satna: गुजरात से आए 24 हजार तिरंगों की जांच में 194 ही सही मिले | satna: 24 thousand tricolors tested, 194 found correct | Patrika News
सभी बंडलों में भरे थे खराब तिरंगे मिली जानकारी के अनुसार जिले में 5 लाख राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लक्ष्य को देखते हुए जिला स्तर पर एनआरएलएम के तहत पंजीकृत स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा 3 लाख राष्ट्रीय ध्वज तैयार करवाए जा रहे हैं। साथ ही 2 लाख ध्वज के लिये केन्द्र सरकार से अधिकृत गुजरात की फर्म से मंगाए गए थे। 31 जुलाई को इन झंडों को लेकर गुजरात से 1.98 लाख तिरंगा झंडा लेकर ट्रक सतना पहुंचा था। जब इन ध्वजों को विक्रय के लिये जिला पंचायत और महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से भेजने के लिये बंडल खोले गये तो ध्वजों को देखकर अमला चौंक गया। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी गई। जिला पंचायत सीईओ और महिला बाल विकास अधिकारी ने जानकारी मिलने पर जब इनका स्वयं परीक्षण किया तो पाया कि बड़े पैमाने पर ध्वज तय मापदण्डों को पूरा नहीं कर रहे है। ध्वज संहिता के विपरीत मिले झंडों का वितरण नहीं किया जा सकता था लिहाजा इन बंडलों में मौजूद तिरंगे झण्डों का रैण्डम परीक्षण का निर्णय लिया गया। महिला बाल विकास विभाग के अमले ने 24 हजार झंडों की जांच की जिसमें से महज 194 राष्ट्रीय ध्वज सही पाए गए। अर्थात रैण्डम परीक्षण में सिर्फ 0.80 फीसदी ध्वज तय मापदण्डों के अनुरूप मिले।
इस तरह की मिली कमियां
- राष्ट्रीय ध्वज के बीच में नीले रंग का चक्र गोल आकार का न होकर अंडाकार मिला
- बीच की श्वेत पट्टी पूरी तरह श्वेत न होकर क्रीम कलर की भी मिली
- चक्र बीच में न होकर किनारे मिले
- ज्यादातर राष्ट्रीय ध्वज के किनारे समान न होकर आड़े तिरछे कटे मिले
- बहुत से राष्ट्रीय ध्वजों के कोने ही फटे हुए थे
- कई राष्ट्रीय ध्वज बीच से भी कटे फटे थे
पूरे खेप रिजेक्ट कर वापस भेजा
जांच के बाद बुधवार को यह रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की गई तो उन्होंने इन राष्ट्रीय ध्वजों को वितरण योग्य नहीं पाया। इस पर पूरी खेप को रिजेक्ट करते हुए वापस भेज दिया गया। बेहतर बात यह रही कि अभी तक इनका कोई भुगतान नहीं हुआ था।
अब जिले में ही तैयार होंगे राष्ट्रीय ध्वज इस मामले नोडल जिला महिला बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि गुजरात से आई तिरंगे झंडों की खेप वापस करने के बाद अब दो लाख और झंडे जिले के ही स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित कराए जाएंगे। इसके लिये समूहों को और आर्डर दे दिये गये हैं।
सभी बंडलों में भरे थे खराब तिरंगे मिली जानकारी के अनुसार जिले में 5 लाख राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लक्ष्य को देखते हुए जिला स्तर पर एनआरएलएम के तहत पंजीकृत स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा 3 लाख राष्ट्रीय ध्वज तैयार करवाए जा रहे हैं। साथ ही 2 लाख ध्वज के लिये केन्द्र सरकार से अधिकृत गुजरात की फर्म से मंगाए गए थे। 31 जुलाई को इन झंडों को लेकर गुजरात से 1.98 लाख तिरंगा झंडा लेकर ट्रक सतना पहुंचा था। जब इन ध्वजों को विक्रय के लिये जिला पंचायत और महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से भेजने के लिये बंडल खोले गये तो ध्वजों को देखकर अमला चौंक गया। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी गई। जिला पंचायत सीईओ और महिला बाल विकास अधिकारी ने जानकारी मिलने पर जब इनका स्वयं परीक्षण किया तो पाया कि बड़े पैमाने पर ध्वज तय मापदण्डों को पूरा नहीं कर रहे है। ध्वज संहिता के विपरीत मिले झंडों का वितरण नहीं किया जा सकता था लिहाजा इन बंडलों में मौजूद तिरंगे झण्डों का रैण्डम परीक्षण का निर्णय लिया गया। महिला बाल विकास विभाग के अमले ने 24 हजार झंडों की जांच की जिसमें से महज 194 राष्ट्रीय ध्वज सही पाए गए। अर्थात रैण्डम परीक्षण में सिर्फ 0.80 फीसदी ध्वज तय मापदण्डों के अनुरूप मिले।
- राष्ट्रीय ध्वज के बीच में नीले रंग का चक्र गोल आकार का न होकर अंडाकार मिला
- बीच की श्वेत पट्टी पूरी तरह श्वेत न होकर क्रीम कलर की भी मिली
- चक्र बीच में न होकर किनारे मिले
- ज्यादातर राष्ट्रीय ध्वज के किनारे समान न होकर आड़े तिरछे कटे मिले
- बहुत से राष्ट्रीय ध्वजों के कोने ही फटे हुए थे
- कई राष्ट्रीय ध्वज बीच से भी कटे फटे थे
पूरे खेप रिजेक्ट कर वापस भेजा
जांच के बाद बुधवार को यह रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की गई तो उन्होंने इन राष्ट्रीय ध्वजों को वितरण योग्य नहीं पाया। इस पर पूरी खेप को रिजेक्ट करते हुए वापस भेज दिया गया। बेहतर बात यह रही कि अभी तक इनका कोई भुगतान नहीं हुआ था।
अब जिले में ही तैयार होंगे राष्ट्रीय ध्वज इस मामले नोडल जिला महिला बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि गुजरात से आई तिरंगे झंडों की खेप वापस करने के बाद अब दो लाख और झंडे जिले के ही स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित कराए जाएंगे। इसके लिये समूहों को और आर्डर दे दिये गये हैं।