राजस्थान: Amit Shah दौरे की तैयारियों के बीच Vasundhara Raje क्यों हैं चर्चा में? | Vasundhara Raje Bikaner Visit after Amit Shah Jodhpur visit | Patrika News
शाह के जाने के बाद वसुंधरा का ‘शक्ति प्रदर्शन’!
राजस्थान भाजपा के मिशन 2023 को धार देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश 10 सितंबर को जोधपुर आएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र से वे भाजपा की राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चे की कार्यकारिणी के मार्फ़त बूथ स्तर तक को मजबूत करने को लेकर अपने विचार रखेंगे। लेकिन उनकी दिल्ली वापसी के कुछ दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का प्रस्तावित ‘शक्ति प्रदर्शन’ एक बार फिर अंदरूनी एकजुटता के दावों की पोल खोल डालेगा।
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बीकानेर संभाग में बड़े आयोजनों की तैयारी
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुट के नेता इन दिनों राजे की बीकानेर संभाग के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में ज़ोर-शोर से जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि राजे 18 सितंबर से बीकानेर संभाग के दौरे पर रह सकती हैं। इस दौरान वे पूरे संभाग में दौरे करते हुए देव दर्शन सहित सम्मेलनों-रैलियों और कई अन्य आयोजनों में शिरकत कर सकती हैं। उनके सिलसिलेवार दौरों के कार्यक्रमों की रूपरेखा को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राजे गुट के नेता दिख रहे सक्रीय
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के प्रस्तावित बीकानेर संभाग के दौरे को लेकर राजे गुट के तमाम नेता इन दिनों सक्रीय नज़र आ रहे हैं। कई नेता तो बीकानेर में ही कैम्प करके तैयारियों में जुटे हुए हैं। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, प्रताप सिंह सिंघवी, प्रहलाद गूंजल, यूनुस खान के अलावा पूर्व विधायक अशोक परनामी सरीखे नेता राजे दौरे को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
बताया जा रहा है कि बीकानेर संभाग दौरे के दौरान वे बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर जिलों की यात्रा कर सकती हैं। कई स्थानों पर स्वागत अभिनन्दन करने के साथ ही संभायें किये जाने की योजना बनाई जा रही है।
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वक्त-वक्त पर दिख चुके हैं ‘शक्ति प्रदर्शन’!
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इससे पहले भरतपुर संभाग में जन्मदिन मनाकर अपनी सियासी ताकत दिखा चुकी हैं। इसके अलावा वे उदयपुर संभाग के विभिन्न मंदिरों के दर्शन के माध्यम से अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए क्षेत्रों का दौरा कर सभाओं को संबोधित कर चुकी है। वसुंधरा राजे जोधपुर संभाग का भी दौरा कर अपनी सियासत ताकत दिखा चुकी है।
ओबीसी वोट बैंक पर फोकस
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद के लक्ष्मण ने पत्रिका को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जोधपुर में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में आगामी रणनीति तय होगी। छह माह के लिए एक्शन प्लान भी तैयार होगा। इस वर्ग के बीच जाने के लिए महाअभियान चलेगा। केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में ओबीसी के हित में लिए गए निर्णयों से जनता को अवगत कराया जाएगा।
जोधपुर को ही मीटिंग के लिए क्यों चुना?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं और उनका गृह जनपद भी जोधपुर है। ऐसे में भाजपा ने मुख्यमंत्री के गृह जनपद में ही ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी आयोजित कर एक खास संदेश और चुनौती देने की कोशिश की है।
राजस्थान में ओबीसी तय करते हैं जीत-हार
राजस्थान में 52 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आबादी है। यह वर्ग किसी भी पार्टी की हार-जीत तय करने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में पार्टी ने ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राजस्थान में शिफ्ट कर माहौल बनाने की कोशिश की है। मोदी सरकार में 61 प्रतिशत ओबीसी मंत्री हैं। ओबीसी आयोग को केंद्र सरकार संवैधानिक दर्जा दे चुकी है। ओबीसी वर्ग से जुड़े ऐसे तमाम निर्णयों के बारे में मोर्चा समुदाय को बताएगा।
शाह के जाने के बाद वसुंधरा का ‘शक्ति प्रदर्शन’!
