Punjab: पाकिस्तान सीमा पर बसे आखिरी गांव का सरकारी स्कूल ऐसा… मॉडल स्कूलों को भी दे रहा टक्कर

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Punjab: पाकिस्तान सीमा पर बसे आखिरी गांव का सरकारी स्कूल ऐसा… मॉडल स्कूलों को भी दे रहा टक्कर
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Punjab: पाकिस्तान सीमा पर बसे आखिरी गांव का सरकारी स्कूल ऐसा… मॉडल स्कूलों को भी दे रहा टक्कर


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गांव पक्का चिश्ती का सरकारी स्कूल
– फोटो : संवाद

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फिरोजपुर में पंजाब की पाकिस्तान से सटी सीमा के आखिरी गांव पक्का चिश्ती का सरकारी स्कूल मॉडल स्कूलों को टक्कर दे रहा है। इसी स्कूल के सामने से पाकिस्तान की तरफ सड़क जाती है। यहां के प्राइमरी स्कूल में लगभग 119 बच्चे और हाई स्कूल में 150 विद्यार्थी पढ़ते हैं।

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सीमांत गांव पक्का चिश्ती के प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल रमन ग्रोवर ने बताया कि ये स्कूल लगभग 1961 में बना है। तीन गांव के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। स्कूल में बच्चों की संख्या 119 हैं। प्रत्येक कक्षा में स्मार्ट बोर्ड लगे हैं। लाइब्रेरी की सुविधा है। स्मार्ट एलईडी लगी है। कंप्यूटर लैब हैं, चार कंप्यूटर लगे हैं। इंटरनेट की सुविधा है। प्रत्येक कक्षा में बढ़िया फर्नीचर उपलब्ध है। बच्चों के खेलने के लिए पार्क है। 

स्कूल में पांच शिक्षकों के पद हैं। अभी तीन शिक्षक कार्यरत हैं। स्कूल में मिड-डे मील के तहत भोजन दिया जाता है। इसी स्कूल परिसर में हाई स्कूल बना है। हाई स्कूल के प्रिंसिपल विनोद कुमार के मुताबिक उनके स्कूल में लगभग डेढ़ सौ विद्यार्थी पढ़ते हैं। स्कूल में प्रत्येक सुविधा उपलब्ध है।

समाजसेवी लीलाधर शर्मा ने बताया कि सीमावर्ती गांव पक्का चिश्ती के साथ ही भारत का सादकी बाॅर्डर और पाकिस्तान का सुलेमान बाॅर्डर है। पंजाब में तीन ऐसे बार्डर हैं (हुसैनीवाला, अटारी व सादकी बाॅर्डर) जहां बीएसएफ जवानों व पाकिस्तानी रेंजरों के बीच रोजाना रिट्रीट सेरेमनी होती है। 

पंजाब से सटी भारत-पाकिस्तान सीमा पर अंतिम बाॅर्डर सादकी है। इससे आगे राजस्थान शुरू हो जाता है। सादकी बाॅर्डर से सटा गांव पक्का चिश्ती में सरकारी स्कूल बना है, यहां पर गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। ये स्कूल बिल्कुल सरहद से सटा है। ये गांव बंटवारे के समय का बसा हुआ है। यहां के लोग खेती पर निर्भर हैं। ये गांव अंतरराष्ट्रीय मार्ग के साथ बसा हुआ है। इस गांव से दिल्ली की दूरी लगभग 422 किलोमीटर है।

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