लंदन में प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के मन की बात ,कहा चल रहे सवा सौ करोड़ देशवासियों को लेकर साथ

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बुधवार (18 अप्रैल 2018) को लंदन का “सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर” गूंज उठा था मोदी-मोदी के नारो से l बीती रात के टाउन हॉल में भारतीय प्रवासीयो के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था ,कार्यक्रम का नाम था ” मन की बात सबके साथ”,जहां भारतीय प्रधाब्मंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने भारतीय प्रवासियों को सम्बोधित किया l कार्यक्रम ”मन की बात”,आपके साथ का संचालन जानेमाने गीतकार और सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने कियाl

“सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर” है ऐतिहासिक
आपको बता दें कि , जिस टाउन हॉल से मोदी लोगो को सम्बोधित कर रहे थे ,उस हॉल का अपना एक इतिहास हैl  दरअसल, यह हॉल पहले मेथोडिस्ट सेंट्रल हॉल के नाम से जाना जाता थाl यह लंदन के सबसे बड़े मल्टी परपस वेन्यू में से एक हैl यहां 1946 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सभा का आयोजन किया गया थाl इसी हॉल में वर्ष 1931 में महात्मा गांधी ने भाषण दिया थाl महात्मा गांधी के अलावा मार्टिन लूथर किंग, दलाई लामा और प्रिंसेस डाइना भी यहां भाषण दे चुके हैंl तो है ना , “सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर”हैं ना अपने आप में ऐतिहासिक?

आसान नही था रेलवे से रॉयल पैलेस तक का सफ़र
जब प्रख्यात कवी और सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कार्यक्रम की शुरुआत में मोदी से प्रश्न करते हुए कहा कि , आपने रेलवे से रॉयल पैलेस तक का सफर तय किया है l इस पर भारतीयों को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं सबसे पहले तो आप सबका आभारी हूंl अपने रेलवे से रॉयल पैलेस तक के सफ़र की बात करते हुए मोदी ने कहा , रेलवे से रॉयल पैलेस की तुकबंदी आपके लिए सरल है, लेकिन मेरे लिए यह रास्ता काफी कठिन थाl जहां तक रेलवे स्टेशन की बात है तो वह मेरी अपनी व्यक्तिगत कहानी हैl वह मेरी जिंदगी के संघर्ष का दौर थाl उसने मुझे जीना और जूझना सीखयाl और जिंदगी अपने लिए नहीं औरों के लिए भी हो सकती है, ये मैनें बचपन से ही सीखा समझा है l रॉयल पैलेस यह नरेंद्र मोदी का नहीं हैl यह मेरी कहानी नहीं है, यह रॉयल पैलेस सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी के संकल्प का परिणाम हैl रेल की पटरी वाला नरेन्द्र दामोदर दास ही मोदी हैl रॉयल पैलेस वाला मोदी एक सेवक हैl यह हमारे लोकतंत्र की ताकत हैl लोकतंत्र में जनता जो ईश्वर का रूप है, अगर वह फैसला कर ले तो एक चाय बेचने वाला भी उनका प्रतिनिधित्व करके रॉयल पैलेस पहुंच सकता हैl

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अपनी उपलब्धियों का दिया ब्यौरा
मोदी , ने लोगों से कई मुद्दों पर बात की , और हर प्रश्न का बहुत ही सरलता से उत्तर दिया lउन्होंने प्रवासियों के समक्ष अपनी चार साल की उपलब्धियों का ब्यौरा रखा। मोदी ने कहा, मैंने कभी भी नहीं कहा कि मैं अकेले देश बदल दूंगा। मैं मानता हूं कि देश में लाखों समस्याएं हैं लेकिन करोड़ों समाधान भी हैं।
अपने 4 साल के कार्यकाल कि बात करते हुए पीएम ने नोट बंदी के फैसले से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक, स्वच्छ भारत अभियान और आयुष्मान भारत योजना पर खुलकर अपनी बात रखी।

