ऐसा क्या हुआ कि रेलवे ने एक हफ्ते में ही वापिस ले लिया यह अहम फैसला, जानिए क्या वजह

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नई दिल्ली: कुछ दिन पहले ही इंडियन रेलवे ने एक बहुत अहम फैसला लिया था. जिसमें ट्रेन में सफर के दौरान अधिक सामान ले जाने पर यात्री को जुर्माना देना पड़ेगा. पर रेलवे ने आज इस फैसले में एक आदेश दिया कि अब ट्रेन से सफर के दौरान तय भार से अतिरिक्त सामान ले जाने पर लगाने वाला जुर्माना अब यात्रियों पर नहीं लगेगा.

क्या है योजना को वापिस करने का कारण

एक सप्ताह पहले ही इस पहल को लेकर रेलवे प्रशासन ने घोषणा की थी. पर कुछ लोगों द्वारा इस योजना की सोशल मीडिया में कड़ी निंदा की गई, जिसके कारण इस फैसलों को वापिस लिया गया है. आपको बता दें कि रेलवे ने पिछले सप्ताह कहा था कि ज्‍यादा सामान ले जाने पर यात्रियों से छह गुना अधिक जुर्माना वसूला जाएग. दरअसल, इसके जरिए रेलवे विभाग ने ऐसा इसलिए कर था ताकि यात्री भीड़ और अन्य समस्याओं से बच सकें. लेकिन इस योजना की सोशल मीडिया में आलोचकों द्वारा जमकर आलोचना हुई है जिसके तहत बाद में सरकार को यह कदम वापस लेना पड़ा.

within a week the railways took their own decision now it will not take much longer on the goods 1 news4social -

रेलवे मंत्रालय का बयान

इस मुद्दे पर रेलवे मंत्रालय ने कहा कि इस पहल का मकसद सिर्फ यात्रियों को जागरूकता को बढ़ाने का था. रेलवे ने अधिक भार की जांच के लिए एक जून से छह जून तक अतिरिक्त सामान ले जाने पर जुर्माना लगाने का फैसला किया था. तय मात्रा से अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों से छह गुना अधिक जुर्माना वसूलने की बात कही गई, लेकिन रेल से अक्‍सर सफर करने वालों यात्रियों को यह योजना रास नहीं आया. जिसके कारण रेलवे को सोशल मीडिया में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी.

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी का बयान

इस मुद्दे पर रेल मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने कहा कि इस योजना को लागू करने का सिर्फ यह उद्देश्य एक तो लोगों को जागरुक करना और दूसरा सफर करने वाले यात्री अधिक से ज्यादा सामान यात्रा करने के दौरान लाते है तो उनके वजह से अन्य यात्रियों को इस असुविधा का सामना करना पड़ता है. बाजपेयी का मानना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान अक्‍सर यात्री अधिक सामान के साथ यात्रा करते हैं, जिससे अन्‍य यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ती है. इसलिए विशेष अभियान शुरू किया गया, ताकि लोगों को इस बारे में बताया और जागरूक किया जा सके कि यात्रा के दौरान कितना अधिकतम सामान ले जाया जा सकता हैं.