SC वर्ग को राजनैतिक पार्टियां गुलाम बनाकर रखती हैं, 90 साल के वयोवृद्ध BJP नेता कैलाश मेघवाल किससे नाराज ?
भाजपा के प्रमुख दलित चेहरे कैलाश मेघवाल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में शाहपुरा प्रेस क्लब भवन लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे । इस कार्यक्रम के दौरान जिला पत्रकार सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। इसमें भीलवाड़ा जिले के अधिकतर पत्रकार मौजूद थे, उनकी उपस्थिति में मेघवाल ने यह हमला बोल कर सभी को चौंका दिया ।
कुछ दिनों पहले 70 साल वाला फार्मूला पर रखी थी बात
इससे पहले कुछ दिनों पूर्व भी कैलाश मेघवाल ने एक और बयान चर्चा में रहा था। मीडिया से रूबरू होते हुए अपनी 90 साल उम्र के बावजूद उन्होंने इसी साल होने वाले विधान सभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। मेघवाल ने कहा था कि मैं पूर्ण रूप से राजनीति में सक्रिय हूं। पार्टी के 70 साल से अधिक उम्र वाले फार्मूले के बावजूद हम जैसे वरिष्ठ लोगों पर यह फार्मूला लागू नहीं होगा। यह हमारे राष्ट्रीय महामंत्री स्वयं स्पष्ट कर चुके हैं। मेघवाल के इस बयान के बाद राजनैतिक पार्टियों में दलित नेताओं को तवज्जों नहीं दिए जाने वाले बयान के अब सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
कैलाश मेघवाल ने यह भी कहा कि इस देश को ना तो मुगलों ने चलाया , ना इस देश को अंग्रेजों ने चलाया । ना इस देश को आज के राजनेता चला रहे हैं। इस देश को समृद्ध और साफ रूप से सन्यासी परंपरा के अग्रदूत चला रहे हैं। मैं इस मंच से श्री श्री 1008 राम दयाल जी महाराज का हृदय से स्वागत करता हूं। यह धर्म की ध्वजा शाहपुरा में ही नहीं पूरे देश और दुनिया में फैला रहे हैं। वह बहुत बड़ा काम कर रहे हैं।
मेघवाल ने बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने भी बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एजुकेशन मेड ईजी हो रही है। यह दुर्भाग्य है हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था का की जिस तरह स्तर गिर रहा है, वह बहुत ही गलत है । एजुकेशन मेड ईजी का मतलब है पढ़ो ओर पास होकर आगे बढ़ो। यह शिक्षा व्यवस्था रह गई है । वर्तमान दौर में शिक्षक मौलिक ग्रंथ नहीं पढ़ाते हैं ।
अपने बयान से खुद की पार्टी को कटघरे में खड़ा किया
बीजेपी के वयोवृद्ध नेता मेघवाल का यह बयान उस समय आया है, जब पार्टी के नेता ओम माथुर विधानसभा चुनावों में 30 से 40 प्रतिशत विधायकों के टिकिट देने की बात कह चुके है। मेघवाल कही उम्र के इस पड़ाव में अपना टिकिट कटने के भय से आशंकित होकर तो सभी राजनैतिक पार्टियों पर हमलावर नहीं हो रहे हैं। जिस पार्टी के टिकिट पर वे लगातार साल 1977 से विधान सभा और लोक सभा चुनाव लड़े। विधायक और सांसद बने। राज्य में और केंद्र में मंत्री बनने के साथ विधान सभा के भी स्पीकर । वर्तमान में भी विधायक है, उनके इस बयान ने उनकी पार्टी को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
रिपोर्ट प्रमोद तिवारी
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