Russia Ukraine War: पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड के पार्टी से इस्तीफे के बाद रूस-यूक्रेन जंग में अमरीका का सेना भेजने से इनकार | Ukraine War: Former Democrats MP Tulsi Gabbard resign against war | Patrika News
जंग की बातें करने वालों के नियंत्रण में पार्टी: तुलसी जी हाँ, अमरीका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी है। गबार्ड ने आरोप लगाए हैं कि यह पार्टी एक तरह से कुछ एलीट लोगों के नियंत्रण में है। जो जंग की बातें करते हैं। श्वेत लोगों का विरोध करते हैं और नस्लभेदी ग्रुप में तब्दील हो रहे हैं। गबार्ड दो साल पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रही हैं।
गबार्ड रही हैं तेज तर्रार छवि वाली नेता
गबार्ड पिछले साल 2021 में अमरीकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से सेवानिवृत्त हुईं हैं। उन्हें तेज तर्रार छवि वाली नेता माना जाता है। गबार्ड ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी तरह की सोच रखने वाले लोगों को अब डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ देना चाहिए। गबार्ड भारतीय मूल की नहीं हैं। उनका जन्म 12 अप्रैल 1981 को अमेरिका के लेलोआलोआ में हुआ था।
I can no longer remain in today’s Democratic Party that is now under the complete control of an elitist cabal of warmongers driven by cowardly wokeness, who divide us by racializing every issue & stoke anti-white racism, actively work to undermine our God-given freedoms, are… pic.twitter.com/oAuTnxZldf
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) October 11, 2022
रूस से सीधा नहीं भिड़ना चाहता अमरीका
यूक्रेन और रशिया के युद्ध में अमरीका अब तक लगातार रूस पर हमलावर रहा है, ऐसे में यूक्रेन के लिए वो सबसे करीबी दोस्त की तरह था। हालांकि अब अमरीका के बयान से यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है। अमरीका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन में अमरीका अपने सैनिक नहीं भेजेगा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमरीका रूस से सीधी भिड़ंत नहीं चाहता है।
परमाणु हमले का खतरा, मिलेंगे तुर्की और रूस के राष्ट्रपति दरअसल, पिछले दो दिनों मे रूस ने यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार और ताकत बढ़ा दी है। हमलों को देखकर पुतिन और उनके करीबियों के बयानों को सुनकर नौबत परमाणु हमले तक की बनती दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आज बड़ी बैठक के आसार हैं। आज रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की मुलाकात हो सकती है। दोनों नेता कजाकिस्तान में मिल सकते हैं। इस दौरान पश्चिमी देशों के साथ वार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा संभव है।
बाइडेन खुद कह चुके, पुतिन नहीं कर रहे मजाक अमरीका का रूस को लेकर जो नया रुख सामने आया है, उसके पीछे भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा ही बताया जा रहा है। अमरीका और खुद राष्ट्रपति बाइडेन कई बार परमाणु हमले के खतरे का जिक्र कर चुके हैं। हाल ही में बाइडेन ने कहा था कि दुनिया पर परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस दौरान कहा कि पुतिन को वो अच्छी तरह से जानते हैं और वो (पुतिन) मजाक नहीं कर रहे हैं।
हालांकि अमरीका ने हथियारों के दम पर यूक्रेन की पूरी मदद करने का भरोसा दिया है। मुमकिन है कि जिन एयर डिफेंस सिस्टम और लॉन्ग रेंज की मिसाइलों की डिमांड जेलेंस्की 4 महीने से कर रहे हैं। उस पर अमेरिका राजी हो जाए।
जंग की बातें करने वालों के नियंत्रण में पार्टी: तुलसी जी हाँ, अमरीका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी है। गबार्ड ने आरोप लगाए हैं कि यह पार्टी एक तरह से कुछ एलीट लोगों के नियंत्रण में है। जो जंग की बातें करते हैं। श्वेत लोगों का विरोध करते हैं और नस्लभेदी ग्रुप में तब्दील हो रहे हैं। गबार्ड दो साल पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रही हैं।
गबार्ड रही हैं तेज तर्रार छवि वाली नेता
गबार्ड पिछले साल 2021 में अमरीकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से सेवानिवृत्त हुईं हैं। उन्हें तेज तर्रार छवि वाली नेता माना जाता है। गबार्ड ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी तरह की सोच रखने वाले लोगों को अब डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ देना चाहिए। गबार्ड भारतीय मूल की नहीं हैं। उनका जन्म 12 अप्रैल 1981 को अमेरिका के लेलोआलोआ में हुआ था।
I can no longer remain in today’s Democratic Party that is now under the complete control of an elitist cabal of warmongers driven by cowardly wokeness, who divide us by racializing every issue & stoke anti-white racism, actively work to undermine our God-given freedoms, are… pic.twitter.com/oAuTnxZldf
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) October 11, 2022
रूस से सीधा नहीं भिड़ना चाहता अमरीका
यूक्रेन और रशिया के युद्ध में अमरीका अब तक लगातार रूस पर हमलावर रहा है, ऐसे में यूक्रेन के लिए वो सबसे करीबी दोस्त की तरह था। हालांकि अब अमरीका के बयान से यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है। अमरीका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन में अमरीका अपने सैनिक नहीं भेजेगा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमरीका रूस से सीधी भिड़ंत नहीं चाहता है।
परमाणु हमले का खतरा, मिलेंगे तुर्की और रूस के राष्ट्रपति दरअसल, पिछले दो दिनों मे रूस ने यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार और ताकत बढ़ा दी है। हमलों को देखकर पुतिन और उनके करीबियों के बयानों को सुनकर नौबत परमाणु हमले तक की बनती दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आज बड़ी बैठक के आसार हैं। आज रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की मुलाकात हो सकती है। दोनों नेता कजाकिस्तान में मिल सकते हैं। इस दौरान पश्चिमी देशों के साथ वार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा संभव है।
बाइडेन खुद कह चुके, पुतिन नहीं कर रहे मजाक अमरीका का रूस को लेकर जो नया रुख सामने आया है, उसके पीछे भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा ही बताया जा रहा है। अमरीका और खुद राष्ट्रपति बाइडेन कई बार परमाणु हमले के खतरे का जिक्र कर चुके हैं। हाल ही में बाइडेन ने कहा था कि दुनिया पर परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस दौरान कहा कि पुतिन को वो अच्छी तरह से जानते हैं और वो (पुतिन) मजाक नहीं कर रहे हैं।
हालांकि अमरीका ने हथियारों के दम पर यूक्रेन की पूरी मदद करने का भरोसा दिया है। मुमकिन है कि जिन एयर डिफेंस सिस्टम और लॉन्ग रेंज की मिसाइलों की डिमांड जेलेंस्की 4 महीने से कर रहे हैं। उस पर अमेरिका राजी हो जाए।