चुनाव आयोग से पहले ही बता दी चुनाव की तारीख, माफ़ी मांगते वक़्त कांग्रेस पर हमलावर हुई भाजपा

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मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के कर्नाटक चुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फेंस उनके लिए शर्मिंदगी की वजह बन गई. रावत कर्नाटक की चुनाव की तारीखों की जानकारी दे ही रहे थे तभी उन्हें पत्रकारों ने बीच में रोक दिया और कहा कि आपने तो तारीखें नहीं बताई लेकिन बीजेपी के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय पहले ही तारीखों को लेकर ट्वीट कर चुके हैं. जिस पर चुनाव आयुक्त हक्के बक्के रह गए और उनका चेहरा लाल हो गया.

रावत ने वहां बैठे तुरंत अपने अधिकारियों से कहा कि ये क्या हो रहा है इस पर सभी अधिकारी बगले झांकने लगे और पत्रकार हमलावर तेवर में आ गए. रावत ने वहां मौजूद प्रेस से अपील करते हुए कहा कि पहले उन्हें सुन लिया जाए.

क्या पहले ही तय है सब कुछ?​

अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक अंग्रेज़ी चैनल का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें जानकारी उस चैनल मिली है. लेकिन तब तक बात हाथ से निकल चुकी थी. रावत ने जब मतगणना की तारीख का ऐलान किया तो वो वही तारीख थी जो मालवीय ने लिखी थी. लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए राहत ये रही कि मतगणना की तारीख 15 मई थी जो लीक हुई तारीख से अलग थी.

बाद में पूछे गए सवालों पर रावत यही कहते रहे कि इस पर जांच कर कड़ी कार्रवाई करेंगे. अब पत्रकारों के बीच ये सवाल पूछे जाने लगे कि अगर किसी चैनल में तारीख पहले से आई थी तो उसे किसने बताई. लेकिन इतना तय है कि चुनाव आयोग इतिहास में किसी भी चुनाव आयुक्त के लिए ऐसी शर्मिंदगी पहले कभी नहीं हुई वो भी एक ऐसे वक्त में जब चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर हाईकोर्ट के फैसले से पहले ही बचाव की मुद्रा में है.

माफ़ी मांगते वक़्त कांग्रेस पर हमला

डेट लीक के इस मामले में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिलकर अपनी स्थिति स्पष्ट की. चुनाव आयोग में अपनी सफाई देने के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मालवीय के ट्वीट से चुनाव आयोग को लेकर कई तरह के भ्रम पैदा हुए. उसके बारे में हमने चुनाव आयोग को स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की गरिमा, चुनाव आयोग का सम्मान, चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता हमारे लिए महत्वपूर्ण है. उस पर किसी भी तरह से ना तो हमला किया जाना चाहिए और ना ही गरिमा को नुकसान पहुंचना चाहिए. नकवी ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि इसी तरह का एक ट्वीट कांग्रेस के नेता का भी उसी समय पर आया था.

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वहीं भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग का पूरी तरह से सम्मान करती है. कांग्रेस के कर्नाटक के आईटी विभाग के प्रमुख श्रीवत्स का ट्वीट भी चुनाव आयोग की घोषणा से पहले आया था. बाद में उस ट्वीट की सफाई भी आई. उससे स्पष्ट है कि यह ट्वीट उन्होंने किया है. निश्चित तौर पर टीवी चैनल पर जो पहले से न्यूज़ चल रही थी उसके आधार पर यह सोशल मीडिया में ट्वीट हुए.कांग्रेस पार्टी हर छोटी-छोटी बात को बड़ा करके राई का पहाड़ बनाने की कोशिश करती है.

तय हुआ कर्नाटक चुनाव का कार्यक्रम

बताते चलें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा. 1 सीट पर एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य को मनोनित किया जाता है. कर्नाटक में 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को वोटों की गिनती होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे. कर्नाटक में 56 हज़ार पोलिंग स्‍टेशन होंगे. वहाँ आज से आचार संहिता लागू हो गई है.