Rajasthan Politics : दूसरे की विधायकी को खतरे में डालने वाले BJP नेता राजेंद्र राठौड़ खुद आए मुश्किल में ! जानिए पूरा मामला
सुनवाई हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ले सकते हैं सख्त निर्णय
सोमवार 23 जनवरी को विधानसभा सत्र प्रारम्भ हो रहा है। 24 जनवरी को मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढा ने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर सुनवाई की मांग की है। अगर इस प्रकरण की सुनवाई होती है तो विधानसभा अध्यक्ष इस प्रकरण में राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ सख्त निर्णय भी ले सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष के पास यह भी अधिकार है कि वे विधायक पद से निलंबित भी कर सकते हैं। हालांकि ऐसा लगता नहीं कि विधानसभा अध्यक्ष कोई सख्त निर्णय लेंगे।
राठौड़ बोले – नियमों को पढते तो विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश नहीं करते
संयम लोढा की ओर से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री के सलाहकार को बधाई देते हुए कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि अब संयम लोढ़ा को डेढ महीने से विचारनीय 91 विधायकों के इस्तीफे का ध्यान आया। विधानसभा के नियम और प्रक्रिया के नियम 53 में स्पष्ट प्रावधान है कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हो ।उन पर सदन में विचार नहीं किया जा सकता है। राठौड़ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सलाहकार महोदय, अगर विधानसभा के नियम 157 ,जिसमें विशेषाधिकार का प्रस्ताव लेकर आए, अगर उस नियमों का अध्ययन कर लेते तो ऐसी गलती नहीं करते।
ये है मामला
25 सितंबर 2022 की आधी रात को कांग्रेस के करीब 91 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर जाकर इस्तीफा पेश किया था। कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, इसकी कोई जानकारी विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की ओर से साझा नहीं की गई। लंबे समय तक विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित थे। इसी दौरान 1 दिसंबर को उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके हुए विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने या उन पर अंतिम निर्णय लिए जाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट की ओर से विधानसभा सचिव और अध्यक्ष से जवाब तलब किया गया। हाल ही में हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि विधानसभा सचिव इस बात का स्पष्ट जवाब दें कि इस्तीफों पर कब क्या निर्णय लिया गया। इससे जुड़े दस्तावेज भी पेश करने को कहा गया है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)