भारतीय मूल के रघुराम राजन बन सकते हैं इस विदेशी बैंक के गवर्नर

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भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन दुनिया के उन बड़े अर्थशास्त्रियों में शामिल हैं, जो बैंक आफ इंग्लैंड के गवर्नर बनने की दौड़ में शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की सरकार इस पद के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो रघुराम राजन एक बार फिर किसी केंद्रीय बैंक के शीर्ष पद पर अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। यूनाइटेड किंगडम के अखबार फायनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) के प्रमुख पद के संभावित दावेदार के तौर पर राजन का नाम आया है।

रविवार को अखबार में छपे एक आलेख में कहा गया है कि मेक्सिको के केंद्रीय बैंक के प्रमुख व बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के नए महाप्रबंधक ऑस्टिन कार्स्टन्स के बजाए शिकागो के अति सम्मानित अर्थशास्त्री और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को आकृष्ट करना एक अप्रत्याशित कदम होगा। रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश चांसलर व एक्सचेकर फिलीप हैमंड बीओई के गवर्नर मार्क कार्ने की जगह 2019 में नए गवर्नर के चयन की प्रक्रिया आरंभ कर रहे हैं।

बता दें कि कनाडा में जन्में मार्क कार्ने इंग्लैंड के केंद्रीय बैंक के गवर्नर हैं। जून, 2019 में उनका कार्यकाल पूरा हो जाएगा। तीन शताब्दियों के इतिहास में 2013 में पहली बार उन्होंने विदेशी गवर्नर के रूप में यह पद संभाला था। अब उनके उत्तराधिकारी की तलाश भी वैश्विक स्तर पर की जा रही है। यानी इस बार फिर विदेशी अर्थशास्त्री को कमान मिल सकती है।

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अखबार में छपे आलेख के मुताबिक, फिलीप हैमंड ने कहा है कि वह वाशिंगटन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वसंत की बैठक जैसे मंचों में उम्मीदवारों की तलाश पहले ही शुरू कर चुके हैं। हैमंड ने बैठक के मौके पर कहा, “हालांकि औपचारिक प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन मेरे अलावा कई अन्य लोगों की नज़र किसी संभावित उम्मीदवार पर गई होगी।”

हैमंड के बयान से ज़ाहिर है कि वह देश से बाहर कार्ने के वारिश की खोज कर रहे हैं और वह ऐसी शख्सियत की तलाश में हैं, जो वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव बना सकता है, क्योंकि ब्रिटेन ब्रेक्जिट के लिए तैयार है।

रघुराम राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिज़नेस में प्रोफेसर हैं। वह सिंतबर 2013 से लेकर सिंतबर 2016 तक आरबीआई के गवर्नर थे। वह आईएमएफ के पश्चिमी देशों से बाहर से आने वाले और सबसे कम उम्र के पहले मुख्य अर्थशास्त्री व अनुसंधान निदेशक रहे हैं। राजन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के वाइस चेयरमैन के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।