Sandeep Singh: मौत को दिया था चकमा… लोग बुलाते थे संदीप फ्लिकर सिंह अब रेप केस में नप गए, बन चुकी है जीवन फिल्म

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Sandeep Singh: मौत को दिया था चकमा… लोग बुलाते थे संदीप फ्लिकर सिंह अब रेप केस में नप गए, बन चुकी है जीवन फिल्म


Sandeep Singh: मौत को दिया था चकमा… लोग बुलाते थे संदीप फ्लिकर सिंह अब रेप केस में नप गए, बन चुकी है जीवन फिल्म

चंडीगढ़: अपने जमाने के मशहूर ड्रैग फ्लिकर, दो बार के ओलिंपियन और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप पर रेप केस का मामला दर्ज किया गया है। संदीप पर यह आरोप हरियाणा की एक जूनियर एथलेटिक्स महिला कोच ने लगाया है। संदीप सिंह हरियाणा सरकार में खेल मंत्री थे। इस आरोप के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व कप्तान ने हालांकि अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ मेरी छवि खराब करने की साजिश है। मेरे उपर लगे सभी आरोप निराधार है।

संदीप पर लगे इन आरोपों पर पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘हरियाणा की एक महिला कोच की शिकायत के आधार पर चंडीगढ़ के सेक्टर 26 थाने में दिनांक 31.12.2022 को भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए, 354बी, 342, 506 के तहत मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच जारी है।’ हालांकि मामले की सुनवाई अभी कोर्ट में होने बांकी है।

कौन हैं संदीप सिंह

संदीप भारतीय हॉकी के एक ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने अपने ड्रैग फ्लिक की कला से पूरी दुनिया को दीवाना बना दिया था। अपने समय के वह पेनल्टी कॉर्नर एक्सपर्ट थे। यही कारण है कि उन्हें फ्लिकर सिंह का उपनाम भी दिया गया। संदीप सिंह ने साल 2004 में हुए मलेशिया के कुआलालंपुर में अजलान शाह हॉकी कप से अपने करियर का आगाज किया था। अपने डेब्यू में ही संदीप सबको खूब प्रभावित किया और उसी साल उन्हें एथेंस ओलिंपिक में खेलने का मौका मिल गया।

इस तरह संदीप भारतीय हॉकी टीम की तरफ से ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बने। इसके पांच साल बाद 2009 में उन्हें टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। अपनी कप्तानी में संदीप ने शानदार खेल दिखाते हुए टीम को 13 साल बाद अजलान शाह का खिताब दिला दी। इस टूर्नामेंट में संदीप के नाम अधिक गोल भी रहा है। वहीं इसके बाद उन्होंने 2012 में फिर से ओलिंपिक में हिस्सा लिया।

गोली लगने से लगभग खत्म हो गया था करियर

संदीप भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार किए जाते हैं। हालांकि एक समय ऐसा भी आया जब लगा की वह दोबारा कभी खेल के मैदान पर नहीं उतर पाएंगे। दरअसल संदीप को रीढ़ की हड्डी में गोली लग गई थी। इसके बाद वह लंबे समय तक नहीं खेल पाए थे। यह वाक्या साल 2006 का है जब संदीप जूनियर विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने के बाद अब सीनियर टीम में धमाल मचाने की तैयारी कर रहे थे।

संदीप के साथ यह हादसा ट्रेन में हुआ। संदीप और अपने साथी खिलाड़ी राजपाल के साथ कालका शताब्दी में सफर कर रहे थे। इसी दौरान आरपीएफ के जवान से गलती से गोली चल गई जो उनकी रीढ़ की हड्डी में जा लगी। इसके बाद दो साल तक उनका इलाज चला और ठीक होने के बाद वह हॉकी के मैदान पर वापसी कर के दिखाया। संदीप के जीवन में घटित इस घटना पर सूरमा नाम की एक हिंदी फिल्म भी बनी है।

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