Right to Health पर घमासान: CM गहलोत संग वार्ता में बनेगी बात? राजस्थान में हड़ताली डॉक्टरों को मनाने की कवायद

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Right to Health पर घमासान: CM गहलोत संग वार्ता में बनेगी बात? राजस्थान में हड़ताली डॉक्टरों को मनाने की कवायद

Right to Health पर घमासान: CM गहलोत संग वार्ता में बनेगी बात? राजस्थान में हड़ताली डॉक्टरों को मनाने की कवायद


जयपुर: ‘राइट टू हेल्थ’ बिल (Right To Health Bill) विधानसभा से पास होने के खिलाफ राजस्थान में निजी अस्पतालों के संचालक और डॉक्टर पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन बार पुलिस से झड़प भी हुई। एक बार पुलिस ने डॉक्टरों पर बल प्रयोग भी किया तो सेवारत डॉक्टर और रेजीडेंट्स भी निजी डॉक्टर्स के समर्थन में उतर आए। इससे सरकारी अस्पतालों में कामकाज प्रभावित होने लगा। प्रदेश के लाखों मरीज परेशान हैं। इधर, डॉक्टरों की हड़ताल को गंभीरता से लेते हुए सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। 25 मार्च की देर शाम मुख्यमंत्री दिल्ली से जयपुर लौटे और डॉक्टरों को वार्ता के लिए बुलाया। हालांकि, देर रात तक डॉक्टर वार्ता करने नहीं पहुंचे। इस बीच आज बातचीत की स्थिति बन सकती है।

अधिकारी पहुंचे CMO, डॉक्टरों का है इंतजार

मुख्यमंत्री अशोक गहलतो ने दिल्ली से जयपुर रवाना होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बैठक के निर्देश दे दिए। इसमें तमाम मेडिकल अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री के उपस्थित रहने का निर्देश था। बैठक में शामिल करने के लिए आंदोलन कर रहे डॉक्टरों को भी वार्ता का न्यौता भेजा गया। शनिवार रात 10 बजे बैठक के लिए बुलाया गया। तय समय पर मंत्री और अफसर मुख्यमंत्री निवास पर पहुंच गए लेकिन डॉक्टरों की टीम वार्ता के लिए नहीं आई।

हड़ताल खत्म कराने की कोशिश तेज

काफी देर तक इंतजार के बाद जब अधिकारियों ने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसे अचानक बैठक बुलाने पर वे नहीं आ सकते। रविवार को डॉक्टर्स की विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारी पहले जयपुर मेडिकल एसोसिएशन ऑफिस में बैठक करेंगे। उसके बाद सरकार से वार्ता के लिए जाएंगे। ऐसे में ये तय माना जा रहा कि रविवार यानी आज डॉक्टर और सरकार के बीच वार्ता के आसार हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही इस पर जल्द कोई हल निकाला जा सकता है।

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27 मार्च को ऑल मेडिकल बंद का आह्वान

निजी अस्पतालों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव बढ़ गया है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के दो घंटे के कार्य बहिष्कार के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर, रेजिडेंट्स डॉक्टर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के समर्थन में आने पर सरकारी अस्पतालों का कामकाज काफी प्रभावित हुआ। अस्पतालों में नियमित रूप से होने वाले हजारों ऑपरेशन हड़ताल के कारण टालने पड़े। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 27 मार्च (सोमवार) को देशभर में मेडिकल बंद का आह्वान कर दिया। इस बंद के आह्वान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली से जयपुर लौटे। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि डॉक्टरों से वार्ता करके हड़ताल का हल निकालें।

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रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर

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