रेयान स्कूल मर्डर केस: अदालत ने ख़ारिज की 16 वर्षीय आरोपी की जमानत याचिका

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रेयान इंटरनेशनल स्कूल मर्डर केस में आज गुड़गांव की एक अदालत ने 16 वर्षीय कथित तौर पर आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. बीते शनिवार को एडिशनल सेशन जज जसबीर सिंह कुल्लू ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला रिजर्व रखा था.

बता दें की अदालत में हाल ही में आरोपी द्वारा दायर की गई जमानत याचिका के संबंध में सुनवाई हो रही थी जिसमें आरोपी के वकील ने यह दलील दी थी की पुलिस ने मामले की चार्ज-शीट दाखिल करने में 1 महीने से भी ज्यादा का समय लिया है और चूँकि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2012 के अंतर्गत पुलिस को चार्ज-शीट एक महीने के भीतर दाखिल करना होता है, इसलिए ऐसा न होने की स्थिति में आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा की पुलिस ने उचित कागजात भी आरोपी पक्ष को उपलब्ध नहीं कराये हैं.

Ryan school murderer -

इसके जवाब में सीबीआई के वकील ने कहा की चूँकि आरोपी को अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के अंतर्गत व्यस्क घोषित किया जा चूका है इसलिए अब आरोपी पर सीआरपीसी की धाराएं लागू होंगी और सीआरपीसी के अंतर्गत पुलिस को 90 दिनों में चार्ज-शीट दाखिल करना होता है. इसीलिए आरोपी के केस में पुलिस को 3 महीने के भीतर चार्ज-शीट दाखिल करनी थी, जोकि पुलिस ने कर दिया है.
आज आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि उक्त आरोपी एक व्यस्क है और उसपर सीआरपीसी की धाराएं लागू होंगी तथा चार्ज-शीट कानूनन वैध है.

आपको बता दें की रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मर्डर केस में 7 वर्षीय प्रद्युमन की गला रेत कर उसके ही स्कूल के वाशरूम में हत्या कर दी गयी थी. शुरुवाती तफ़्तीश में गुडगाँव पुलिस ने यह दावा किया था की यह हत्या, स्कूल के बस कंडक्टर ने की है. हालाँकि बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया था जिसने अपनी तफ़्तीश के दौरान कंडक्टर को आरोपी मानने से इंकार किया था. सीबीआई ने उक्त हत्या के आरोपी के रूप में रेयान इंटेरनाशनल स्कूल के ही एक 16 वर्षीय छात्र को नामजद किया था. जिसने स्कूल में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग को टालने के उद्देश्य से प्रधुमन की हत्या कर दी थी.

आपको बता दें कि अगर आरोपी को अदालत हत्या का दोषी पाती है तो उसे 21 वर्ष का होने तक बाल सुधार गृह भेज जायेगा, जिसके पश्चात उसे या तो जेल भेजा जा सकता है या ज़मानत मिल सकती है.