Ragging in MGM Medical College: जूनियर छात्रों को फ्लैट पर बुलाकर आपत्तिजनक व्यवहार करते थे सीनियर, पुलिस ने भेष बदलकर जुटाए सबूत
इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले में पुलिस ने छह सीनियर छात्रों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। चार आरोपी अब भी फरार हैं। सीनियर छात्रों पर आरोप है कि वे जूनियर्स को अपने फ्लैट पर बुलाकर उनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार करते थे।
हाइलाइट्स
- एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में छह गिरफ्तार
- जूनियर छात्रों ने यूजीसी को की थी गोपनीय शिकायत
- पुलिसकर्मियों ने भेष बदलकर जुटाये सबूत
इंदौरः मध्य प्रदेश में इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में पिछले दिनों हुई रैगिंग की शिकायत मामले में पुलिस ने छह छात्रों को गिरफ्तार किया है। चार अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस ने वेश बदलकर कैंटीन और हॉस्टल से जानकारी जुटाई और सभी को नामजद आरोपी बनाया। आरोपियों के खिलाफ जूनियर छात्रों की रैगिंग और उन्हें परेशान करने के आरोप हैं।
डर के मारे बयान से मुकरे जूनियर
डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के मुताबिक जूनियर छात्रों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को गोपनीय शिकायत भेजी थी। इसके बाद कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद 24 जुलाई को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ संयोगितागंज थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान जूनियर छात्रों के बयान लिए थे, लेकिन तब वे सीनियर्स के डर के कारण रैगिंग की बात से मुकर गए।
भेष बदलकर कॉलेज में पहुंचे पुलिसवाले
इसके बाद पुलिस ने मामले की सच्चाई पता करने के लिए अलग तरीका अपनाया। पुलिस के जवान भेष कॉलेज के कैंटीन और हॉस्टल पहुंचे। छात्रों से दोस्ती कर होस्टल और कॉलेज में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान रैगिंग की घटना की पुष्टि हो गई। इसके बाद पीड़ित छात्रों को पुलिस ने चिन्हित किया।
जूनियर्स को फ्लैट पर बुलाते थे सीनियर
मामले से संबंधित जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने सभी को नामजद आरोपी बनाया। सबूत जुटाने के बाद सीनियर स्टूडेंट शुभांकर मिश्रा, प्रियम त्रिपाठी, देववृत गुप्ता, राहुल पटेल, शैलेष शर्मा और चेतन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। शिकायत में आरोप है कि सीनियर स्टूडेंट जूनियर को फ्लैट पर बुलाते थे। उनसे आपत्तिजनक सामग्री पर छात्राओं के नाम लिखवाते थे।
सबको मिली जमानत
जमानती धाराओं में केस दर्ज होने से 6 डॉक्टरों को नोटिस देकर जमानत पर छोड़ दिया गया। डीसीपी के मुताबिक़ चार आरोपी ऋषिराज, उज्जवल पांडे, रौनक पाटीदार और प्रभात सिंह फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
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इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले में पुलिस ने छह सीनियर छात्रों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। चार आरोपी अब भी फरार हैं। सीनियर छात्रों पर आरोप है कि वे जूनियर्स को अपने फ्लैट पर बुलाकर उनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार करते थे।
हाइलाइट्स
- एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में छह गिरफ्तार
- जूनियर छात्रों ने यूजीसी को की थी गोपनीय शिकायत
- पुलिसकर्मियों ने भेष बदलकर जुटाये सबूत
डर के मारे बयान से मुकरे जूनियर
डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के मुताबिक जूनियर छात्रों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को गोपनीय शिकायत भेजी थी। इसके बाद कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद 24 जुलाई को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ संयोगितागंज थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान जूनियर छात्रों के बयान लिए थे, लेकिन तब वे सीनियर्स के डर के कारण रैगिंग की बात से मुकर गए।
भेष बदलकर कॉलेज में पहुंचे पुलिसवाले
इसके बाद पुलिस ने मामले की सच्चाई पता करने के लिए अलग तरीका अपनाया। पुलिस के जवान भेष कॉलेज के कैंटीन और हॉस्टल पहुंचे। छात्रों से दोस्ती कर होस्टल और कॉलेज में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान रैगिंग की घटना की पुष्टि हो गई। इसके बाद पीड़ित छात्रों को पुलिस ने चिन्हित किया।
जूनियर्स को फ्लैट पर बुलाते थे सीनियर
मामले से संबंधित जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने सभी को नामजद आरोपी बनाया। सबूत जुटाने के बाद सीनियर स्टूडेंट शुभांकर मिश्रा, प्रियम त्रिपाठी, देववृत गुप्ता, राहुल पटेल, शैलेष शर्मा और चेतन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। शिकायत में आरोप है कि सीनियर स्टूडेंट जूनियर को फ्लैट पर बुलाते थे। उनसे आपत्तिजनक सामग्री पर छात्राओं के नाम लिखवाते थे।
सबको मिली जमानत
जमानती धाराओं में केस दर्ज होने से 6 डॉक्टरों को नोटिस देकर जमानत पर छोड़ दिया गया। डीसीपी के मुताबिक़ चार आरोपी ऋषिराज, उज्जवल पांडे, रौनक पाटीदार और प्रभात सिंह फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
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