Rapidx News: रैपिड रेल के कोच में शताब्दी एक्सप्रेस जैसी सुविधा, इंटरनल लुक देखकर होगा अलग अहसास
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में रैपिड रेल के परिचालन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दिल्ली से मेरठ के बीच तैयार हो रहे रैपिडएक्स कॉरिडोर के पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड एक्स चलने की पूरी तरह से तैयार है। अब केवल पीएम नरेंद्र मोदी की हरी झंडी का इंतजार है। अभी पीएमओ की तरफ से समय नहीं दिए जाने की वजह से इसका उद्घाटन नहीं हो पा रहा है। एनसीआरटीसी अपने स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है। ट्रेन संचालन के लिए सभी जरूरी क्लियरेंस भी मिल चुका है। किराए की घोषणा होनी अभी बाकी है। अधिकारियों की मानें तो जब ट्रेन के उद्घाटन की घोषणा होगी, उसी के आसपास किराए का भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
एनसीआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक, किराया लगभग फाइनल हो चुका है। जून 2023 में प्राथमिकता खंड में ट्रेन संचालन की डेडलाइन तय की गई है। सराय काले खां से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर के पूरे कॉरिडोर में 2025 तक ट्रेन को दौड़ने की डेडलाइन तय है। रैपिड रेल का कोच शताब्दी एक्सप्रेस के कोच की तरह ही दिखाई देगा। शताब्दी एक्सप्रेस के कोच में जो सुविधाएं हैं अधिकांश सुविधाएं इसमें भी वहीं हैं। ऑनबोर्ड वाईफाई, व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए स्पेस जैसी सुविधाएं हाईस्पीड ट्रेन के कोच में अधिक हैं। जबकि इंटरनल लुक शताब्दी जैसा ही है।
एक ट्रेन में दो तरह के कोच लगाए जाएंगे। एक प्रीमियम श्रेणी का होगा दूसरा स्टैंडर्ड श्रेणी का होगा। एक ट्रेन में छह कोच होंगे। इसमें चार कोच स्टैंडर्ड श्रेणी, एक कोच प्रीमियम और एक महिला कोच होगा। प्रीमियम कोच में 60 सीटें होंगी। प्रीमियम कोच में 72 सीटें होगी। पब्लिक की सुविधा के लिए ट्रेन की ऊंचाई को बढ़ाया है। जिससे पब्लिक इसमें अपने सामान को रखकर चल सकती है। इसकी वजह से एलिवेटेड और अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर के डिजाइन में बदलाव किया गया है।
10 से 15 मिनट में मिलेगी ट्रेन
उन्होंने बताया कि शुरूआत में यात्रियों को 10 से 15 मिनट पर ट्रेन स्टेशन पर मिलेगी। लेकिन जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ती जाएगी उसके बाद हम स्टेशन पर ट्रेन आने की टाइमिंग को कम करेंगे। रात के समय छह घंटे के लिए ट्रेन की सर्विस को बंद रखा जाएगा। पहले चरण में 40 ट्रेनसेट आएंगे। इसमें 210 कोच होंगे। इस रूट पर आने वाले प्रमुख स्टेशनों को हम रेलवे, बस अड्डे और मेट्रो के साथ एकीकृत कर रहे है। अंडरग्राउंड सेक्शन में अंदर से इंटीग्रेशन किया जा रहा है। एलिवेटेड सेक्शन में ऊपर से इंटीग्रेशन हो रहा है। पब्लिक को ट्रांसपोर्ट के एक मोड से दूसरे मोड में जाने के लिए सड़क पर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मेट्रो कोच से ऐसे होगा अलग
- सिटिंग अरेंजमेंट कम पॉपर सिटिंग अरेंटमेंट
- प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर नहीं प्लेटफार्म स्क्रीन डोर की सुविधा
- कोच में स्ट्रेचर की सुविधा नहीं कोच में स्ट्रेचर के लिए जगह
- कोच में चार्जिंग पॉइंट नहीं कोच में हर सीट पर चार्जिंग पॉइंट
- ओवरहेड लगेज की सुविधा नहीं ओवरहेड लगेज रखने की सुविधा
- ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा नहीं ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा मिलेगी
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एनसीआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक, किराया लगभग फाइनल हो चुका है। जून 2023 में प्राथमिकता खंड में ट्रेन संचालन की डेडलाइन तय की गई है। सराय काले खां से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर के पूरे कॉरिडोर में 2025 तक ट्रेन को दौड़ने की डेडलाइन तय है। रैपिड रेल का कोच शताब्दी एक्सप्रेस के कोच की तरह ही दिखाई देगा। शताब्दी एक्सप्रेस के कोच में जो सुविधाएं हैं अधिकांश सुविधाएं इसमें भी वहीं हैं। ऑनबोर्ड वाईफाई, व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए स्पेस जैसी सुविधाएं हाईस्पीड ट्रेन के कोच में अधिक हैं। जबकि इंटरनल लुक शताब्दी जैसा ही है।
एक ट्रेन में दो तरह के कोच लगाए जाएंगे। एक प्रीमियम श्रेणी का होगा दूसरा स्टैंडर्ड श्रेणी का होगा। एक ट्रेन में छह कोच होंगे। इसमें चार कोच स्टैंडर्ड श्रेणी, एक कोच प्रीमियम और एक महिला कोच होगा। प्रीमियम कोच में 60 सीटें होंगी। प्रीमियम कोच में 72 सीटें होगी। पब्लिक की सुविधा के लिए ट्रेन की ऊंचाई को बढ़ाया है। जिससे पब्लिक इसमें अपने सामान को रखकर चल सकती है। इसकी वजह से एलिवेटेड और अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर के डिजाइन में बदलाव किया गया है।
10 से 15 मिनट में मिलेगी ट्रेन
उन्होंने बताया कि शुरूआत में यात्रियों को 10 से 15 मिनट पर ट्रेन स्टेशन पर मिलेगी। लेकिन जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ती जाएगी उसके बाद हम स्टेशन पर ट्रेन आने की टाइमिंग को कम करेंगे। रात के समय छह घंटे के लिए ट्रेन की सर्विस को बंद रखा जाएगा। पहले चरण में 40 ट्रेनसेट आएंगे। इसमें 210 कोच होंगे। इस रूट पर आने वाले प्रमुख स्टेशनों को हम रेलवे, बस अड्डे और मेट्रो के साथ एकीकृत कर रहे है। अंडरग्राउंड सेक्शन में अंदर से इंटीग्रेशन किया जा रहा है। एलिवेटेड सेक्शन में ऊपर से इंटीग्रेशन हो रहा है। पब्लिक को ट्रांसपोर्ट के एक मोड से दूसरे मोड में जाने के लिए सड़क पर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मेट्रो कोच से ऐसे होगा अलग
- सिटिंग अरेंजमेंट कम पॉपर सिटिंग अरेंटमेंट
- प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर नहीं प्लेटफार्म स्क्रीन डोर की सुविधा
- कोच में स्ट्रेचर की सुविधा नहीं कोच में स्ट्रेचर के लिए जगह
- कोच में चार्जिंग पॉइंट नहीं कोच में हर सीट पर चार्जिंग पॉइंट
- ओवरहेड लगेज की सुविधा नहीं ओवरहेड लगेज रखने की सुविधा
- ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा नहीं ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा मिलेगी