गुजरात चुनाव दिसंबर में है, ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर गुजरात में परिवर्तन होगा या फिर से बीजेपी राज करेगी। लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के अच्छी खबर है कि राहुल गांधी की मेहनत धीरे धीरे ही सही लेकिन रंग लाती दिख रही है। आइये खबर पर एक नजर डालते है….
आपको बता दें कि गुजरात की सत्ता से कांग्रेस 22 साल से बाहर है, ऐसे में राहुल गांधी गुजरात में ऐड़ी चोटी का बल लगाते नजर आ रहे है। साथ ही इस बार राहुल गुजरात में पूरी रणनीति के साथ उतरे है।
गुजरात फतह करने के लिए जातीय समीकरण…
आपको बता दें कि गुजरात को जीतने के लिए राहुल गांधी जातीय समीकरण पर सियासत करते नजर आ रहे है। राहुल की मेहनत सफल होती इसीलिए मानी जा सकती है क्योंकि कांग्रेस कही न कही पाटीदार समुदाय को अपने खेमे में कर चुकी है।
पिछले दो विधानसभा चुनाव से कांग्रेस का ग्राफ बढ़ा है…
ज्यादा पीछे जाने की बात नहीं है, क्योंकि अगर गुजरात में पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यह पूरी तरह से साफ होता है कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और बीजेपी का घट रहा है, लेकिन कांग्रेस के लिए यह बहुत मुश्किल लक्ष्य होगा क्योंकि गुजरात में कांग्रेस को सत्ता में आने के लिए 92 सीट चाहिए, जोकि अपने आप में बड़ी बात है।
आकड़ो की बात करें….
आपको बता दें कि गुजरात में 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें घटी तो कांग्रेस की बढ़ी है। आकड़े कुछ ये कहते है कि 2007 में बीजेपी को 117, कांग्रेस को 59 और अन्य को 6 सीटें मिलीं तो वही 2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो एक बार फिर बीजेपी को झटका लगा और 2007 की तुलना में उसे दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा और कांग्रेस को 2 सीटों का फायदा हुआ। साथ ही आपको ये भी बता दें कि 2012 में बीजेपी को 115, कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली थी।
ऐसे में आकड़ो की बात करे तो वाकई कांग्रेस का ग्राफ पिछले 15 सालों में बढ़ता ही जा रहा है। अब राहुल गांधी कांग्रेस का वनवास खत्म करने की कोशिश में है।