Sanjay Nishad: निषाद समाज के हक-हकूक के लिए लड़ता रहूंगा, संजय निषाद ने जारी वीडियो

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Sanjay Nishad: निषाद समाज के हक-हकूक के लिए लड़ता रहूंगा, संजय निषाद ने जारी वीडियो

Sanjay Nishad: निषाद समाज के हक-हकूक के लिए लड़ता रहूंगा, संजय निषाद ने जारी वीडियो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसको लेकर विपक्ष भी हमलावर है। वहीं, कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी है। साथ ही उन्होंने बताया कि वो 10 तारीख को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे। इस वक्त संजय निषाद आधिकारिक तौर पर आंध्र प्रदेश गए हुए हैं। मंत्री संजय निषाद के खिलाफ कोर्ट ने एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है।

निषाद राज का सिपाही हूं- संजय निषाद
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने बताया कि कसरवलकांड का जो आंदोलन हुआ था, उसमें निषाद आरक्षण को लेकर निराधार मुकदमे हुए थे। उसको लेकर गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है। उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है। न्यायपालिका मुझे और 2015 में हुई मेरे निषाद भाइयों पर बर्बरता व तत्कालीन सपा सरकार की ओर से लादे गए फर्जी मुकदमों में न्याय करेगी। उन्होंने कहा कि मैं निषाद समाज का सिपाही हूं और अपने समाज के हक हकूक के लिए जीवन के अंतिम सांस तक लड़ने और जेल में रहने के लिए भी तैयार हूं। समाज के हक अधिकार की लड़ाई मैं सड़क से लेकर सदन तक उठा रहा हूं और आगे भी उठाता रहूंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मुकदमे वापस हो जाए, इसके लिये भी कोशिश कर रहा हूं।

10 अगस्त तक कोर्ट में पेश करने का आदेश
गोरखपुर सीजेएम कोर्ट ने योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और एमएलसी संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 10 अगस्त तक कोर्ट में पेश कराने का आदेश दिया है। आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी शाहपुर पुलिस को दी गई है। जानकारी के मुताबिक, मामले में संजय निषाद पर भीड़ को भड़काने और बवाल कराने का आरोप लगा था। फिलहाल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद योगी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इसके साथ ही निषाद पार्टी बीजेपी गठबधंन में शामिल हैं।

2015 का है मामला
दरअसल, सरकारी नौकरी में निषादों को 5 फीसदी आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर 7 जून 2015 को सहजनवा थाना इलाके के कसरवल में आंदोलन हुआ था। इसको लेकर आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठे थे। इस बीच विवाद बढ़ा और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद आरोप लगा कि पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गई है।

गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा
बताया जा रहा है कि शख्स की मौत होने के बाद देखते ही देखते आंदोलन और ज्यादा उग्र हो गया, जिसके बाद आंदोलनकारी पुलिस से भिड़ गए। वहीं, आंदोलनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस बवाल और हिंसा में 24 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। इसके बाद संजय निषाद समेत कई लोगों के खिलाफ बलवा, तोड़फोड़, आगजनी और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
इनपुट- अभय सिंह

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