Paris Olympics: साड़ी की खराब क्वालिटी को लेकर भड़कीं ज्वाला गुट्टा, बोलीं- डिजाइनर ने कॉमन सेंस का इस्तेमाल… h3>
पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीट्स की मेडल जीतने की जंग जारी है। मनु भाकर ने देश को ब्रॉन्ज के रूप में पहला मेडल जीताकर गौरवान्वित होने का मौका दिया। हालांकि मैदान के बाहर कई मुद्दें एथलीट्स का ध्यान भटका रहे हैं। इनमें से एक मुद्दा ओपनिंग सेरेमनी में एथलीट्स द्वारा पहनी गई खराब क्वॉलिटी के कपड़ों का है। कुछ रिपोर्ट्स ऐसी सामने आईं हैं जिसमें बताया गया है कि भारतीय एथलीट्स ओपनिंग सेरेमनी में पहने गए कपड़ों से खुश नहीं थे। अब इस मुद्दे पर पूर्व बैडमिंटन स्टान ज्वाला गुट्टा ने भी नराजगी जाहिर की है।
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ज्वाला गुट्टा ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने उन लोगों की आलोचना की है जो भारतीय दल के लिए बनाए गए कपड़ों की खराब व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं।
ज्वाला गुट्टा ने एक्स पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा, ‘बिना ज्यादा सोचे समझे….इस बार ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय दल के लिए जो कपड़े बनाए गए थे, वे बहुत निराशाजनक रहे!! (खासकर जब डिजाइनर की घोषणा की गई थी, तो मुझे उनसे बहुत उम्मीदें थीं)। सबसे पहले, सभी लड़कियों को साड़ी पहनना नहीं आता… डिजाइनर ने इस कॉमन सेंस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया और प्री ड्रेप्ड साड़ी (जो ट्रेंड में है) क्यों नहीं बनाई? लड़कियां असहज लग रही थीं ब्लाउज खराब फिट का था!!’
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उन्होंने आगे लिखा, ‘और दूसरा रंग और प्रिंट सुंदर भारतीय के बिल्कुल विपरीत था!!! डिजाइनर के लिए कढ़ाई या हाथ से पेंट के माध्यम से हमारी संस्कृति की कला को प्रदर्शित करने का अवसर था!! यह पूरी तरह से औसत दर्जे का काम था और जर्जर लग रहा था!!! मैं वास्तव में आशा करती हूं कि खेल परिवार हमारे खिलाड़ियों की कोर्ट और ऑफ कोर्ट पर गुणवत्ता से समझौता करना बंद कर देगा!!!’
ज्वाला गुट्टा के अलावा भी सोशल मीडिया पर फैंस ने एथलीट्स के खराब क्वॉलिटी के कपड़ों की आलोचना की है। देखें रिएक्शन्स
भारतीय एथलीट्स के कपड़े किसने डिजाइन किए?
डिजाइनर तरुण तहिलियानी के पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय एथलीट्स के कपड़े बनाए थे। यह पहनावा इकत से प्रेरित था और कपास-खादी मिश्रित सामग्री से बना था। लेकिन, यह कहना उचित होगा कि एथलीट और कई प्रशंसक खुश नहीं थे।
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तरुण तहिलियानी ने महिला खिलाड़ियों को तिरंगे के बॉर्डर वाली हाथीदांत की साड़ियां पहनाईं और पुरुष खिलाड़ियों को कुर्ता-बंडी पहनाई, जिसके बॉर्डर पर तिरंगे की थीम वाली डिटेल थी। इन कपड़ों में इकत से प्रेरित प्रिंट और बनारसी ब्रोकेड थे और इनका उद्देश्य आधुनिक भारतीय लोकाचार को दर्शाना था।
पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीट्स की मेडल जीतने की जंग जारी है। मनु भाकर ने देश को ब्रॉन्ज के रूप में पहला मेडल जीताकर गौरवान्वित होने का मौका दिया। हालांकि मैदान के बाहर कई मुद्दें एथलीट्स का ध्यान भटका रहे हैं। इनमें से एक मुद्दा ओपनिंग सेरेमनी में एथलीट्स द्वारा पहनी गई खराब क्वॉलिटी के कपड़ों का है। कुछ रिपोर्ट्स ऐसी सामने आईं हैं जिसमें बताया गया है कि भारतीय एथलीट्स ओपनिंग सेरेमनी में पहने गए कपड़ों से खुश नहीं थे। अब इस मुद्दे पर पूर्व बैडमिंटन स्टान ज्वाला गुट्टा ने भी नराजगी जाहिर की है।
ज्वाला गुट्टा ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने उन लोगों की आलोचना की है जो भारतीय दल के लिए बनाए गए कपड़ों की खराब व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं।
ज्वाला गुट्टा ने एक्स पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा, ‘बिना ज्यादा सोचे समझे….इस बार ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय दल के लिए जो कपड़े बनाए गए थे, वे बहुत निराशाजनक रहे!! (खासकर जब डिजाइनर की घोषणा की गई थी, तो मुझे उनसे बहुत उम्मीदें थीं)। सबसे पहले, सभी लड़कियों को साड़ी पहनना नहीं आता… डिजाइनर ने इस कॉमन सेंस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया और प्री ड्रेप्ड साड़ी (जो ट्रेंड में है) क्यों नहीं बनाई? लड़कियां असहज लग रही थीं ब्लाउज खराब फिट का था!!’
उन्होंने आगे लिखा, ‘और दूसरा रंग और प्रिंट सुंदर भारतीय के बिल्कुल विपरीत था!!! डिजाइनर के लिए कढ़ाई या हाथ से पेंट के माध्यम से हमारी संस्कृति की कला को प्रदर्शित करने का अवसर था!! यह पूरी तरह से औसत दर्जे का काम था और जर्जर लग रहा था!!! मैं वास्तव में आशा करती हूं कि खेल परिवार हमारे खिलाड़ियों की कोर्ट और ऑफ कोर्ट पर गुणवत्ता से समझौता करना बंद कर देगा!!!’
ज्वाला गुट्टा के अलावा भी सोशल मीडिया पर फैंस ने एथलीट्स के खराब क्वॉलिटी के कपड़ों की आलोचना की है। देखें रिएक्शन्स
भारतीय एथलीट्स के कपड़े किसने डिजाइन किए?
डिजाइनर तरुण तहिलियानी के पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय एथलीट्स के कपड़े बनाए थे। यह पहनावा इकत से प्रेरित था और कपास-खादी मिश्रित सामग्री से बना था। लेकिन, यह कहना उचित होगा कि एथलीट और कई प्रशंसक खुश नहीं थे।
तरुण तहिलियानी ने महिला खिलाड़ियों को तिरंगे के बॉर्डर वाली हाथीदांत की साड़ियां पहनाईं और पुरुष खिलाड़ियों को कुर्ता-बंडी पहनाई, जिसके बॉर्डर पर तिरंगे की थीम वाली डिटेल थी। इन कपड़ों में इकत से प्रेरित प्रिंट और बनारसी ब्रोकेड थे और इनका उद्देश्य आधुनिक भारतीय लोकाचार को दर्शाना था।