Rakesh Jhunjhunwala holdings: 30 हजार करोड़ रुपये की शेयरहोल्डिंग्स छोड़कर गए हैं राकेश झुनझुनवाला, जानिए अब इसका क्या होगा?

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Rakesh Jhunjhunwala holdings: 30 हजार करोड़ रुपये की शेयरहोल्डिंग्स छोड़कर गए हैं राकेश झुनझुनवाला, जानिए अब इसका क्या होगा?

Rakesh Jhunjhunwala holdings: 30 हजार करोड़ रुपये की शेयरहोल्डिंग्स छोड़कर गए हैं राकेश झुनझुनवाला, जानिए अब इसका क्या होगा?

नई दिल्ली: बिग बुल (Big Bull) के नाम से मशहूर दिग्गज इन्वसेटर राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। फॉर्ब्स पत्रिका के मुताबिक झुनझुनवाला की कुल नेटवर्थ 5.8 अरब डॉलर थी और वह भारत के 48वें सबसे अमीर शख्स थे। झुनझुनवाला अपने पीछे चार अरब डॉलर यानी करीब 30 हजार करोड़ रुपये की शेयरहोल्डिंग्स छोड़कर गए हैं। उनके पोर्टफोलियो में अब भी 32 शेयर मौजूद हैं। उनके पोर्टफोलियो में टाइटन (Titan), एस्कॉर्ट (Escort), जुबिलेंट फार्मा (Jubilant Pharma), स्टार हेल्थ (Star Health), मेट्रो ब्रांड्स (Metro Brands), टाटा मोटर्स (Tata Motors), नजारा टेक्नोलॉजी (Nazara Technologies), टाटा कम्युनिकेशंस (Tata communications) और टाटा मोटर्स (Tata Motors) जैसे शेयर शामिल हैं। सवाल यह है कि उनके निधन के बाद इसका क्या होगा?

जानकारों के मुताबिक अगर किसी शेयरहोल्डर की मौत हो जाती है तो उसके स्टॉक और शेयर नॉमिनी को मिल सकते हैं। इसके लिए मृत्यु प्रमाणपत्र देना होता है। इसे नोटरी या गजेटेड ऑफिसर से अटेस्ट कराना पड़ता है। नॉमिनेशन फॉर्म एनएसडीएल या सीडीएसएल में रजिस्टर्ड होना चाहिए। अगर नॉमिनेशन रजिस्टर्ड नहीं है तो मृतक के उत्तराधिकारियों को प्रोबेट ऑफ विल, सक्सेशन सर्टिफिकेट या लेटर्स ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में से कोई एक दस्तावेज सबमिट करना पड़ता है। जानकारों के मुताबिक नॉमिनी ट्रस्टी होता है मालिक नहीं। अगर मृतक ने कोई वसीयत यानी विल छोड़ी है तो शेयर उसके मुताबिक बांटे जाएंगे। अगर वसीयत नहीं है तो उत्तराधिकारियों के बीच शेयरों का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत होगा।

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पूरा काम करके गए हैं झुनझुनवाला
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक झुनझुनवाला ने सारी औपचारिकताएं पूरी की हैं। एक सूत्र ने बताया कि वह अपनी सारी संपत्ति अपनी पत्नी रेखा झुनझुनवाला और अपने तीनों बच्चों के नाम पर छोड़कर गए हैं। इनमें लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों में डायरेक्ट होल्डिंग्स के साथ-साथ अचल संपत्ति भी शामिल है। सूत्र ने कहा कि उनकी एसेट्स को प्रोफेशनल्स और फैमिली मेंबर्स मैनेज करेंगे।

सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य कारणों से झुनझुनवाला ने अधिकांश कंपनियों में पिछले साल अपनी बोर्ड पोजीशन छोड़ दी थी। उनकी इनवेस्टमेंट कंपनी रेयर एंटरप्राइजेज को उत्पल शेठ और अमित गोयला की अगुवाई वाला मैनेजमेंट चलाएगा। कंपनी का कहना है कि झुनझुनवाला हमेशा डिटेल पर नजर रखते थे और उन्होंने अगली पीढ़ी को कमान सौंपने के लिए व्यापक प्लान बना रखा था।

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पांच हजार रुपये से की थी शुरुआत
झुनझुनवाला ने 5,000 रुपये से निवेश के सफर की शुरुआत की थी। ट्रेडिंग शुरू करने के एक साल बाद यानी 1986 में झुनझुनवाला के हाथों में बड़ी सफलता लगी। इस सौदे में उन्‍होंने पांच लाख रुपये का मुनाफा कमाया था। उन्‍होंने टाटा टी के पांच हजार शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे थे। तीन महीनों में शेयर का भाव बढ़कर 143 रुपये हो गया था। यानी उनके निवेश का मूल्‍य तीन गुना बढ़ गया था। उन्होंने जो भी शेयर खरीदे, उनमें से अधिक मल्टीबैगर बने। उनका सबसे ज्‍यादा निवेश टाइटन में है। इस शेयर ने झुनझुनवाला को बिग बुल बनाया था।

झुनझुनवाला RARE एंटरप्राइजेज नाम की निजी ट्रेडिंग फर्म चलाते थे। इसकी नींव उन्‍होंने 2003 में रखी थी। इस कंपनी के पहले दो शब्‍द ‘RA’ उनके नाम पर थे। वहीं, ‘RE’ उनकी पत्‍नी रेखा के नाम के शुरुआती शब्‍द हैं। हाल में राकेश झुनझुनवाला ने एविएशन इंडस्‍ट्री में कदम रखा थे। उनकी एयरलाइन का नाम आकासा एयर है। इस कंपनी ने हाल में सात अगस्त से अपनी कमर्शियल फ्लाइट्स शुरू की थी।

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