नई दिल्ली: पुरी के जिला प्रशासन ने जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों के खिलाफ जांच का ऐलान किया है. ये जांच इसलिए कि इन सेवादारों ने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद के साथ दुर्व्यवहार किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी सविता के साथ पुरी के जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए 18 मार्च 2018 को आये थे. इस दौरान सेवादारों ने मंदिर के गर्भगृह में जाने से राष्ट्रपति का रास्ता रोका और उनकी पत्नी के साथ धक्का-मुक्की भी की गई. इस बात को लेकर 20 मार्च को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की मीटिंग के मिनट्स में कही गई थी.
राष्ट्रपति भवन ने भी जताई नाराजगी
इस मामले पर राष्ट्रपति भवन ने भी नाराजगी जताई है. उसके अगले दिन यानी 19 मार्च को राष्ट्रपति भवन से पुरी के कलेक्टर अरविंद अग्रवाल को कड़े रूप से एक खत लिखा गया. इस खत में साफ रूप से लिखा था कि सेवादारों की इस हरकत को लेकर कड़ी आलोचन की गई. एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुरी के जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की मीटिंग के मिनट्स को उन्होंने भी पूरी तरह से देखा है. हालांकि, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के मुख्य प्रशासक आईएएस अधिकारी प्रदीप्त कुमार मोहापात्रा ने इस बात को साफ किया कि राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ मंदिर परिसर में अनुचित व्यवहार किया था.
उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति के साथ एक बैठक की थी. इस मामले पर फिलहाल जांच की जा रही है. वहीं इस पर राज्य सभा सांसद प्रताप केसरी देब ने कहा कि कलेक्टर ने जांच शुरू करवा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि मन्दिर प्रशासन भी सी घटना पर जांच कर रहा है. बहरहाल, इस मामले पर कलेक्टर ने कोई भी टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया है.
आपको बता दें कि 18 मार्च को श्री जगन्नाथ मंदिर को सुबह 6.35 से लेकर 8.40 बजे तक भक्तों के लिए द्वार बंद किया गया था, ताकि राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ सेवादार और सरकारी अधिकारी मंदिर के भीतर आये थे.