Sanjay Raut: पात्रा चॉल मामले में ईडी की रेड, मुंबई की दो जगहों से जब्त हुए संजय राउत के खिलाफ अहम सबूत?
बीजेपी नेता व राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संजय राउत की गिरफ्तारी पर कहा कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी है। उसने दस्तावेज और सबूतों के आधार पर राउत के खिलाफ कार्रवाई की होगी। मैं इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उनकी गिरफ्तारी और अन्य संबंधित मुद्दों पर अदालत में चर्चा की जाएगी।
हाइलाइट्स
- पात्रा चॉल घोटाला मामले में ईडी की छापेमारी
- ईडी ने मुंबई में दो जगहों पर की है छापेमारी
- एक जगह पर रेड की कार्रवाई के दौरान ईडी को मिले अहम सुबूत
- ईडी संजय राउत के खिलाफ सबूत जुटाने में जुटी
मुंबई: पात्रा चॉल जमीन घोटाला (Patra Chawl Scam) मामले में फिलहाल शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ईडी की हिरासत में है। अदालत ने उन्हें 4 अगस्त तक की कस्टडी में भेजा है। इसी मामले में छानबीन को आगे बढ़ाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने आज मुंबई (Mumbai) की 2 जगहों पर छापेमारी की है। सूत्रों की माने तो एक जगह पर ईडी ने कार्रवाई पूरी कर वहां से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं। वहीं दूसरी जगह पर छापेमारी शुरू है। आपको बता दें कि संजय राउत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया है। इस घोटाले की वजह से वहां रहने वाले मूल निवासियों को उनका घर नहीं मिल पाया है।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
आपको बता दें कि शिवसेना सांसद संजय राउत इसी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किए गए हैं। इस घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई थी। तब यह आरोप लगा था कि म्हाडा के साथ गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। शुरुआत में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया था।
इस मामले में 1034 करोड रुपए के घोटाले का आरोप है। यह कंपनी प्रवीन राउत की है। जो शिवसेना सांसद संजय राउत के करीबी मित्र हैं। इस कंपनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यहां पत्र में 3000 से ज्यादा फ्लैट बनाए जाने थे। जिसमें से 672 साल के चॉल निवासियों को मिलने थे। लेकिन जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेच दी गई।
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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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हाइलाइट्स
- पात्रा चॉल घोटाला मामले में ईडी की छापेमारी
- ईडी ने मुंबई में दो जगहों पर की है छापेमारी
- एक जगह पर रेड की कार्रवाई के दौरान ईडी को मिले अहम सुबूत
- ईडी संजय राउत के खिलाफ सबूत जुटाने में जुटी
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
आपको बता दें कि शिवसेना सांसद संजय राउत इसी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किए गए हैं। इस घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई थी। तब यह आरोप लगा था कि म्हाडा के साथ गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। शुरुआत में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया था।
इस मामले में 1034 करोड रुपए के घोटाले का आरोप है। यह कंपनी प्रवीन राउत की है। जो शिवसेना सांसद संजय राउत के करीबी मित्र हैं। इस कंपनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यहां पत्र में 3000 से ज्यादा फ्लैट बनाए जाने थे। जिसमें से 672 साल के चॉल निवासियों को मिलने थे। लेकिन जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेच दी गई।
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