”सर्जिकल स्ट्राइक”के बाद पाकिस्तान को फ़ोन पर बोला लाशें पड़ी होंगी उठा लो : मोदी
”सर्जिकल स्ट्राइक” पर बात करते हुए उन्होने कहा, अगर किसी ने आतंक के निर्यात की फैक्ट्री लगा ली है ,और हम पर पीछे से हमले की कोशिशें करता है, तो मोदी उसे उसी की भाषा में जवाब देना जानता हैl ’ दर्शक दीर्घा में बैठे एक शख्स ने जब सर्जिकल हमलों पर सवाल किया तो मोदी ने जवाब में कहा , ‘जिन्हें आतंक का निर्यात पसंद है , मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भारत बदल गया है और अब उनके पुराने तौर – तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगाl भारतीय सेना की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें सेना पर गर्व है , क्योंकि उन्होंने सटीकता के साथ सर्जिकल हमलों को अंजाम दिया और सुबह होने से पहले ही अपना काम पूरा कर वह लौट आईl मोदी ने बताया कि कैसे भारत ने हमलों के बारे में पहले पाकिस्तान को सूचित किया और फिर मीडिया एवं लोगों को बतायाl उन्होंने कहा , ‘मैंने कहा कि जब भारत को पता चले उससे पहले ही हमें पाकिस्तान को कॉल करके बता देना चाहिएl हम उन्हें सुबह 11 बजे से ही फोन कर रहे थे लेकिन वे फोन पर आने से भी डरे हुए थे. 12 बजे हमने उनसे बात की और पाकिस्तानी फ़ौज को बताया कि हमने ये किया है, वहां लाशें पड़ी होंगी, हटा लो., और तब भारतीय मीडिया को बतायाl

”बलात्कार” का राजनीतिकरण नहीं
जब मोदी से ,कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामले को लेकर देशभर में चल रहे आक्रोश और आन्दोलन के बारे में पूछा गया ,इस पर जवाब देते हुए पीएम बोले ,‘बलात्कार, बलात्कार होता है’ और उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहियेl ‘हम हमेशा अपनी बेटियों से पूछते हैं कि वो क्या कर रही हैं, कहां जा रही हैंl हमें अपने बेटों से भी पूछना चाहियेl जो व्यक्ति ये अपराध कर रहा है, वह भी किसी का बेटा हैl प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इस सरकार और उस सरकार में बलात्कार की घटनाओं की संख्या की गिनती में कभी शामिल नहीं हुआl बलात्कार, बलात्कार है, चाहे वह अब हुआ या पहले हुआ हो. यह बेहद दुखद हैl किसी बेटी से बलात्कार देश के लिये शर्म का विषय हैl ‘देश के किसी भी राज्य में, किसी भी क्षेत्र में होने वाली ऐसी वारदातें, हमारी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैंl लोगो को न्याय का भरोसा दिलातें हुयें उन्होने कहा ,मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि, ऐसा घिनौना अपराध करने वाला कोई अपराधी नहीं बचेगा l

इतिहास में सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखा जाए: मोदी
जब मोदी से पूछा गया कि वह इतिहास में कैसे याद रखे जाना चाहेंगे, इस सवाल पर उन्होने कहा, किसी को याद है कि वेद किसने लिखे थे। दुनिया के सबसे पुराने ग्रंथ के इतने बड़े रचयिता का नाम किसी को याद नहीं है, तो मोदी क्या है।इतिहास में जगह बनाने के लिए मोदी पैदा नहीं हुआ है। मुझे सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखा जाए। अन्य लोगों की तरह मुझे भी काम मिला है। मेरा देश अजर अमर है। दुनिया याद करे तो मेरे देश को याद रखे, मेरा देश ही दुनिया को विश्व कल्याण का रास्ता दिखा सकता है।

