Potato Farming : आलू किसानों का दर्द… लागत तक नहीं निकल पा रही, खेत में लगे ढेर, ग्राउंड रिपोर्ट

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Potato Farming : आलू किसानों का दर्द… लागत तक नहीं निकल पा रही, खेत में लगे ढेर, ग्राउंड रिपोर्ट

Potato Farming : आलू किसानों का दर्द… लागत तक नहीं निकल पा रही, खेत में लगे ढेर, ग्राउंड रिपोर्ट


गौरव राठौर, कानपुर देहात: आलू की पैदावार तो बंपर हुई है लेकिन बाजार भाव ठीक न मिलने से किसानों के सामने बिक्री को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। हालात ये है कि आलू के ढ़ेर खेतों में लगे हैं। काफी किसानों ने बोरे में भरकर आलू खेतों में छोड़ दिया है वो इंतजार कर रहे हैं कि शायद सरकार किसानों को कोई राहत देगी। सरकार ने साढ़े छह सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू खरीद के निर्देश दिए हैं हालांकि जिले में अभी खरीद की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

किसान परेशान.. कहां बेचे आलू?
किसानों के सामने संकट है आलू की उपज को कहां बेंचे। झींझक, रूरा, रसूलाबाद की तरफ खेतोंं में आलू के ढ़ेर लगे दिख जाएंगे। मुनासिब दाम न मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करके कम से दस से 12 रुपये प्रति किलोग्राम आलू की खरीद करनी चाहिए। ताकि किसानों को राहत मिल सके।

आलू बोरे में भरकर छोड़ा

खरीद की व्यवस्था न हुई तो खेत पर सड़ेगा आलू
तिगाई गांव के रहने वाले किसान अतुल मिश्रा ने कहा कि वह 70 बीघे में आलू बोए थे। एक बीघे में करीब 40 से 45 हजार खर्च आ रहा है। बीघे में उत्पादन की बात करें तो 65 से 70 क्विंटल पैदावार हो रहा है। बाजार भाव के हिसाब से इसकी 20 से 21 हजार रुपये हुए। अब सवाल ये है प्रति बीघे में 20 से 25 हजार रुपये का घाटा आ रहा है।

आलोक ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है अब क्या करें। यही स्थिति रही तो खेत पर सड़ेगा आलू। अकबरपुर के किसान महमूद ने कहा कि वह सौ बीघे में आलू की खेती करते हैं। कहा कि एक साल के लिए किसानों से खेत ले लेते हैं। फिर उसमें आलू की खेती करते हैं। इस बार आलू बाजार में तीन रुपये किलो बिक रहा है। भाव इतना गिर जाने से अब कोल्ड स्टोरेज में रखने की व्यवस्था कर रहे हैं। हो सकता है आगे दाम बढ़ेंगे तो लाभ मिल सकता है। अगर दाम नहीं बढ़े तो स्थिति और बिगड़ जाएगी।

650 रुपये नाकाफी, कम से कम लागत तो दे सरकार
आलू की पैदावार बंपर होने व भाव गिरने पर सरकार ने 650 रुपये खरीद करने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि अभी ये व्यवस्था कानपुर देहात में लागू नहीं की गई है। प्रदेश के सिर्फ सात जिलों में ही खरीद होगा।

सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट किया है कि किसान ने 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल बीज खरीद कर आलू बोए थे। सरकार की तरफ से निर्धारित 650 रुपये प्रति क्विंटल नाकाफी है। कम से कम 15 सौ रुपये प्रति क्विंटल खरीद करनी चाहिए। कम से कम लागत तो सरकार दे।

कोल्ड स्टोरेज फुल, आलू रखने वाला किसान परेशान
आलू की खुदाई का समय चल रहा है। इससे बाजार में आवक बढ़ते ही भाव गिर गए हैं। वहीं बड़े किसान आलू का ठीक भाव लेने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रखने लगे। जिले के अधिकांश कोल्ड स्टोरेज फुल हो गए हैं। सबसे ज्यादा छोटे किसानों के सामने समस्या आ रही है।

छोटे किसानों ने आलू की खेती करके जो सपने देखे थे वह पूरी तरह से टूट गए हैं। छोटे किसानों को तत्काल रुपये की जरूरत होती है, इससे वह खेत से ही फसल बेचने की कोशिश करते हैं। वह भाव बढऩे का इंतजार करते रहे इधर बड़े किसानों ने कोल्ड स्टोरेज फुल कर दिए।

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