कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा वो मतलब नहीं था

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कांग्रेस देश की राजनीती का मुख्य स्तम्भ है. आज़ाद भारत की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस उभरी, वहीँ आजादी के आंदोलन में भी उसका बहुत बडा हाथ था. मगर 2014  में प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारा दिया था. यह नारा तब राजनीतिक हथियार बन गया था.  तब इस मुद्दे पर खुलकर बात नहीं हुई थी. लेकिन हाल ही के दिनों में  एक बार फिर ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाने का मुद्दा सामना आया है.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केCongress 2 - टाइम्स नाउ चैनल को दिए इंटरव्यू के मुताबिक़ ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा भारत को विपक्षी दल से मुक्त करने का नहीं है बल्कि कांग्रेस को कांग्रेस संस्कृति से मुक्त कराने का है.

पीएम मोदी ने दावा किया कि आजादी के बाद उभरी कांग्रेस की संस्कृति ने अन्य राजनीतिक दलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया. दूसरी पार्टियों को भी लगने लगा कि किसी एक रास्ते पर चलना सफल साबित होगा. जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार, शोषण, छलकपट और सत्ता पर पूरी तरह कब्जा रखना, ये सब भारतीय राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा बन गया, जिसका मुख्य कारण कांग्रेस थी.

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में तीन तलाक से जुड़े विधेयक का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसे वोट बैंक की राजनीति करने के बजाय पीछे की ओर ले जाने वाली इस सोच से छुटकारा पाना चाहिए. मोदी जी के अनुसार स्वतंत्रता संघर्ष के समय भी कांग्रेस की एक संस्कृति थी जिसने युवाओं को देश के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दी.

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने चार जजों द्वारा की गयी प्रेस कांफ्रेंस पर बात करते हुये भरोसा जताया कि न्यायपालिका अपनी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए एक साथ बैठेगी. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय न्यायपालिका का एक बहतरीन अतीत रहा है और हमारी न्यायपालिका में बहुत ही सक्षम लोग मौजूद हैं.

राहुल ने भी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का किया इस्तेमाल

दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करने के लिए मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे का इस्तेमाल समय-समय पर किया है. उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की विचारधारा से लड़ेंगे लेकिन उसे कभी पूरी तरह समाप्त नहीं करना चाहेंगे क्योंकि यह भी समाज के एक वर्ग की अभिव्यक्ति है.