Rajasthan Politics : राजस्थान में BJP के 'गढ़' पर फतह करने का मिशन, इन विरोधी दलों के बीच होगा अब तक का सबसे बड़ा गठबंधन | Congress RLP CPI CPIM alliance against BJP NDA for Lok Sabha elections in Rajasthan | News 4 Social h3>
Lok Sabha Election 2024 Alliance in Rajasthan : लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भाजपा ने एक सीट का त्याग राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लिए किया था। तब नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल को उतारा था जिसमें वे जीत हासिल कर संसद तक पहुंचे थे।
राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव (वर्ष 2014 और वर्ष 2019) में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने ‘क्लीन स्वीप’ की है। इन ज़बरदस्त बैक-टू-बैक परफॉर्मेंस के बाद अब इस ‘गढ़’ में हैट्रिक की तैयारी है। इधर तमाम विरोधी दल भाजपा के सभी 25 सीटों पर जीत के मंसूबों पर पानी फेरने की तैयारी कर रहे हैं। इस कवायद में संभावनाएं बन रही हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में विरोधी दलों का अब तक का सबसे बड़ा गठबंधन हो सकता है।
ये तमाम पार्टियां आ सकती हैं साथ
सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में भाजपा के विरोधी दलों का सबसे बड़ा गठबंधन होना लगभग तय है। इनमें सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी), भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी), भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीआईएम) सहित कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों का साथ मिल सकता है।
दरअसल, ये बात नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र हो रही बैठकों से निकलकर सामने आ रही है। बताया गया है कि राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान की हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के साथ ही बीएपी, सीपीआई और सीपीआईएम के साथ गठबंधन को लेकर मंगलवार रात को वार्ता चली। इस पर जल्द ही कुछ निर्णय हो सकता है।
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… तो इस बार कांग्रेस को करना होगा त्याग!
राजस्थान में यदि लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र विरोधी दलों के बीच गठबंधन हो जाता है, तब इसका असर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण और सीट शेयरिंग पर झलकना तय है। ऐसे में साथी दलों से समझौते के बाद कांग्रेस को सभी 25 सीटों पर खुद की पार्टी के उम्मीदवार उतारने का मोह त्यागना पड़ सकता है।
सीपीआई और सीपीआईएम से समझौते के तहत राजस्थान या अन्य राज्य में सीट छोड़ी जाएंगी। वहीं प्रदेश में बीएपी के लिए उदयपुर या बांसवाड़ा और आरएलपी के लिए नागौर या अन्य कोई एक सीट छोड़ी जा सकती है।
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पिछले चुनाव में भाजपा ने छोड़ी थी एक सीट
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भाजपा ने एक सीट का त्याग राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लिए किया था। तब हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन किया था। एनडीए ने नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल को ही उतारा था जिसमें वे जीत हासिल कर संसद तक पहुंचे थे।