राजस्थान भाजपा के मिशन 2023 को धार देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश 10 सितंबर को जोधपुर आएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र से वे भाजपा की राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चे की कार्यकारिणी के मार्फ़त बूथ स्तर तक को मजबूत करने को लेकर अपने विचार रखेंगे। लेकिन उनकी दिल्ली वापसी के कुछ दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का प्रस्तावित ‘शक्ति प्रदर्शन’ एक बार फिर अंदरूनी एकजुटता के दावों की पोल खोल डालेगा।
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बीकानेर संभाग में बड़े आयोजनों की तैयारी
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुट के नेता इन दिनों राजे की बीकानेर संभाग के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में ज़ोर-शोर से जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि राजे 18 सितंबर से बीकानेर संभाग के दौरे पर रह सकती हैं। इस दौरान वे पूरे संभाग में दौरे करते हुए देव दर्शन सहित सम्मेलनों-रैलियों और कई अन्य आयोजनों में शिरकत कर सकती हैं। उनके सिलसिलेवार दौरों के कार्यक्रमों की रूपरेखा को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राजे गुट के नेता दिख रहे सक्रीय
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के प्रस्तावित बीकानेर संभाग के दौरे को लेकर राजे गुट के तमाम नेता इन दिनों सक्रीय नज़र आ रहे हैं। कई नेता तो बीकानेर में ही कैम्प करके तैयारियों में जुटे हुए हैं। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, प्रताप सिंह सिंघवी, प्रहलाद गूंजल, यूनुस खान के अलावा पूर्व विधायक अशोक परनामी सरीखे नेता राजे दौरे को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
बताया जा रहा है कि बीकानेर संभाग दौरे के दौरान वे बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर जिलों की यात्रा कर सकती हैं। कई स्थानों पर स्वागत अभिनन्दन करने के साथ ही संभायें किये जाने की योजना बनाई जा रही है।
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वक्त-वक्त पर दिख चुके हैं ‘शक्ति प्रदर्शन’!
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इससे पहले भरतपुर संभाग में जन्मदिन मनाकर अपनी सियासी ताकत दिखा चुकी हैं। इसके अलावा वे उदयपुर संभाग के विभिन्न मंदिरों के दर्शन के माध्यम से अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए क्षेत्रों का दौरा कर सभाओं को संबोधित कर चुकी है। वसुंधरा राजे जोधपुर संभाग का भी दौरा कर अपनी सियासत ताकत दिखा चुकी है।
ओबीसी वोट बैंक पर फोकस
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद के लक्ष्मण ने पत्रिका को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जोधपुर में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में आगामी रणनीति तय होगी। छह माह के लिए एक्शन प्लान भी तैयार होगा। इस वर्ग के बीच जाने के लिए महाअभियान चलेगा। केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में ओबीसी के हित में लिए गए निर्णयों से जनता को अवगत कराया जाएगा।
जोधपुर को ही मीटिंग के लिए क्यों चुना?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं और उनका गृह जनपद भी जोधपुर है। ऐसे में भाजपा ने मुख्यमंत्री के गृह जनपद में ही ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी आयोजित कर एक खास संदेश और चुनौती देने की कोशिश की है।
राजस्थान में ओबीसी तय करते हैं जीत-हार
राजस्थान में 52 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आबादी है। यह वर्ग किसी भी पार्टी की हार-जीत तय करने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में पार्टी ने ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राजस्थान में शिफ्ट कर माहौल बनाने की कोशिश की है। मोदी सरकार में 61 प्रतिशत ओबीसी मंत्री हैं। ओबीसी आयोग को केंद्र सरकार संवैधानिक दर्जा दे चुकी है। ओबीसी वर्ग से जुड़े ऐसे तमाम निर्णयों के बारे में मोर्चा समुदाय को बताएगा।