Patna University News : पटना यूनिवर्सिटी में 150 गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति, VC ने माना- विश्वविद्यालय में है प्रोफेसर की कमी

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Patna University News : पटना यूनिवर्सिटी में 150 गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति, VC ने माना- विश्वविद्यालय में है प्रोफेसर की कमी

पटना : पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) के कुलपति गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रोफेसरों की भारी कमी का सामना कर रहा। अलग-अलग विषयों में सहायक प्रोफेसरों के कई पद खाली हैं। इस बीच पटना विश्वविद्यालय ने शनिवार को टेंपरेरी बेसिस पर 150 गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति की गई है। अलग-अलग विषयों में सहायक प्रोफेसरों के खाली पोस्ट के मद्देनजर गेस्ट फैकल्टी को अप्वाइंट किया गया है। बावजूद इसके जुलाई से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र में कॉलेज और पोस्ट ग्रेजुएट विभागों को प्रोफेसर की कमी का सामना करना पड़ेगा।

PU में प्रोफेसर की कमी…कैसे होगी पढ़ाई?
यूनिवर्सिटी में इस सत्र से ग्रेजुएशन स्तर पर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) शुरू होने से मुश्किलें और गहराने की संभावना है। स्नातकोत्तर विभागों ने अपने सभी पारंपरिक और सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के लिए पहले ही च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम शुरू कर दिया है। पटना यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने बताया कि असल में राज्य सरकार और यूजीसी की ओर से PU के स्वीकृत एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर सहित शिक्षकों के सभी वरिष्ठ पद खाली पड़े हैं और इन पदों पर पिछले चार दशकों से कोई नियुक्ति नहीं हुई है।

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जानिए पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति ने क्या कहा
पीयू के कुलपति गिरीश कुमार चौधरी ने टीओआई को बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षकों की भारी कमी का सामना कर रहा है। अलग-अलग विषयों में सहायक प्रोफेसर के बहुत ही कम पद खाली रह गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों से न तो बिहार लोक सेवा आयोग और न ही बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने सहायक प्रोफेसर के किसी पद का विज्ञापन दिया, जिसके चलते ये सभी पद खाली पड़े हैं।

अलग-अलग विभागों में क्या हाल
इतिहास विभाग में स्वीकृत 21 पदों में महज दो सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं। इसके अलावा, 16 एसोसिएट प्रोफेसर और चार प्रोफेसर सहित 20 वरिष्ठ पद चार दशकों से अधिक समय से खाली पड़े हैं। पीयू के हिंदी विभाग के प्रमुख तरुण कुमार ने कहा कि शिक्षकों की भारी कमी के कारण नियमित कक्षाएं सुनिश्चित करने में उन्हें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हिंदी में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के 15 स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के समय ये पद खाली नहीं होने चाहिए।

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VC ने कहा- शिक्षा मंत्री के सामने उठाया है मुद्दा
वीसी ने कहा कि यह मुद्दा हाल ही में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ कुलपतियों की बैठक में उठाया गया था। अगर उच्च पदों का एडवरटाइजमेंट किया जाता है तो शिक्षकों की कमी की समस्या अपने आप हल हो जाएगी। अगर सरकार इन पदों पर किन्हीं कारणों से सीधी नियुक्ति करने में असमर्थ है तो भी विश्वविद्यालय को इन रिक्त पदों पर कम से कम गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति की अनुमति दी जानी चाहिए।

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