RSS के प्रचारक निंबाराम को मिली बड़ी जीत, BVG रिश्वतकांड मामले में कोर्ट ने ACB को दिए FIR रद्द करने के आदेश

3
RSS के प्रचारक निंबाराम को मिली बड़ी जीत, BVG रिश्वतकांड मामले में कोर्ट ने ACB को दिए FIR रद्द करने के आदेश

RSS के प्रचारक निंबाराम को मिली बड़ी जीत, BVG रिश्वतकांड मामले में कोर्ट ने ACB को दिए FIR रद्द करने के आदेश


Khushendra Tiwari | Navbharat Times | Updated: 21 Mar 2023, 5:00 am

RSS Pracharak Nimbaram News : 20 करोड़ रुपए की घूसकांड मामले में आरोप से घिरे निंबाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में एसीबी की ओर से उन्हें एफआईआर में शामिल किया गया था। लेकिन कोर्ट ने आज एफआईआर को रद्द करने के आदेश दे दिए।

 

हाइलाइट्स

  • RSS के प्रचारक निंबाराम को हाईकोर्ट से बड़ी राहत
  • 20 करोड़ रुपए की घूस मामले में FIR रद्द करने के आदेश
  • कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने लिया सरकार को आड़े हाथों
जयपुर: बीवीजी कंपनी रिश्वत प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को बड़ी राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने निंबाराम के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही ट्रायल कोर्ट में चल रहे केस पर भी रोक लगा दी गई है। दो साल पहले जून 2021 में एक वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने बीवीजी कंपनी के अधिकारियों, जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

बीजीपी कंपनी के बकाया 276 करोड़ रुपए जमा कराने में राहत देने के लिए बीवीजी कंपनी के अधिकारी ओमकार सप्रे और संदीप चौधरी की ओर से महापौर के पति राजाराम गुर्जर को 20 करोड़ रुपए की घूस दी गई। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें निंबाराम भी बैठे हुए नजर आए थे। इस आधार पर एसीबी ने निंबाराम का नाम भी एफआईआर में दर्ज कर लिया था।

निंबाराम की भूमिका साबित नहीं कर पाई एसीबी

एसीबी ने वायरल वीडियो और एक ऑडियो क्लिप के आधार पर रिश्वत प्रकरण की जांच की। वीडियो में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम एक ऑफिस में महापौर के पति राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठे नजर आ रहे थे। यह वीडियो 20 करोड़ रुपए की रिश्वत के लेन देन के समय का बताया जा रहा है। वीडियो या ऑडियो क्लिप में निंबाराम की ऐसी कोई आवाज रिकॉर्ड नहीं है जिससे एसीबी यह साबित हो सके कि इस प्रकरण में निंबाराम की भी भूमिका थी। एसीबी में केस दर्ज होने के बाद निंबाराम ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। लम्बी सुनवाई के बाद भी एसीबी यह साबित नहीं कर पाई कि रिश्वत प्रकरण में निंबाराम की कोई भूमिका है। ऐसे में हाईकोर्ट ने निंबाराम के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश दिए।

तीन आरोपी कई महीनों तक रहे जेल में

एसीबी ने इस प्रकरण में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनी के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी 20 करोड़ रुपए की रिश्वत लेन देन प्रकरण में कई महीनों तक जेल में रहे। वर्तमान में सभी जमानत पर छुटे हुए हैं और जेल से बाहर हैं। निंबाराम से एसीबी ने पूछताछ जरूर की थी लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। अब निंबाराम को पूरे प्रकरण से राहत मिल गई है।

बीजेपी ने सरकार पर लगाया बदनाम करने का आरोप

रिश्वत प्रकरण में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी के पदाधिकारियों ने इस फैसले का स्वागत किया। बीजेपी के नेताओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए कि आरएसएस को बदनाम करने के लिए जानबूझकर निंबाराम का नाम एफआईआर में दर्ज किया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि एसीबी ने सरकार के दबाव में काम किया लेकिन अंत में सच्चाई की जीत हुई। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस बार बार संघ को निशाने पर लेती है। षड़यंत्र के तहत संघ के सम्मानीय प्रचारक को बदनाम किया गया लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार का कारनामा उजागर हो गया है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

आसपास के शहरों की खबरें

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News