Rajasthan Politics : अशोक गहलोत को मिल गया ‘जीवनदान’, राजस्थान में सचिन पायलट का मिशन सीएम फेल!

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Rajasthan Politics : अशोक गहलोत को मिल गया ‘जीवनदान’, राजस्थान में सचिन पायलट का मिशन सीएम फेल!

Rajasthan Politics : अशोक गहलोत को मिल गया ‘जीवनदान’, राजस्थान में सचिन पायलट का मिशन सीएम फेल!

जयपुर : राजस्थान कांग्रेस में उठापटक के बीच अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अब साफ संकेत दिए हैं कि मुख्यमंत्री तो वही बने रहेंगे। गहलोत ने आगामी बजट पेश करने की बात एक महीने पहले ही कह दी थी और अब प्रदेश के लोगों से बजट के लिए सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने बुधवार शाम को विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बजट के सुझावों को लेकर बैठक भी ली। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर 25 सितंबर से शुरू हुई उठापटक के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पर फैसला लंबित रखा था। 29 सितंबर को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दो दिन में फैसला करने की बात कही थी। हालांकि, करीब डेढ़ महीना बीतने के बावजूद अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।

पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर बयानबाजी जारी
29 सितंबर को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान के भावी मुख्यमंत्री को लेकर केंद्रीय नेतृत्व का फैसला दो दिन में बताने की बात कही थी। हालांकि, 10 नवम्बर तक आलाकमान ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया। इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान पर ही सवाल खड़े कर दिए। सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बयान दे चुके कि दो दिन में फैसला लेने की बात कहकर केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। इससे आलाकमान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे। आलाकमान को जल्द अपना निर्णय लेना चाहिए ताकि कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति स्पष्ट हो सके।

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2 नवम्बर को पायलट बोले- शीघ्र होगा फैसला
2 नवम्बर को जयपुर में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा था कि उनकी केसी वेणुगोपाल से बात हुई है। मुख्यमंत्री पद को लेकर आलाकमान शीघ्र ही निर्णय लेने वाला है। इस बात को भी 9 दिन बीत गए लेकिन अभी तक कांग्रेस हाईकमान ने कोई निर्णय नहीं लिया। इसी दिन सचिन पायलट ने अशोक गहलोत की तुलना गुलाम नबी आजाद से की थी। पायलट ने कहा था कि मोदीजी ने पहले आजाद की तारीफ की थी तो उसका परिणाम सबके सामने हैं। अब उन्होंने गहलोत जी की तारीफ की है तो हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। पायलट के बयान के अगले ही दिन गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि महत्वकांक्षा रखना अच्छी बात है लेकिन वह सही दिशा में होनी चाहिए। गहलोत की इस नसीहत के बाद से पार्टी में फिलहाल सन्नाटा बना हुआ है।

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पायलट समर्थक कई विधायक दे चुके चेतावनी
सचिन पायलट की पैरवी करने वाले वेद प्रकाश सोलंकी, इंद्राज गुर्जर, खिलाड़ीलाल बैरवा और अन्य विधायक पिछले कुछ दिनों से शांत बैठे हैं। पायलट के तीन समर्थक भी पहले खुली चुनौती दे चुके हैं कि अगर पायलट को सीएम नहीं बनाया तो कई विधायकों के सब्र का बांध टूट सकता है। कुछ विधायकों ने यह भी धमकी दे डाली कि पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने पर पार्टी को आगामी चुनाव में बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने दो दिन पहले यह बयान दिया था कि पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने पर आगामी चुनावों में कांग्रेस उतने ही विधायक ही जीतेंगे जितने एक फॉर्चूनर गाड़ी में बैठ सकते हैं। फिर एक ही फॉर्चूनर में बैठकर तीर्थ यात्रा करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। फिलहाल आलाकमान हर गतिविधि पर नजर रख रहा है।

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राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान फिर सामने आ सकता है विवाद
3 दिसम्बर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंचेगी। यात्रा करीब 17 दिन तक राजस्थान के विभिन्न जिलों से गुजरेगी। इस दौरान पायलट समर्थक विधायकों का गुस्सा वापस फूट सकता है। अपनी बात आलाकमान तक पहुंचाने का उन्हें अच्छा अवसर मिलने वाला है। अगर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विधायकों का सब्र टूटता है तो एक बार फिर पार्टी की फजीहत होना तय है। हालांकि कांग्रेस के नेता सब मैनेज करने में लगे हुए हैं लेकिन पायलट समर्थकों को शांत रखना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर

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