जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने कहा 2-जी के आरोपियों का बरी होना भयावह

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गुरूवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी आरोपियों को बारी कर दिया. इस फैसले को कांग्रेस और डीएमके ने न्याय की जीत बताया है. उन्होंने कहा ये साबित करता है कि हम निर्दोष थे और हमे षड्यंत्र के तहत फंसाया गया था.

भाजपा और आप का सख्त लहजा

उनके इस बयान के जवाब में भाजपा का कहना है कि 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन ‘मनमाना, दोषपूर्ण और भ्रष्ट’ था. इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होनी है इसका फैसला जांच एजेंसियां करेंगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविन्द केजरीवाल ने भी इस फैसले पर आपत्ति ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा जिस घटना से पोरा देश हिल गया था, आखिर उसका असली गुबहगार है कौन? अरविन्द ने ट्वीट करके कहा कि “इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और संप्रग के पतन के कारणों में से एक था. आज हर कोई बरी है. क्या सीबीआई ने मामले में गड़बड़ी की?  जानबूझकर?  लोग इसका जवाब चाहते हैं.”

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जाने माने वकील प्रशांत भूषण की राय

नेताओं से इतर वरिष्ठ वकील और और स्वराज अभियान के संस्थापक प्रशांत भूषण ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि ये बेहद भयावह है. कोर्ट ने जो फैसला दिया है वो ‘काफी गलत’ है. प्रशांत ने कहा कि इससे आम जनता और बाक़ी राजनीतिज्ञों के बीच क्या सन्देश जाएगा. इस फैसले से तो ये साफ़ ज़ाहिर होता है कि प्रभावशाली लोग देश की न्यायिक प्रणाली के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. वो कुछ भी करके बचकर निकल सकते हैं. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि “बेनामी लाइसेंसों, पहले-आओ-पहले-पाओ प्रणाली में सांठगांठ और मामले में रिश्वत के काफी सबूत थे. शर्म आनी चाहिए.”

कनिमोझी और ए राजा को सुकून

2-जी जैसे हाई प्रोफाइल मामले में बरी होने पर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने खुशी ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा कि मुझे देश की न्यायिक व्यवस्था में पूरा विशवास था. मैं निर्दोष था और मुझपर 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर साल 2008 में स्पेक्ट्रम आवंटन के सभी आरोप पूरी तरह ग़लत थे.

एक बयान में राजा ने कहा, “मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि फैसले से पहले ही मुझे दोषी साबित किया जा रहा हो, जबकि मेरे कार्यो का फायदेमंद परिणाम जगज़ाहिर है, खासकर गरीबों को इससे फायदा हुआ.” उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि ‘निहित स्वार्थो ने उनके खिलाफ आरोपों को मीडिया का फायदा उठाकर सनसनीखेज बनाया और नकली आरोप मढ़े’. इस कथित आरोप के कारण राजा को में 15 महीने जेल की सजा काटनी पड़ी.

दूसरी तरफ डीएमके सांसद कनीमोझी ने कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि ‘न्याय की जीत हुई है.’ फैसले की घोषणा के बाद कनीमोझी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह काफी दुखद अनुभव था कि आप उसके लिए आरोपी ठहराए जाएं, जो आपने किया ही नहीं और आप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है, जिसका आप कभी भी हिस्सा नहीं रहे.”