Sanjay Raut: एकनाथ शिंदे की छुट्टी तय, संजय राउत के दावे में कितना दम, जानिए अहम वजहें

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Sanjay Raut: एकनाथ शिंदे की छुट्टी तय, संजय राउत के दावे में कितना दम, जानिए अहम वजहें

Sanjay Raut: एकनाथ शिंदे की छुट्टी तय, संजय राउत के दावे में कितना दम, जानिए अहम वजहें


मुंबई: कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है। महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में ऐसा होता हुआ भी नजर आ रहा है। छह महीने पहले तक महाराष्ट्र में महाविकास महाविकास अघाड़ी की सरकार (Mahavikas Aghadi Government) थी। उस दौरान प्रमुख विपक्षी दल के रूप में बीजेपी (BJP) लगातार सरकार पर निशाना साध रही थी। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के आला नेता हर बार महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने की भविष्यवाणियां करते थे। हालांकि, वह भविष्यवाणी ढाई साल तक सच साबित नहीं हुई लेकिन ढाई साल के बाद जो हुआ वह महाराष्ट्र के इतिहास में एक सियासी भूकंप के समान था। अब महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हो चुका है और विपक्ष में बैठी बीजेपी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सियासत में सत्ता पर काबिज है। अब महाराष्ट्र में विपक्ष के रूप में बैठी महाविकास अघाड़ी के तीनों घटक दल कांग्रेस, एनसीपी (NCP) और शिवसेना (Shivsena) की तरफ से सरकार गिरने की भविष्यवाणियां की जा रही हैं। इसके पहले भी शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) के गिरने के दावे किए जा चुके हैं। इसी बीच उद्धव गुट के संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार का जाना तय है। यह सरकार फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। जिस दिन यह वेंटिलेटर निकल गया, उस दिन सरकार का गिर जाएगी। उन्होंने यह दावा भी किया कि शिंदे सरकार फरवरी का महीना नहीं देख पाएगी।

राउत के दावे में कितना दम
अपने दावे के पीछे संजय राउत ने एक अहम बात भी कही है। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के 16 विधायकों की अपात्रता का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जिस पर 10 जनवरी को सुनवाई होनी है। जिस दिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया, उस दिन यह वेंटिलेटर सपोर्ट हट जाएगा और सरकार अपने आप गिर जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर न्यायपालिका पर कोई दबाव नहीं लाया गया तो इस सरकार का गिरना निश्चित है। राउत ने कहा कि मुझे इस बात का भी भरोसा है कि न्यायपालिका पर दबाव लाने के सारे प्रयास विफल होंगे और न्यायपालिका निष्पक्ष रुप से सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में जब शिंदे गुट के 16 विधायक अपात्र ठहराए जाएंगे तो इस सरकार के सत्ता में बने रहने के सारे मार्ग बंद हो जाएंगे और यह अपने आप गिर जाएगी। संजय राउत ने शनिवार को नाशिक दौरे के दौरान कही।

इन वजहों से भी गिर सकती है शिंदे सरकार

1) बच्चू कडू का बगावती सुर
महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए पांच सीटों पर आगामी 30 जनवरी को शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र के शिंदे- फडणवीस सरकार में एक बार फिर से मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं। नई सरकार में शामिल प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख बच्चू कडू ने शिंदे सरकार को बड़ा झटका दिया है। बच्चू कडू ने पांचों जगहों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बाबत उन्हें विश्वास में नहीं लिया। इसलिए उन्होंने इन तमाम पांच जगहों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसी सूरत में यह चुनाव प्रहार जनशक्ति पार्टी बनाम शिंदे-फडणवीस गठबंधन के रूप में देखे जाने की पूरी संभावना है। बच्चू कडू ने यह स्पष्ट किया कि अमरावती ही नहीं सभी पांचों जगह पर हमारे उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। महाराष्ट्र के अमरावती से किरण चौधरी, मराठवाड़ा से डॉ. संजय तायड़े, कोंकण विभाग से नरेश शंकर कोंडा, नागपुर से अतुल रायकर, नासिक से एडवोकेट सुभाष झगड़े बच्चू कडू द्वारा चुनावी समर में उतारे गए हैं। बच्चू कडू ने यह भी दावा किया है कि इन 5 सीटों में से दो तीन जगहों पर उनके उम्मीदवार जरूर जीत दर्ज करेंगे।

2) लटकता मंत्रिमंडल विस्तार
एकनाथ शिंदे सरकार के मुश्किलों में आने की एक बड़ी वजह यह भी है कि सरकार के गठन को छह महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है। इस बात को लेकर शिंदे गुट और बीजेपी के विधायकों में खासी नाराजगी है। शिंदे गुट के ज्यादातर विधायक खुद को कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसी नफा-नुकसान का आंकलन करके वह उद्धव ठाकरे को छोड़ एकनाथ शिंदे के साथ आए थे। हालांकि, पहले मंत्रिमंडल विस्तार में ज्यादातर लोगों को निराशा ही हाथ लगी। सबसे बड़ा झटका बच्चू कडू को लगा, जो बगावत के बाद एकनाथ शिंदे के साथ शुरुआत से थे। बावजूद इसके उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। वहीं शिंदे गुट के कई विधायक जी नाराज बताए जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कई विधायक उद्धव गुट के संपर्क में भी हैं। खबर यह भी है कि अगर इस मंत्री मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह नहीं दी गई तो शिंदे गुट में बड़ी फूट पड़ सकती है।

कई गुटों में बंट जाएगा सीएम शिंदे का गुट
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है। शिंदे गुट भी कई टुकड़ों में टूट जाएगा। शिंदे गुट के ज्यादातर नेता बीजेपी में शामिल हो जाएंगे और यह बीजेपी (BJP) का लक्ष्य भी है। संजय राउत ने इसके पीछे दो बड़े कारण बताए हैं। राउत ने कहा कि शिंदे की तरह ही उनके गुट में बहुत महत्वाकांक्षी लोग हैं। अगर उनकी हसरतें पूरी नहीं होंगी तो शिंदे गुट टूटेगा। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के नेताओं को शिवसेना स्वीकार नहीं करेगी। जिसकी वजह से उनके पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता है। इसलिए शिंदे गुट के ज्यादातर नेता बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।

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