RBI repo rate: चौथी बार ब्याज दर बढ़ा सकता है आरबीआई, जानिए आपके कंधे पर कितना बढ़ेगा बोझ

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RBI repo rate: चौथी बार ब्याज दर बढ़ा सकता है आरबीआई, जानिए आपके कंधे पर कितना बढ़ेगा बोझ

RBI repo rate: चौथी बार ब्याज दर बढ़ा सकता है आरबीआई, जानिए आपके कंधे पर कितना बढ़ेगा बोझ

नई दिल्ली: आरबीआई (RBI) लगातार चौथी बार रेपो रेट (repo rate) में बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। केंद्रीय बैंक की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) थोड़ी देर में इस मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे। माना जा रहा है कि महंगाई को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है। आरबीआई ने मई में रेपो रेट में 140 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा कर चुका है और यह 5.40 फीसदी पहुंच चुका है। माना जा रहा है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा कर सकता है। अगर रेपो रेट में फिर बढ़ोतरी होती है, इसका आपकी जेब पर सीधा असर होता है।

अमेरिकी फेड रिजर्व (US Fed Reserve) ने ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार 75 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। इससे रुपये पर दबाव बढ़ गया है। साथ ही खुदरा महंगाई (retail inflation) भी अगस्त में फिर बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई शुक्रवार को रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। अगर इसमें 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी होती है तो रेपो दर 5.90 परसेंट पहुंच जाएगी जो तीन साल में सबसे ज्यादा होगी। इससे बैंक भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे और आपकी लोन की किस्त बढ़ जाएगी।

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बढ़ जाएगी उधारी लागत
रेपो रेट्स में बढ़ोतरी से कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेपो रेट बढ़ने से बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ जाएगी। बैंक इसे ग्राहकों पर डालेंगे। इससे लोन लेना महंगा हो जाएगा। इससे मकानों की बिक्री भी प्रभावित होगी। कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी से बिल्डर पहले ही रियल एस्टेट की कीमत बढ़ा चुके हैं। इससे रियल एस्टेट मार्केट की रिकवरी प्रभावित होगी जो पहले ही धीमी गति से पटरी पर लौट रही है।

होम लोन पर क्या असर होगा
बैंक जो नए रिटेल लोन देते हैं, वे किसी एक्सटरनल बेंचमार्क से जुड़े होते हैं। अधिकांश मामलों में यह रेपो रेट से जुड़ा होता है। यही वजह है कि रेपो रेट में किसी भी बदलाव से होम लोन का इंटरेस्ट रेट प्रभावित होता है। यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी से अपने होम लोन की किस्त बढ़ जाएगी। साथ ही एमसीएलआर, बेस रेट और बीपीएलआर से जुड़े पुराने होम लोन पर भी इसका असर होगा।

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बढ़ जाएगी लोन की किस्त

अगर किसी व्यक्ति ने अप्रैल 2022 में 30 लाख रुपये का होम लोन 6.95 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए ले रखा है तो अभी 8.35 फीसदी के हिसाब से उसकी किस्त 25,751 रुपये होगी। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद अगर बैंक लेंडिंग रेट में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी करता है तो ब्याज दर 8.60 परसेंट पहुंच जाएगी। इससे उसकी किस्त बढ़कर 26,225 रुपये पहुंच जाएगी। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति ने अप्रैल 2022 में एक करोड़ रुपये का होम लोन 6.9 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए ले रखा है तो उसकी किस्त 76,931 रुपये होगी। लेकिन रेपो रेट में 50 बेसिस अंक की बढ़ोतरी के बाद यह 87,734 रुपये हो जाएगी।

दूसरे लोन भी महंगे हो जाएंगे

होम लोन के अलावा वीकल लोन (vehicle loan), एजुकेशन लोन (education loan), पर्सनल लोन (personal loan) और बिजनस लोन (business loan) भी महंगा हो जाएगा। बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने से आम लोग अनावश्यक खर्च से बचते हैं जिससे मांग घटती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है।

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