8 मार्च 2017 मथुरा के अमर कॉलोनी में बनबारी लाल और रविवाला नामक दंपत्ति की घर में घूसकर हत्या कर दी गई थी। पीछे रह गए उसके तीन संतान बड़ी बेटी राखी, उसके बाद बेटा राहुल और सबसे छोटी बेटी दीपा। राखी ने अपने दोनों भाई बहनों समेत अपने मम्मी-पापा के कातिलों को सजा दिलवाने की मूहिम चलाई, जिसमें धरना, प्रदर्शन, भूख हड़ताल और तमाम नेताओं के दरवाजों पर गुहार लगाई लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। आखिरकार इस सिस्टम से हार कर राखी ने 8 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली।
थाना हाइवे जनपद मथुरा एसएचओ, एसपी, डीएम, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी, मथुरा के विधायक और यूपी में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नरायण चौधरी, यूपी के मंत्री श्रीकांत शर्मा के पास भी गए लेकिन वहीं भी केवल आश्वासन ही मिला। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से दो बार मिली। सीएम के दरवाजे पर भी पहुंची पर उनके सचिव मिले, उन्हें इंसाफ के लिए चिट्ठी दी गई लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। आखिरकार इंसाफ के लिए उसने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिखी, लेकिन जवाब नहीं मिला। बीते सात महिने में उस बहादुर बेटी ने अपने माता-पिता को इंसाफ दिलाने के लिए हर तरह के प्रयास किए लेकिन बदलें में उसे सिस्टम ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया।
आत्महत्या से पहले की राखी की चिट्ठी
“मैं मम्मी पापा के कातिलों को सजा नहीं दिला पाई….मैं एक अच्छी बेटी नहीं बन पाई…मैं आप सभी से हाथ-जोड़कर विनती कर रही हूं कि मेरे दोनों भाई बहनों का ध्यान रखने के लिए सरकार से कहा जाए…मेरे मम्मी-पापा को बड़ी बेरहमी से आंख फोड़कर कील घूसाकर मार डाला गया…और पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं जुटा पाई है…मैंने बहुत कोशिश की मैं अपनी मम्मी-पापा के हत्यारों को सजा दिलवाऊंगी…जिन्होंने हमारी हंसती-खेलती दुनियां बर्बाद कर दी। हम सब बेसहारा हो गए हमारी किसी ने मदद नहीं की…ना ही कोई मंत्री यहां आया ना किसी ने हमारी फरियाद सुनी। मैं जिंदगी से हार गई, जहां भी गए सिर्फ झूठा आश्वासन मिला…मैं ऐसी जिंदगी नहीं जी पाऊंगी।”
यह आत्महत्या नहीं हत्या है
वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से हर कोई इस घटना को आत्महत्या ही कहेगा लेकिन जरा संवेदनशील होकर सोचें तो आपको लगेगा कि दरअसल राखी की हत्या की गई है और वो किया है पूरी तरह से सड़ गए हमारे सिस्टम ने। बदलाव और राम राज्य की बात करने वालों के पास ऊपर से नीचे तक कहीं भी इंसाफ नहीं है तो कोई बसहारा और असहाय क्या करे।
राहुल और दीपा का क्या होगा?
सवाल है कि राखी के बाद राहुल और दीपा का क्या होगा? माता-पिता के बाद बड़ी बहन का साया भी उनके सिर से हट गया। क्या सरकार के चंद पैसों से उनको वो जिंदगी नसीब हो पाएगी, जिसकी कल्पना उनके माता-पिता ने उनके लिए की होगी या खुद उन्होंने अपने माता-पिता के रहते अपने लिए की होगी?
पुलिस अब भी लीपा-पोती में ही लगे हैं
मथुरा पुलिस कह रही है कि जिन्होंने भी राखी को आत्महत्या के लिए उकसाया होगा उसको सजा दी जाएगी, जबकि उन्हें बेहतर मालूम है कि इसके लिए पुलिस और उत्तर-प्रदेश सरकार सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। जिन्होंने उनके माता-पिता के कत्ल के मामले में अब तक कोई कार्यवाई ऩहीं की।
सावल
क्या राखी की आत्महत्या के बाद उसके माता-पिता के कातिलों का पता चल पाएगा?
क्या राखी के छोटे भाई-बहन को न्याय मिल पाएगा?
क्या राखी के भाई बहन को पुलिस आत्महत्या करने से बचा पाएगी?
क्या सिस्टम ऐसे ही सोया रहेगा, और इस मामले में एक और आत्महत्या का इंतजार करता रहेगा?