौडगढ़़… 198.14……. 4
भरतपुर…… 193.43……. 5
सीकर…….. 192.90……..6
श्रीगंगानगर. .. 192.61……7
हनुमानगढ़…. 192.54……8
पाली……….. 192.23…… 9
टोंक……. 190.14………..10
नागौर….. 190.02………..11
बूंदी….. 187.79…………. 12
डूंगरपुर.. 186.24……….. 13
बीकानेर.. 185.79………… 14
जालौर……185.16…………15
दौसा…… 185.09………….16
भीलवाड़ा.. 183.38……….. 17
झालावाड़……181.22……..18
बांसवाड़ा…. 180.10……….19
झुंझुनू………. 177.82………20
बारां…………. 177.79……..21
प्रतापगढ़…. 177.38……….22
जोधपुर…. 176.45…………23
सवाई माधोपुर…. 176.45………….24
अजमेर….174.49……………25
जैसलमेर..173.37…………….26
बाड़मेर….73.29…………….27
करौली.. 172.33……………… 28
सिरोही….. 168.77……………29
उदयपुर….. 168.72………….30
राजसमंद.. 167.37………….. 31
कोटा…… 166.33…………….32
धौलपुर… 166.83…………… 33
इस आधार पर तय होती है रैंकिंग
सरकारी स्कूलों में सभी सूचनाएं एकत्र करवाने के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यालयों की श्रेणीए बेसिक प्रोफाइल, कार्मिकों की संख्या,नामांकन की स्थिति, विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों की सुविधाए सेवा रिकॉर्ड, विभिन्न प्रपत्रए वैकल्पिक विषय, संकाय, अक्षय पेटिका की स्थिति,कार्य संग्रहण, साइकिल वितरण व छात्रवृत्ति योजना समेत 44 बिंदुओं के आधार पर जिलों की रैंकिंग का निर्धारण किया जाता है। हर माह शाला दर्पण पोर्टल पर यह जानकारी अपलोड करनी होती है।
रैकिंग में पीछे रहने की वजह
: पोर्टल पर विभिन्न सूचनाओं के मॉडलों को सही तरीके से अपडेट नहीं करना।
: पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी स्तर पर मासिक प्रगति रिपोर्ट के अपडेशन का अभाव।
: आधार लिंकेज व एसडीएमसी रजिस्ट्रेशन का पूर्ण नहीं होना।
: जिला व ब्लॉक शिक्षा कार्यालयों में पदस्थापित अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण वह पीइइओ स्तर पर सूचनाओं का सही अपडेशन नहीं होना।
अच्छी रैंकिंग के फायदे
: रैकिंग के लिए स्टूडेंट्स के नाम आधार से लिंक करके शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करना होता है। इससे स्कूलों के 95 फीसदी स्टूडेंट्स की जानकारी ऑनलाइन हासिल की जा सकती है।
: रैकिंग के लिए सरकारी स्कूलों के कमरों में बंद पड़े नाकारा सामान का कमेटी बनाकर निस्तारण करना होता है। निस्तारण से स्कूल भवन में रुके पड़े कमरे पढ़ाई में कक्षाकक्ष के रूप में काम में आ सकते हैं।
: स्कूलों में प्रबंध व विकास कार्यों में सहयोग करने वाली एसडीएमसी व एसएमसी का रजिस्ट्रेशन करवाने से स्कूल में कार्यरत इन संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन होने से फर्जीवाड़े की संभावना नहीं होती।
: स्कूलों में पोर्टल से स्कूल विकास में सहयोग मिलता है। सीएम जनसहभागिता में भामाशाहों का योगदान बढ़ता है। विकास में सहयोग करने वाले भामाशाह प्रेरित होकर सहयोग करते हैं।



राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News