Rajendra Pal Gautam: दिल्ली के पुराने दलित नेता हैं राजेंद्र पाल, जिन्हें एक बयान के चलते देना पड़ा इस्तीफा

128
Rajendra Pal Gautam: दिल्ली के पुराने दलित नेता हैं राजेंद्र पाल, जिन्हें एक बयान के चलते देना पड़ा इस्तीफा

Rajendra Pal Gautam: दिल्ली के पुराने दलित नेता हैं राजेंद्र पाल, जिन्हें एक बयान के चलते देना पड़ा इस्तीफा

नई दिल्लीः दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। विजयादशमी के मौके पर बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाने के लिए हुए एक कार्यक्रम में उन पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के आरोप लगे हैं। इसके बाद बढ़ते राजनीतिक विवाद के बीच केजरीवाल सरकार के इकलौते दलित मंत्री को पद छोड़ना पड़ा। हालांकि अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की साजिश रच रही है, जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ है।

राजेंद्र पाल गौतम का जन्म 26 अप्रैल 1968 को दिल्ली के घोंडा इलाके में हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया और एलएलबी की डिग्री हासिल की। साल 1983 में राजेंद्र पाल ने कुछ साथियों के साथ मिलकर डॉ. आंबेडकर जागृति संघ बनाया। फिर 1985 से घोंडा इलाके में ही कुछ बच्चों को मुफ्त पढ़ाना शुरू किया और दलितों की समस्याओं को हल करने के लिए कोशिशें शुरू कीं। 1987 में समता सैनिक दल से जुड़े। डॉ.आंबेडकर ने इस नाम से संगठन की स्थापना 1924 में की थी। साल 2002 में वह संगठन के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाए गए, साथ ही उनकी वकालत भी चलती रही। आंबेडकरवादी सोच को आगे बढ़ाने के मिशन पर वह शुरुआत से ही काम कर रहे हैं।

विवादों में घिरे मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिया इस्तीफा, सीएम ने किया बचाव
दिल्ली में अन्ना आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी जब दिल्ली चुनाव में उतरी, तो 2014 में आप नेताओं की ओर से उनसे संपर्क किया गया और उन्हें सीमापुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की गई। शुरुआत में तो राजेंद्र पाल ने चुनाव लड़ने में झिझक दिखाई, लेकिन बाद में वह तैयार हो गए। फरवरी 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने करीब 49 हजार वोटों से सीमापुरी सीट जीती। 2016 में दिल्ली के तत्कालीन अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संदीप कुमार को एक विवादित विडियो के मामले मे अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा, जिसके बाद 2017 में राजेंद्र पाल गौतम को दिल्ली सरकार की कैबिनेट में जगह मिली। 2020 में आम आदमी पार्टी दोबारा ऐतिहासिक बहुमत के साथ सत्ता में आई और गौतम को फिर से मंत्री पद मिला। हालांकि बीच-बीच में उनके विभागों में कुछ फेरबदल होता रहा है।

इसी साल मार्च में उनसे एक विभाग वापस ले लिया गया था। इस्तीफा देने से पहले उनके पास समाज कल्याण विभाग, एससी-एसटी विभाग, कोऑपरेटिव और गुरुद्वारा चुनाव के विभाग थे। दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद राजेंद्र पाल गौतम का कहना है कि वह अब देश भर में छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाएंगे। दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई तेज करेंगे। दिलचस्प है कि नागपुर में भी इसी तरह के दीक्षा कार्यक्रम में ये प्रतिज्ञाएं दोहराई गई थीं, और वहां भारत सरकार के दो-दो मंत्री मौजूद थे। लेकिन बीजेपी ने गुजरात चुनाव को ध्यान में रखते हुए राजेंद्र पाल गौतम के कार्यक्रम को मुद्दा बनाया है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News