Patra Chawl Ground Report:’घर के इंतजार में मां गुजर गई… सपना अधूरा रह गया, मराठी आदमी के लिए कलंक हैं संजय राउत’

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Patra Chawl Ground Report:’घर के इंतजार में मां गुजर गई… सपना अधूरा रह गया, मराठी आदमी के लिए कलंक हैं संजय राउत’

Patra Chawl Ground Report:’घर के इंतजार में मां गुजर गई… सपना अधूरा रह गया, मराठी आदमी के लिए कलंक हैं संजय राउत’

मुंबई: मेरी मां का सपना था कि वो अपने नए घर में रहे। लेकिन घर का इंतज़ार इंतजार करते- करते वो इस दुनिया से हमेशा- हमेशा के लिए चली गयी। यह कहते- कहते संतोष माने की आंख भर आईं। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में उन्होंने कहा कि इन घोटालेबाजों की वजह से मेरी मां का सपना अधूरा रह गया। इनकी वजह से आज हम सड़क पर आ गए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से उनकी नौकरी चली गईं। उसके बाद उन्होंने चाय का ठेला लगाया लेकिन दुर्भाग्य से वह नहीं चला। अब वो ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते हैं। माने कहते हैं कि वो जितना कमाते हैं वह घर के किराए और अन्य चीजों के लिए खर्च हो जाता है। आज अगर उनके पास घर होता तो उन्हें किराया नहीं देना पड़ता। उन्होंने कहा कि संजय राउत मराठी मानुष के लिए एक कलंक के समान हैं।

मुंबई (Mumbai) स्थित गोरेगांव के पात्रा चॉल (Patra chawl) का मामला आज भले ही अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्खियां बना हो। लेकिन यहां के मूल निवासियों के लिए यह एक ऐसा जख्म है जो नासूर बन चुका है। अपने सपनों के घर के बारे में बात करते हुए लोगों की आंखें भर आती हैं। घर मिलने की उम्मीद में कितने लोग आज दुनिया से रुखसत हो चुके हैं। वहीं कई लोगों ने अब घर मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी है। लोगों की दयनीय हालत का अंदाजा इस बात से आसानी से लगाया जा सकता है कि पात्रा चॉल पुनर्निर्माण को आज तकरीबन 15 साल गुजर चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक नागरिक अपने फ्लैट की चाभी का इंतज़ार कर रहे हैं।

भाई करते हैं मदद
संतोष माने ने बताया कि वह जिस घर में रहते हैं उसका किराया 15 हजार रुपये है। ऑटो की कमाई सब घर के किराए में ही खर्च हो जाती है। थोड़ी- बहुत मदद उनके बड़े भाई करते हैं। जबकि उनके दो बच्चों की पढ़ाई का खर्च उनकी पुरानी कंपनी में सहयोगी रही एक महिला उठाती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से मैं अपनी जिंदगी का गुजर-बसर कर रहा हूं। माने ने कहा कि बीते 7 सालों से बिल्डर की तरफ से कोई किराया नहीं दिया गया। पूछने पर कोई जवाब भी नहीं दिया जाता आखिर हम जाएं तो जाएं कहां।

शरद पवार ने किया था वादा
संतोष माने ने बताया कि कुछ महीनों पहले शरद पवार पास के एक ग्राउंड में आए थे। जहां पात्रा चॉल निवासियों ने भी उनसे मुलाकात की थी। पवार ने तब हमसे यह वादा किया था कि अगले महीने से उन्हें किराया मिलना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 2 साल के अंदर घर की चाबी भी दे दी जाएगी। लेकिन अभी तक किराया मिलना शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में हम कैसे यकीन करें कि अगले 2 साल में हमें हमारा घर मिल जाएगा।

मराठी मानुष के लिए कलंक हैं संजय राउत
संतोष माने से जब पात्रा चॉल घोटाले और संजय राउत के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए उन्हें इस बात की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि संजय राउत मराठी मानुष के लिए एक कलंक के समान हैं। आज उनकी वजह से इतने सारे लोग बेघर हैं। उन्होंने कहा कि 672 परिवारों में से 500 से ज्यादा परिवार मराठी लोगों के थे लेकिन आज संजय राउत जैसे लोगों की वजह से हम तिल-तिल मरने को मजबूर हुए हैं।

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