जो लोग मुझपर पत्थर फेंकते हैं, मैं उन्ही पत्थरों से पथ बना लेता हू : मोदी
जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी की सराहना उनके लिए गए फैसलों जैसे,”सर्जिकल स्ट्राइक”,”नोट बंदी ”, ”सवच्छ भारत अभियान” , और ”आयुष्मान भारत योजना”के लिए की जाती है ,वहीँ दूसरी तरफ विपक्ष उनकी आलोचना करने का एक भी मौका नही छोड़ता है l जब उनसे विपक्ष की आलोचना पर सवाल पूछा गया ,तो उन्होनें कहा, यह लोकतंत्र की खूबसूरती है। मैं मानता हूं कि मोदी सरकार की भरपूर आलोचना होनी चाहिए। आलोचना से ही लोकतंत्र पनपता है। यह सरकारों को भी सतर्क रखती है। अगर कोई आलोचना करता है, तो मैं इसे सौभाग्य मानता हूं। लेकिन आज लोगों ने आलोचना के बजाय आरोप लगाना सीख लिया है। ये स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। आलोचना होनी चाहिए लेकिन आरोपों से बचा जाना चाहिए। मैं हमेशा आलोचना का स्वागत करता हूं। लोकतंत्र पर बोलते हुए मोदी बोले ,लोकतंत्र से ही एक चाय वाला यहां तक पहुंचा है l प्रधानमंत्री ने अपने आलोचकों के लिए एक बात भी कहीं ,कुछ लोगों को कोई चाहिए जिस पर वो पत्थर फेंक सके, कीचड़ उछाल सके तो मुझ पर ऐसा करते हैं। लेकिन मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि हमारे सवा सौ करोड़ देशवासियों पर कोई पत्थर या कीचड़ नहीं उछालता, वह सब मैं अकेले झेलता रहता हूं।”पीएम ने कहा, मैं हर तरह की ठोकरें खाकर यहां तक पहुंचा हूं। मैंने कभी कविता लिखी थी, जो लोग मुझ पर पत्थर फेंकते हैं, मैं उससे पथ बना देता हूं और उस पर ही चल पड़ता हूं।

एक-दो किलो गालियां रोज खाता हू : मोदी
लंदन के टाउन हॉल में जब एक श्रोता ने मोदी  से उनके सेहत का राज़ पूछा तो अपने मजाकिया अंदाज़ में प्रधानमंत्री बोले कि वे रोज 1-2 किलो गालियां खाते हैं, यही उनकी सेहत का राज हैlउनके यह शब्द कहते है दर्शकों का शोर उमड़ पड़ा. ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगने लगेl

जब मोदी से उनके सिद्धांतों के बारे में पूछा गया तोह वह बोलें ,मैं इस सिद्धांत को मानता हूं- जहां मैं नहीं तू ही तू है, द्वै नहीं है द्वंद नहीं है,जहां द्वैत नहीं है और इसलिए अगर मैं मेरे भीतर के नरेंद्र मोदी को लेकर जाता हूं तो शायद मैं देश के साथ अन्याय करूंगाl देश के साथ न्याय तब होता है ,जब अपने आपको भुला देना होता हैl बीज भी तो खप ही जाता है, मैं भी खप जाता हूं जब बाहर जाता हूंl

प्रसून जोशी ने कही मोदी के लिए कविता 

कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रसून जोशी को मोदी ने कविराज की उपाधि दे डाली ,तो वहीँ कार्यक्रम के अंत में जोशी ने मोदी के लिए अपनी लिखी हुई एक कविता सुनाई ,पेश है वो कविता;

सर्प क्यूं इतने चकित हों

दंश का अभ्यस्थ हूं
पी रहा हूं विष युगों से
सत्य हूं आश्वस्त हूं
सर्प…

ये मेरी माटी लिए है
ये मेरी माटी लिए है
गंध मेरे रक्त की
जो कहानी कह रही है
मौन की, अभिव्यक्त की
मैं अभय लेकर चलूंगा
मैं व्यथित ना त्रस्त हूं
सर्प…