PFI का ओपन चैलेंज! किशनगंज में अमित शाह कर रहे थे मां काली की पूजा, महाराष्ट्र में लग रहे थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे

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PFI का ओपन चैलेंज! किशनगंज में अमित शाह कर रहे थे मां काली की पूजा, महाराष्ट्र में लग रहे थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे

PFI का ओपन चैलेंज! किशनगंज में अमित शाह कर रहे थे मां काली की पूजा, महाराष्ट्र में लग रहे थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे

नील कमल, पटना : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के ठीक एक दिन पहले एनआईए (NIA) ने देश के 15 राज्यों में पीएफआई (PFI) के 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अब PFI से जुड़े सदस्य देशभर में NIA की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। खुलकर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। पुलिस प्रशासन और मोदी सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत किशनगंज स्थित बूढ़ी काली मंदिर में पूजा की। एसएसबी (SSB) की पांच सीमा चौकियों का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर उन्होंने नेपाल और बंग्लादेश के साथ भूटान से देश को खतरे भी गिनाए। हालांकि उन्होंने कहा कि इन नेपाल, बंग्लादेश और भूटान से दोस्ताना रिश्तों के बाद भी कुछ तत्व काली कमाई के लिए तस्करी को जरिया बनाते हैं। इसके अलावा आतंकियों के साथ घुसपैठ भी कराते है, अमित शाह का इशारा बंगलादेश की ओर था।

पुणे में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
NIA ने गुरुवार को देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके ठीक एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे। लेकिन गुरुवार की छापेमारी के विरोध में महाराष्ट्र के पुणे में PFI के समर्थक और उससे जुड़े लोगों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए खुलेआम पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे पीएफआई (PFI) के 60 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में ले लिया। लेकिन PFI के लोगों ने पुणे में जिला कलेक्टर ऑफिस के बाहर भी ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाकर अपना मंसूबा जाहिर कर दिया।

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पिछले दो महीने में एनआईए (NIA) ने देश में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पीएफआई (PFI) के खिलाफ बिहार समेत 15 राज्यों में कार्रवाई की। 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि पीएफआई (PFI) भारत में नफरत फैलाकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के फिराक में है। एनआईए ने ये भी बताया है कि पीएफआई के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और संवेदनशील सामग्री भी मिले है। बताया गया कि युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा बताया गया है कि पीएफआई के विदेश में रहने वाले सदस्य, भारत में पैसे भेज रहे हैं, जो कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को ट्रांसफर किया जा रहा है।

PFI पर बैन से हो जाएगा समस्या का समाधान?
पीएफआई की बढ़ती देश विरोधी गतिविधियों की वजह से अब इस संगठन पर बैन लगाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। सवाल ये उठता है कि क्या ऐसे संगठन पर महज प्रतिबंध लगाने से समस्या का समाधान हो सकता है। क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों के साथ देश के तमाम लोगों को पता है कि एसडीपीआई, SIMI का ही एक रूप है और पीएफआई में भी सिमी से जुड़े लोग ही शामिल हैं।

गौरतलब है कि सिमी पर भी देश विरोधी गतिविधियों की वजह से प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके बाद उसने चोला बदल कर पीएफआई और एसडीपीआई का रूप धारण किया और देश विरोधी एजेंडे पर काम जारी रखा। ऐसे में सवाल यही उठता है कि अगर इस बार भी पीएफआई पर शिकंजा कसते हुए उसे प्रतिबंधित कर दिया जाता है तो क्या गारंटी है कि वह किसी दूसरे नाम से देश विरोधी गतिविधियों को जारी नहीं रखेगी। बीजेपी के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह बताया कि पार्टी की ओर से फिलहाल पीएफआई पर इसी तरह के बयानबाजी की मनाही कर दी गई है।

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हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बार पीएफआई समेत तमाम ऐसी संस्था जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है, उनको पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने के साथ उनके तमाम सदस्यों पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना चुकी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश के लोग या देखेंगे कि मोदी सरकार में देश के भीतर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने वाले नहीं पनप सकते और अगर कोई ऐसी कोशिश करता है तो उसका अंजाम क्या हो सकता है।

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