Patrika opinion : अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव : डॉनल्ड ट्रम्प की सशक्त दावेदारी से यूरोपीय देश नजर आ रहे आशंकित | US election – Trump looks superior to Joe Biden | News 4 Social

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Patrika opinion : अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव : डॉनल्ड ट्रम्प की सशक्त दावेदारी से यूरोपीय देश नजर आ रहे आशंकित | US election – Trump looks superior to Joe Biden | News 4 Social

Patrika opinion : अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव : डॉनल्ड ट्रम्प की सशक्त दावेदारी से यूरोपीय देश नजर आ रहे आशंकित | US election – Trump looks superior to Joe Biden | News 4 Social

यूरोप में सबको पहला डर इस बात से है कि अगर ट्रम्प जीत जाते हैं तो यूक्रेन का क्या होगा। ट्रम्प की हालिया बयानबाजी से साफ है कि उनकी कथित शांति योजना में यूक्रेन के लिए हारे हुए इलाके वापस पाना असंभव होगा। ट्रम्प ने पिछले दिनों अपनी एक रैली में ऐसा बयान दिया जिसका तात्पर्य यह था कि रूस, यूरोप के उन देशों पर हमले के लिए स्वतंत्र है जो नाटो को समुचित फंडिंग नहीं देते। इस बयान की वाइट हाउस और नाटो महासचिव ने कड़ी निंदा भी की। हालांकि यूरोपीय लोग अब इस तथ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं कि यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा केवल यूरोपीय संघ और नाटो में दोहरे प्रवेश के माध्यम से ही कर सकता है। ट्रम्प की वापसी की आशंकाओं के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तो पश्चिमी देशों को यूक्रेन में सेना भेजने के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया है। जाने-अनजाने ट्रम्प ने रक्षा खर्च के पेचीदा मसले पर चल रही यूरोपीय बहस को तूल दे दिया है।

जुलाई में वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन से पहले, नाटो के अधिकांश यूरोपीय संघ सदस्य अपने सकल घरेलू उत्पाद का न्यूनतम 2 प्रतिशत रक्षा पर खर्च करने की राह पर चल पड़े हैं। हालांकि इस बदलाव का अधिकांश श्रेय तो पुतिन की आक्रामक नीतियों का ही परिणाम है, लेकिन ट्रम्प की बड़बोली भाषा ने भी यूरोपीय देशों को चिंताग्रस्त किया है। यूक्रेन के पास गोला-बारूद और हथियारों की लगातार कमी हो रही है, और ट्रम्प-समर्थक रिपब्लिकन पार्टी अभी से ही अमरीकी कांग्रेस की फंडिंग में रोड़ा अटका रहे हैं। इसलिए जोर इस बात पर है कि जल्द से जल्द यूरोपीय संघ और नाटो के बीच मनोवैज्ञानिक खाई को पाटा जाए। वैसे स्वीडन के नाटो में शामिल होने का सकारात्मक परिणाम होगा। हालांकि ट्रम्प का सबसे बड़ा योगदान इस बात को लेकर माना जायेगा कि उन्होंने यूरोप की राजनीतिक एकता का मार्ग प्रशस्त किया है।

कई देशों में ट्रम्प की धमकियां उन उम्मीदवारों की मदद कर सकती है जो यूरोपीय एकता एवं संप्रभुता के पक्षधर रहे हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि वहां ट्रम्प के समर्थकों की कमी हैं। लोकलुभावन राजनीति में ट्रम्प की बराबरी करने वाले पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हाल ही में कहा है कि दुनिया को आज ट्रम्प की जरूरत है। यूरोप में दक्षिणपंथी पार्टियां पुन: अपनी पैठ बनाने में लगी हैं। कई यूरोपीय विशेषज्ञ यह मानते हैं कि अमरीका के तमाम वैदेशिक संबंध सिर्फ राष्ट्रपति पर निर्भर नहीं हैं। अमरीका व्यवस्था में राष्ट्रपति की शक्तियों पर कई प्रकार के अंकुश भी हैं।
— हर्ष वी. पंत प्रोफेसर, (इंटरनेशनल रिलेशंस, किंग्स कॉलेज, लंदन)
— विनय कौड़ा, (अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ)

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