Rajasthan Politics : कांग्रेस के दो प्रत्याशी चुनाव से ऐन पहले रहस्यमयी अंदाज़ से लापता- फोन भी स्विच ऑफ़! | rajasthan banswara dungarpur congress candidates absconding just before election breaking big news | News 4 Social h3>
राजस्थान में जारी है ‘अजब-गजब खेला’! आखिरी वक्त पर कांग्रेस प्रत्याशी लापता, फोन स्विच ऑफ़… ना परिवार को खबर ना नेता-कार्यकर्ताओं को जानकारी
राजस्थान की बासंवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर नामांकन वापसी के आखिरी दिन के आखिरी समय तक अजब-गजब खेला जारी रहा। कांग्रेस आलाकमान ने जहां इस लोकसभा सीट के प्रत्याशी के साथ ही बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के प्रत्याशी के नाम वापसी का ऐलान कर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन देने का ऐलान किया, वहीं इस घोषणा के बाद से ही इन दोनों सीटों पर खलबली मची रही।
इधर, नामांकन वापसी प्रक्रिया ख़त्म होने के चंद रहे वक्त पहले दो प्रत्याशी अचानक और रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए, इससे कांग्रेस पार्टी में हड़कंप का माहौल बना रहा। दोनों प्रत्याशी कहां ‘लापता’ हो गए किसी को कोई खबर नहीं लगी। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर का फोन देर रात से स्विच ऑफ़ बता रहा है।
रंधावा के ट्वीट से मच खलबली
बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट और बांसवाड़ा विधानसभा सीट पर घोषित प्रत्याशी के नाम वापसी का ऐलान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से किया था। बस उसके बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशियों से लेकर स्थानीय समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच खलबली मच गई। रंधावा ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन देने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने का ऐलान किया था।
रंधावा ने लिखा, ‘आगामी चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र और बागीदौरा विधान सभा के उप चुनाव में करेगी। भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।’
इधर, भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के लोकसभा प्रत्याशी राजकुमार रोत ने कांग्रेस के इस फैसले का स्वागत किया है। एक प्रतिक्रिया जारी करते हुए रोत ने लिखा, ‘कांग्रेस ने भारत की लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था को संरक्षित करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने “बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र एवं बागीदौरा विधान सभा उप चुनाव” में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) को समर्थन देने की घोषणा की, उसका हम स्वागत करते है।’
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सकते में स्थानीय नेता
कांग्रेस के अचानक लिए इस फैसले पर बांसवाड़ा और डूंगरपुर दोनों जिलों के कांग्रेस नेता सकते में हैं। यहां भाजपा ने पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया को, तो बीएपी ने चौरासी (डूंगरपुर) विधायक राजकुमार रोत को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके बाद 4 अप्रेल को नामांकन के आखिरी समय में कांग्रेस ने नए चेहरे अरविंद डामोर से पर्चा भरवाया था। अब ऐन वक्त पर नाम वापसी के ऐलान से हर कोई सकते हैं।
पहले उतारे प्रत्याशी, अब गठबंधन
बीएपी और कांग्रेस में इंडिया गठबंधन को लेकर चर्चाएं लंबे समय से थी, लेकिन तालमेल नहीं बैठने से एक के बाद एक दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे। फिर नामांकन के आखिरी दिन बीएपी प्रत्याशी ने लोकतंत्र बचाने की दुहाई देकर ट्वीट किया और अब कांग्रेस की ओर से आए ट्वीट ने तस्वीर स्पष्ट कर दी है।
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भारी पड़ी थी कांग्रेस पर
इससे पहले हाल ही हुए विधानसभा चुनाव की दृष्टि से देखा जाए तो बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में पांच पर कांग्रेस, दो पर भाजपा और एक पर बीएपी का कब्जा हुआ। कांग्रेस भारी पड़ी, लेकिन इन सभी सीटों पर टक्कर में बीएपी रही। उधर, उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में दो पर बीएपी का कब्जा है।
‘लापता’ प्रत्याशी का मैसेज
लोकसभा चुनाव के लिए घोषित कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर भले ही व्यक्तिगत रूप से देर रात से लापता हैं, लेकिन उन्होंने वर्चुअल रूप से एक संदेश ज़रूर जारी किया है। डामोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा, ‘कांग्रेस की आस भरोसा, आत्मसम्मान जिंदा रखने की लड़ाई है। लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। हमारे नेता राहुल गांधी के न्याय यात्रा की लड़ाई है। लड़ेंगे और जीतेंगे।’