Quality education to poor children: राजस्थान के एक लाख बच्चे बनेंगे मेधावी | One lakh children of Rajasthan will become meritorious | Patrika News

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Quality education to poor children: राजस्थान के एक लाख बच्चे बनेंगे मेधावी | One lakh children of Rajasthan will become meritorious | Patrika News

Quality education to poor children: राजस्थान के एक लाख बच्चे बनेंगे मेधावी | One lakh children of Rajasthan will become meritorious | Patrika News

देशभर में सुख सुविधाओं से वंचित गरीब परिवार के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और डिजिटल लर्निंग के समान अवसर लगातार प्रदान करने के लिए बायजूस एजुकेशन फॉर ऑल ने पश्चिमी राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय ट्रस्ट इन-डीड फाउंडेशन से हाथ मिलाया है।

जयपुर

Updated: July 20, 2022 11:24:20 am

देशभर में सुख सुविधाओं से वंचित गरीब परिवार के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और डिजिटल लर्निंग के समान अवसर लगातार प्रदान करने के लिए बायजूस एजुकेशन फॉर ऑल ने पश्चिमी राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय ट्रस्ट इन-डीड फाउंडेशन से हाथ मिलाया है। इस साझेदारी का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में राजस्थान के एक लाख से ज्यादा बच्चों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डालना है। पाली और जोधपुर में इसकी शुरुआत हो चुकी है। 2021-22 के सेशन में सरकारी स्कूलों के बच्चों को 3000 से ज्यादा लाइसेंस बांटे गए। चरणबद्ध रूप से आरम्भ की गई इस पहल का उद्देश्य 2025 तक चार जिलों में 1 लाख से ज्यादा बच्चों पर प्रभावी असर डालना है। वर्ष 2025 तक गरीब परिवारों के 10 मिलियन बच्चों को मेधावी बनाने की योजना है।
इस योजना के तहत चार जिलों में चौथी से लेकर आठवीं कक्षा तक के निम्न आय वर्ग से संबंधित बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसके लिए बायजूस के तकनीकी से लैस डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम की मदद ली जाएगी। 2022-23 के सेशन में बायजूस की योजना 50 सरकारी स्कूलों को बायजूस का लर्निंग कंटेंट से लैस करने की है, जिससे कई छात्रों को एक साथ सीखने की सुविधा मिलेगी। इससे चौथी से आठवीं कक्षा के 10 हजार से ज्यादा बच्चे लाभान्वित होंगे।
बायजूस में वीपी-सोशल इनिशिएटिव्स, मानसी कलसीवाल ने कहा कि, डिजिटल विभाजन की खाई को पाटने और शिक्षा को हर बच्चे तक पहुंचाने की कोशिश के लिए हम प्रतिबद्ध है। शिक्षा सभी बच्चों तक पहुंचाने के लिए किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। इसमें न तो किसी बच्चे की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि देखी जाएगी, न हालात देखे जाएंगे। किसी तरह का लैंगिक भेदभाव भी नहीं होगा। अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हम इन-डीड फाउंडेशन के साथ यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि राजस्थान में सभी बच्चों को डिजिटल लर्निंग के टूल्स मिल सकें, जिससे वह अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में मजबूती से बढ़ सकें।

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