Raghav Chadha role: आम आदमी पार्टी का मिशन 2022, राघव चड्ढा को गुजरात भेजने के पीछे केजरीवाल का क्या है प्लान?

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Raghav Chadha role: आम आदमी पार्टी का मिशन 2022, राघव चड्ढा को गुजरात भेजने के पीछे केजरीवाल का क्या है प्लान?

Raghav Chadha role: आम आदमी पार्टी का मिशन 2022, राघव चड्ढा को गुजरात भेजने के पीछे केजरीवाल का क्या है प्लान?

अचलेंद्र कटियार, अहमदाबाद: सितंबर महीना जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा वैसे-वैसे गुजरात का सियासी पारा चढ़ रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा हो या फिर एक दशक पुरानी पार्टी आप, दोनों के नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं। भाजपा को भरोसा है कि गुजरात में गरबा की धूम के बीच जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य आएंगे तो विपक्ष का खेल खत्म हो जायेगा, लेकिन पंजाब की जीत से उत्साहित “आप” भी पलटवार की तैयारी कर रही है। पार्टी ने इसी रणनीति के तहत अपने 33 साल के युवा राज्यसभा सांसद राघव चढ्ढा को गुजरात भेजा है। पार्टी की कोशिश है, राघव वो सब करें जिससे आप लगातार चर्चा में रहे।

अभी गुजरात में आम आदमी पार्टी को अरविंद केजरीवाल के पहुंचने पर अधिक कवरेज मिलती है। केजरीवाल के दौरे के खत्म होने के बाद इसमें कमी आ जाती है। भाजपा के मजबूत गढ़ में सेंधमारी का सपना संजोए आप लगातार सुर्खियों में रहना चाहती है, इसी काम को अंजाम देने के लिए राघव चढ्ढा को गुजरात का सह प्रभारी बनाया गया है।

विश्वास और आत्मविश्वास दोनों
पहले विधायक और फिर बेहद कम उम्र में उच्च सदन में उपस्थिति दर्ज कराने वाले राघव चढ्ढा को आप का अरुण जेटली से कंपेयर किया जा सकता है। राघव आत्मविश्वास से।लबरेज है तो वहीं उनपर केजरीवाल को विश्वास भी। गुजरात के प्रभारी डॉ. संदीप पाठक उतने अच्छे वक्ता नहीं हैं, जीतने कि राघव। राघव न सिर्फ गुड लुकिंग हैं, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी अच्छे से बोलते हैं। तर्क, वितर्क में माहिर हैं। ऐसे में इसकी पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में गुजरात के भाजपा नेताओं पर जुबानी हमले तेज हों। तमाम मुद्दों पर राघव घेर सकते हैं। आने वाले दिनों में प्रदेश के नेताओं के मुखर होने की संभावना है। तमाम प्रवक्ता नए तेवर में दिखेंगे। पंजाब चुनाव को याद करें तो राघव लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमलावर रहे थे, इसका पूरा फायदा आप को मिला।

इन खूबियों से मिली तरक्की

राघव युवा होने के साथ टेकसेवी है, अपडेट रहते हैं। जो कहते हैं उसे पूरी क्लैरिटी के साथ जस्टिफाई करते हैं। उनके अंदर अटैकिंग स्प्रिट भी है। भाजपा के सबसे मुखर और चर्चित प्रवक्ता संबित पात्रा को तरह वे दलील खोज लेते है। बचाव करने में सक्षम हैं। इस सब के अलावा वीडियो डिबेट्स को अच्छे से हैंडल करने में माहिर है। किस अटैक से कितनी कवरेज मिलेगी? किस पर अटैक करने से मिलेगी? राजनीति में जरूरी इन सवालों को राघव ने बखूबी समझ लिया है। देखना होगा कि भाजपा के चक्रव्यूह को वे कितना भेद पाते हैं, आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन बीजेपी के तमाम नेता राघव के रडार पर जल्द आएंगे?

राघव ने आप में कामकाज की शुरुआत पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष कृष्णकांत सेवदा के साथ की थी। अरविंद केजरीवाल सीए बैकग्राउंड को देखते हुए, सेवदा की टीम में तैनात किया था, लेकिन राघव चढ्ढा वहां से निकलकर पार्टी के लिए एक मजबूत अस्त्र बन गए हैं।

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