Reet के बाद सियासी नियुक्ति और CM सलाहाकार पद पर BJP ने शुरू की गहलोत की घेराबंदी, जानिए किसने क्या कहा

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Reet के बाद सियासी नियुक्ति और CM सलाहाकार पद पर BJP ने शुरू की गहलोत की घेराबंदी, जानिए किसने क्या कहा

जयपुर: प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत जहां दोबारा सरकार को रिपीट करने की कवायद में जुटे गए हैं। वहीं चुनाव में अब सिर्फ डेढ़ साल के समय बचे होने की चलते बीजेपी भी पूरी तरह सरकार की घेराबंदी में लग गई है। पिछले कुछ महीनों से लगातार बीजेपी सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर सरकार की घेरने में लगी हुई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से निकाली गई राजनीतिक नियुक्तियों के बाद मचे घमासान में बीजेपी भी कूद गई है। एक तरफ जहां सचिन पायलट खेमे के करीबी नेताओं ने राजनीतिक नियुक्तियों के तहत दिए गए पदों पर जॉइन करने से इनकार कर दिया है। वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे पर विधानसभा में सरकार को घेरने की कोशिश की है।

संयम लोढ़ा का बयान सियासी हलकों में बना चर्चा का विषय
बुधवार को विधानसभा में सरकार की ओर से राजनीतिक और सीएम सलाहाकार पदों की नियुक्तियों का मुद्दा उठ गया। बीजेपी ने इस दौरान जमकर सरकार को घेरने की कोशिश की। दरअसल हुआ यूं कि यहां विधायक संयम लोढ़ा का एक बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया, संयम जवाब तो बीजेपी नेताओं को दे रहे थे, लेकिन उनका निशाना सरकार पर भी था।

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संयम लोढ़ा ने दिया बयान, राठौड़ ने ली चुटकी
दरअसल विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि सीएम गहलोत को किसी की भी सलाह की जरूरत नहीं है। इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने उन्हें सीएम सलाहाकार पद से इस्तीफा देने की सलाह दे डाली। जवाब में लोढ़ा बोले- पहले नियुक्ति के ऑर्डर तो हो। उल्लेखनीय है कि निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा सहित छह विधायकों को हाल ही हुए कैबिनेट रिशफल में सीएम सलाहाकार के पद के नियुक्त करने की घोषणा की गई थी, लेकिन पता चला है कि अभी तक उनकी नियुक्तियों को लेकर कोई आदेश जारी नहीं बुए हैं।

सियासी नियुक्तियों पर भी बीजेपी ने दी सरकार को चेतावनी
उल्लेखनीय है कि सीए सलाहाकार पद पर कटाक्ष करने के साथ ही राजस्थान बीजेपी ने राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बोर्ड -आयोगों में कांग्रेस नेताओं को मंत्री का दर्जा देना असंवैधानिक है और बीजेपी इसे कोर्ट में चुनौती देगी।

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पायलट खेमे के नेता और अन्य कांग्रेसी नेता भी राजनीतिक नियुक्तियों में पद की असमानता से नाराज
उल्लेखनीय है कि राजनीतिक नियुक्ति की दूसरी लिस्ट में कांग्रेस के जिन नेताओं को पद दिए गए हैं, उसे कांग्रेसी नेता न्यायोचित और असमान मान रहे हैं। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि एक बोर्ड में जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल को भी सदस्य ही बनाया गया और एक सामान्य वर्कर को भी। ऐसे में यह लिस्ट योग्यता और पद के हिसाब से सही नहीं है। इधर सचिन पायलट खेमे के नेता भी उन्हें बोर्ड- आयोगों में सही पद ना मिलने से नाराज है। उन्होंने ट्वीट कर पद पर जॉइन ना करने की जानकारी दे दी है। इसमें सुशीला आसोपा और राजेश चौधरी जैसे कई नेता है।

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