Ratan Tata News: कर्मचारी की जान बचाने के लिए खुद प्लेन उड़ाने को तैयार हो गए थे रतन टाटा, जानिए क्या है मामला
यह वाकया अगस्त 2004 का है। पुणे में टाटा मोटर्स (Tata Motors) के एमडी प्रकाश एम तेलंग (Prakash M Telang) की तबीयत अचानक खराब हो गई और डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत मुंबई ले जाने की सलाह दी। वह रविवार का दिन था और डॉक्टर एयर एंबुलेंस (Air Ambulance) का जुगाड़ नहीं कर पा रहे थे। जब इस बारे में रतन टाटा को बताया गया तो वह कंपनी का प्लेन उड़ाने के लिए तैयार हो गए। रतन टाटा के पास पायलट का लाइसेंस है। लेकिन इस बीच एयर एंबुलेंस का प्रबंध हो गया और प्रकाश को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया। वहां उनका सफल इलाज हुआ। प्रकाश करीब 50 साल तक टाटा मोटर्स में रहने के बाद 2012 में रिटायर हुए।
फाइटर विमान में उड़ान
देश के सबसे सफल कारोबारियों में से एक रतन टाटा एक ट्रेंड पायलट हैं और उनके पास विमान उड़ाने का लाइसेंस है। उनके पास एक दसॉ फाल्कन 2000 प्राइवेट जेट भी है, जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रुपये बताई जाती है। कुछ साल पहले उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी जिसमें वह एक फाइटर विमान की कॉकपिट में नजर आ रहे थे। यह तस्वीर 2011 की थी जब रतन टाटा ने बेंगलुरु एयरशो में बोइंग के F-18 सुपर हॉर्नोट विमान में उड़ान भरी थी। इसे उन्होंने 28 फरवरी, 2019 को अपने 82वें जन्मदिन के मौके पर इंस्टाग्राम पर शेयर किया था।
रतन टाटा ने साल 2007 में अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 में उड़ान भरी थी। तब वह 69 साल की उम्र में अमेरिकी विमान उड़ाने वाले सबसे बुजुर्ग भारतीय नागरिक थे। रतन टाटा को विमान उड़ाने का शौक विरासत से ही मिला है। उनके गुरु जेआरडी टाटा देश के पहले लाइसेंसधारक पायलट थे। जेआरडी टाटा ने पहली बार कराची से बंबई तक हवाई जहाज उड़ाया था। उन्होंने ही टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत की थी। बाद में इसका नाम एयर इंडिया (Air India) हो गया था और इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। हाल में एयर इंडिया की टाटा ग्रुप में घर वापसी हुई है।
भारत रत्न देने की मांग
रतन टाटा को कई बार देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की मांग हो चुकी है। हाल में उनके जन्मदिन पर यह मांग फिर उठी थी। पिछले साल की शुरुआत में उन्हें भारत रत्न देने की मांग को लेकर ट्विटर पर #BharatRatnaForRatanTata हैशटैग के साथ एक अभियान चलाया गया था। हालांकि तब रतन टाटा ने लोगों से इस कैंपेन को बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि वह एक भारतीय होने पर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। रतन टाटा को साल 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।