राज्य के 5 शहरों के लोगों को पहले मिलेगी 5जी सुविधा | 5G Netwaork In India Rajasthan Cities Reliance Jio Airtel | Patrika News

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राज्य के 5 शहरों के लोगों को पहले मिलेगी 5जी सुविधा | 5G Netwaork In India Rajasthan Cities Reliance Jio Airtel | Patrika News

राज्य के 5 शहरों के लोगों को पहले मिलेगी 5जी सुविधा | 5G Netwaork In India Rajasthan Cities Reliance Jio Airtel | Patrika News

2. एयरटेल
-3400/3500 मेगाहर्टज पर स्पेक्ट्रम आवंटन
-10 हजार से ज्यादा टावर हैं और मौजूदा टावर को ही अपग्रेड किया जा रहा है। अलग से टावर लगाने की जरूरत नहीं पड़ रही। आईओटी व तेज डेटा नेटवर्क का फ्यूजन होगा 5जी नेटवर्क-5जी नेटवर्क इंटरनेट आॅफ थिंग्स (आईओटी) के साथ सबसे तेज डेटा नेटवर्क का फ्यूजन होगा।
-इंटरनेट आॅफ थिंग्स मतलब चीजों का इंटरनेट। अभी तक फेसबुक, वाट्सएप, यूट्यूब के जरिए हम एक-दूसरे से कनेक्ट हैं, लेकिन आईओटी के जरिए एक-दूसरी चीजों से भी कनेक्ट हो जाएंगे।
-यह सामान्य रोजमर्रा की जिन्दगी में उपयोग की जाने वाले टीवी, फ्रिज, एसी, लाइट, पंखा, कम्प्यूटर, कार जैसी वस्तुएं हैं, जो एक-दूसरे से डेटा शेयर करेंगे। ये सारे डिवाइस हैं, जो इंटरनेट से कनेक्ट रहकर एक-दूसरे से संवाद यानि कम्यूनिकेट करते हैं।
-मसलन, आपके पास एक कार है और वह इंटरनेट से कनेक्ट है। यदि कार के किसी पार्ट में खराबी आती है तो कार स्वत: ही मेन्यूफ्रेक्चर को केयर का डेटा भेज देगी। मेन्यूफ्रेक्चर कंपनी आपके मोबाइल पर मैसेज भेज देगी कि कार के संबंधित पार्ट में खराबी हो गई है, तत्काल ठीक करा लें।

इसलिए भी होगा खास

-इंटरनेट स्पीड 20 से 100 गुना तेज (1000 एमबीपीएस तक) होगी।
-अभी जो फिल्म 5-10 मिनट में डाउनलोड होती है, वो चंद सेकेंड में डाउनलोड होगी।
-घर के सभी स्मार्ट डिवाइसेज को फोन से कनेक्ट कर बाहर से कंट्रोल कर सकेंगे।
-एक साथ कई यूजर्स जुड़ने पर भी इंटरनेट की रफ्तार कम नहीं होगी।
-अभी जो काम केवल कंप्यूटर या लैपटॉप से ही हो सकते हैं, उन्हें मोबाइल से भी किया जा सकेगा।
-तेज रफ्तार इंटरनेट से रोबोट, ड्रोन और ऑटोमैटिक वाहनों का संचालन आसान होगा।

दूरसंचार मंत्रालय का दखल, समाधान में जुटी सरकार

राजस्थान को 5जी मोबाइल तकनीक से लैस करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय और राजस्थान सरकार मिलकर काम कर रही है। मंत्रालय की दखल के बाद राज्य में मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी काम कर रही है। मुख्य तौर पर लेटेन्सी (मोबाइल डेटा को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर लगने वाला समय) को कम करने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए हर मोबाइल टॉवर को फाइबर से जोड़ने पर फोकस ळै। इसके बाद लेटेन्सी 10 मिली सेकण्ड से घटकर 1 मिली सेकण्ड हो जाएगी, यानि इंटरनेट स्पीड इतनी तेज होगी कि लाइव प्रसारण मोबाइल या टीवी तक पहुंचने में किसी तरह का गेप नहीं रहेगा। सब कुछ रियल टाइम होगा।

यूं शुरू हुआ नेटवर्क युग

-1जी : वर्ष 1970 में जापान से शुरुआत हुई। इसमें केवल वॉयस कॉल की सेवा थी। कॉल की क्वालिटी कम और कवरेज एरिया भी कम रहा। रोमिंग सपोर्ट भी नहीं था।
-2जी : वर्ष 1993 में 2जी की शुरुआत हुई। इसमें एनालॉग सिग्नल को पूर्ण रूप से डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित कर दिया गया। नतीजा, कॉल क्वालिटी अच्छी हुई और कवरेज बढ़ गया। रोमिंग का सपोर्ट भी मिला। इसके साथ ही एसएमएस (मैसेज) और इंटरनेट की सुविधा भी। इंटरनेट स्पीड केवल 50 केबीपीएस थी।
-3जी : वर्ष 2001 में शुरू। इस नेटवर्क में इंटरनेट स्पीड जो 50 केबीपीएस से बढ़कर 2 एमबीपीएस तक जाने लगी। हालांकि, भारत 3जी नेटवर्क की शुरुआत करीब सात साल बाद वर्ष 2008 में हुई।
-4जी : तकनीक बढ़ने के साथ-साथ डेटा की मांग भी बढ़ी। सामान्य कॉल की जगह वीडियो कॉल ने ले ली। इस जरुरत को पूरा करने के लिए 4जी नेटवर्क आया। 4जी नेटवर्क में 100 एमबीपीएस बताई गई, लेककिन जनसंख्या के घनत्व और टावर की कमी से स्पीड कम रही।
– 5जी : 5जी मतलब हाईस्पीड इंटरनेट है, सब कुछ ओटीटी प्लेटफार्म पर आ जाएगा। 4जी के मुकाबले दस गुना अधिक करीब एक जीबीपीएस है। अभी जो 5जी के टेस्ट के दौरान स्पीड 600 एमबीपीएस है।



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