Rupee fall: देश में कभी चलते थे 5,000 और 10,000 रुपये के नोट, जानिए कब हुए बंद

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Rupee fall: देश में कभी चलते थे 5,000 और 10,000 रुपये के नोट, जानिए कब हुए बंद

Rupee fall: देश में कभी चलते थे 5,000 और 10,000 रुपये के नोट, जानिए कब हुए बंद

नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत आज 80 के पार पहुंच गई। यह पहला मौका है जब रुपया इतने नीचे गिरा है। इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में सात फीसदी की गिरावट आई है। विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजारों से अपना निवेश निकाल रहे हैं और इस कारण रुपया रसातल में जा रहा है। मंगलवार को इसकी कीमत डॉलर के मुकाबले 80.0125 पहुंच गई। विदेशी निवेशक इस साल भारतीय बाजार से करीब 30 अरब डॉलर निकाल चुके हैं। साथ ही तेल और कमोडिटीज की कीमत में उछाल के कारण करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) को लेकर चिंता बढ़ी है। इन कारणों से भी रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है। रुपये की शुरुआत कब हुई और यह नाम कहां से आया? एक नजर रुपये के इतिहास पर..

कहां से आया है रुपया शब्द
रुपया शब्द संस्कृत के रुप्यकम से आया है। इसका मतलब होता है चांदी का सिक्का। रुपया शब्द का प्रयोग सबसे पहले शेरशाह सूरी ने किया था। उन्होंने 1540 से 1545 तक भारत पर राज किया था। शेरशाह सूरी ने अपने शासन काल में जो रुपया चलाया वह चांदी का सिक्का था। यह मुगल काल, मराठा साम्राज्य और ब्रिटिश काल में भी यूज में रहा। देश में सबसे पहले कागज के नोट बैंक ऑफ हिंदोस्तान (1770-1832), जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार (1773-75) तथा बंगाल बैंक (1784-91) ने जारी किए थे।

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आरबीआई की स्थापना
एक अप्रैल 1935 में देश में रिजर्व बैंक की स्थापना हुई थी। जनवरी, 1938 में रिजर्व बैंक ने पांच रुपये का पहला नोट जारी किया था। फरवरी-जनवरी, 1938 में 10 रुपये, 100 रुपये, 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट जारी किए थे। अगस्त 1940 एक रुपये के नोट को फिर से शुरू किया गया। इसे सबसे पहले 30 नवंबर, 1917 को जारी किया गया था। इसके बाद दो आना और आठ आना जारी किए गए थे। एक रुपये के नोट को एक जनवरी, 1926 को बंद कर दिया था। मार्च, 1943 में दो रुपये का नोट शुरू किया गया था।

आजादी के बाद 1950 में एक पैसा, 1.2 पैसा, एक आना और दो आना, 1.4, 1.2 और एक रुपये मूल्य के सिक्के जारी किए गए। 1953 में नए नोटों पर हिंदी को प्रमुखता दी गई और 1954 में रुपया का बहुवचन रुपये किया गया। इसके बाद 1954 में 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के बड़े नोट फिर जारी किए गए। साल 1957 में रुपये को 100 नए पैसे में बांटा गया। 1957-67 में एल्युमिनियम के एक, दो, तीन, पांच और दस पैसे के सिक्के शुरू किए गए।
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नए सिंबल वाले नोट
1967 में नोट को आकार को कम किया गया। इसके 13 साल बाद 1980 में सिंबल्स के साथ नए नोट जारी किए गए। दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह, एक रुपये के नोट पर तेल का कुंआ, पांच रुपये के नोट पर मशीनी खेती, 10 रुपये के नोट पर मोर और 20 रुपये के नोट पर कोणार्क का चक्र था। बढ़ती इकॉनमी और परचेजिंग पावर में कमी के चलते अक्टूबर 1987 में 500 रुपये का नोट शुरू किया गया। 1988 में स्टेनलेस स्टील के 10 पैसे, 25 पैसे और 50 पैसे के सिक्के शुरू किए गएष।

1992 में एक रुपये और पांच रुपये के स्टील के सिक्के शुरू किए गए। साल 1996 में महात्मा गांधी सीरीज के 10 से 500 रुपये तक के नोट शुरू किए गए। इन नोटों ने लॉयन कैपिटल सीरीज के नोटों की जगह ली। नए नोटों में वॉटरमार्क, विंडो सिक्योरिटी थ्रेड, लेटेंट इमेज और दृष्टिहीन लोगों के लिए खास फीचर शुरू किया गया। 2005-08 में 50 पैसे, एक रुपये और दो रुपये के स्टेनलेस स्टील के नए सिक्के जारी किए गए। साल 2009 में पांच रुपये के नोट की फिर से छपाई शुरू हुई। जुलाई 2010 में रुपये के नए सिंबल को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया।

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नोटबंदी
साल 2011 में 25 पैसे और उससे नीचे के सारे सिक्के चलन से बाहर कर दिए गए। रुपये के नए सिंबल के साथ 50 पैसे का सिक्का और एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के नए नोट शुरू किए गए। इसके एक साल बाद 2012 महात्मा गांधी सीरीज के 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों पर रुपये का नया साइन लगाया गया। नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये को नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। इसके बाद 500 रुपये के नए नोट और 2000 रुपये का नोट शुरू किया गया। बाद में 200 रुपये के नोट भी शुरू किए गए।

इससे पहले देश में 12 अगस्त 1946 को 500 रुपये, 1000 रुपये और 10,000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था। काले धन को रोकने के लिए ऐसा किया गया था। 1954 में 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट फिर से जारी किए गए। लेकिन 16 जनवरी 1978 को 100 रुपये से ऊपर के सभी नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। 1987 में 500 रुपये और साल 2000 में 1,000 रुपये के नोट को फिर से उतारा गया। 1995 में एक रुपये और दो रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया।

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