RJD-कांग्रेस को मिलेंगे मंत्री? नीतीश का प्लान नहीं पर उम्मीद कायम है, कल JDU के रत्नेश सदा शपथ लेंगे

20
RJD-कांग्रेस को मिलेंगे मंत्री? नीतीश का प्लान नहीं पर उम्मीद कायम है, कल JDU के रत्नेश सदा शपथ लेंगे
Advertising
Advertising

RJD-कांग्रेस को मिलेंगे मंत्री? नीतीश का प्लान नहीं पर उम्मीद कायम है, कल JDU के रत्नेश सदा शपथ लेंगे

बिहार में जेडीयू नेता नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार का दूसरा कैबिनेट विस्तार ठीक दस महीने बाद 16 जून को हो रहा है जिसमें जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर सहरसा जिले की सोनवर्षा सीट से तीसरी बार विधायक बने रत्नेश सदा का मंत्री बनना तय है। महादलितों की मुसहर जाति से आने वाले रत्नेश सदा कैबिनेट में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी की जगह लेंगे जिन्होंने दो दिन पहले इस्तीफा दे दिया था। 

Advertising

शुक्रवार को पटना के राजभवन में रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। इससे पहले सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार 16 अगस्त 2022 को हुआ था जब आरजेडी से 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हम से 1 और 1 निर्दलीय को बिहार का मंत्री बनाया गया था। खुद नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 10 अगस्त 2022 को शपथ ली थी। 

Ratnesh Sada Profile: पहले रिक्शा चलाते थे, अब मंत्रालय चलाएंगे; रत्नेश सदा का फर्श से अर्श का सफर

Advertising

पटना में सरकार से जुड़े सूत्र यही कह रहे हैं कि मात्र एक मंत्री को सरकार में शामिल किया जाएगा लेकिन लंबे समय से कैबिनेट विस्तार का वेट कर रही आरजेडी और कांग्रेस की उम्मीद जिंदा है कि उसे भी कुछ मंत्री मिल सकते हैं। लोकसभा चुनाव 9-10 महीने दूर है इसलिए आरजेडी और कांंग्रेस चाहती है कि मंत्री बनाने की जो लिमिट है उसका पूरा इस्तेमाल करते हुए टोटल 36 मंत्री बना लिए जाएं। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में कुल 36 मंत्री हो सकते हैं। इस समय सीएम समेत मंत्रियों की संख्या 31 है यानी पांच और मंत्री बनने की संभावना है।

23 जून को विपक्षी दलों की पटना में मीटिंग भी है जिसमें कांग्रेस से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के आने की संभावना है। नीतीश की विपक्षी एकता की पूरी कवायद कांग्रेस को केंद्र में रखकर चल रही है ऐसे में कांग्रेस से और मंत्री की मांग मानकर पार्टी की बिहार यूनिट की नाराजगी दूर करने का एक सही मौका है।आरजेडी अपने दो मंत्रियों के इस्तीफे के बदले मंत्री मांग रही है या नहीं, ये साफ नहीं हो पा रहा है लेकिन संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद नीतीश के साथ तेजस्वी की मीटिंग हुई थी जिसमें रत्नेश सदा का नाम तय किया गया था। आरजेडी की चाह या मांग रही हो तो उस पर नीतीश की ना की कोई वजह नहीं है।

आरजेडी के दो मंत्री पिछले 10 महीने में सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। सबसे पहले मंत्री बनने के 15 दिन बाद 31 अगस्त को ही कानून मंत्री कार्तिक सिंह का इस्तीफा हुआ क्योंकि उनका नाम अपहरण के एक केस में था जिसे बीजेपी ने मंत्री बनते ही उठाना शुरू कर दिया था। नई सरकार बनने के दो महीने के अंदर 2 अक्टूबर को कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया था जो नीतीश और सरकार पर ही सवाल उठा रहे थे। आरजेडी का तो सीधा-सीधा मंत्री का 2 पद खाली है जबकि कांग्रेस लगातार कह रही है कि दो मंत्री उसके लिए कम हैं और उनकी संख्या बढ़ाकर 3-4 की जाए।

Advertising

आरजेडी-कांग्रेस में खींचतान तेज, नीतीश बोले- और मंत्री चाहिए तो कांग्रेस तेजस्वी यादव से बात कर ले

सूत्रों का कहना है कि नीतीश ने बस रत्नेश सदा को मंत्री बनाकर महादलितों को मैसेज देने का मन बनाया है कि जीतन राम मांझी के जाने से उनके समाज की पूछ इस सरकार में कम नहीं हुई है। लेकिन आरजेडी और कांग्रेस के नेता दबाव बना रहे हैं कि जब कैबिनेट विस्तार हो ही रहा है तो आरजेडी कोटे की खाली सीट के साथ ही कांग्रेस की मंत्री बढ़ाने की डिमांड पूरी कर दी जाए। दोनों पार्टियां शुक्रवार को मौका चूक जाती हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की बहुत उम्मीद नहीं बचेगी।

बिहार कैबिनेट विस्तार पर बोली कांग्रेस- तेजस्वी यादव का मंत्रिमंडल नहीं है, CM नीतीश से हो गई है बात

Advertising

विधानसभा में इस समय महागठबंधन सरकार को 160 विधायकों का समर्थन है। इसमें आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई-माले के 12, सीपीआई और सीपीएम के 2-2 और एक निर्दलीय विधायक शामिल है। लेफ्ट की तीनों पार्टियां सरकार को बाहर से समर्थन दे रही हैं। विपक्षी कैंप में पहले से बीजेपी के 78 और एआईएमआईएम के 1 विधायक थे जिसमें अब मांझी की हम के 4 विधायक भी शामिल हो गए हैं।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News

Advertising