Paper Leak: गहलोत सरकार में एंटी चीटिंग एक्ट दिखावा, पेपर लीक माफिया की राजनीतिक पहुंच देखकर होता है ऐक्शन?

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Paper Leak: गहलोत सरकार में एंटी चीटिंग एक्ट दिखावा, पेपर लीक माफिया की राजनीतिक पहुंच देखकर होता है ऐक्शन?

Paper Leak: गहलोत सरकार में एंटी चीटिंग एक्ट दिखावा, पेपर लीक माफिया की राजनीतिक पहुंच देखकर होता है ऐक्शन?

Anti Cheating Act in Rajasthan: राजस्थान में पेपर लीक को रोकने के लिए एंटी चीटिंग एक्ट लागू किया गया है। इस एक्ट के लागू होने के बाद भी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के बाद वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राजस्थान में एंटी चीटिंग एक्ट फेल हो चुके हैं।

 

हाइलाइट्स

  • राजस्थान में नकल माफियाओं के हौंसले बुलंद दिखते हैं
  • पेपर लीक करने वालों के खिलाफ नए कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो रही है
  • राज्य में नया नकल विरोधी कानून लागू किया जा चुका है
  • बावजूद भी पूर्व में दर्ज मुकदमों में सख्त कार्रवाई नहीं हुई है
जयपुर: राजस्थान सरकार पिछले दिनों नकल विरोधी नया कानून लेकर आई। इस एंटी चीटिंग एक्ट के लागू होने पर प्रतियोगिता परीक्षाओं में पेपर लीक होने से रोकने और नकल बंद करने के दावे किए गए। नया एक्ट लागू हो गया, लेकिन पेपर लीक करने वालों के खिलाफ नए कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो रही है। यही कारण है कि नकल माफियाओं के हौंसले बुलंद है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के बाद वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में दर्ज मुकदमों पर नए एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होने पर अब सवाल उठने लगे हैं।

कानून होने के बावजूद नहीं हो रही सख्त कार्रवाई
राज्य में नया नकल विरोधी कानून लागू किया जा चुका है। इसके बावजूद भी पूर्व में दर्ज मुकदमों में सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। 14 मई 2022 को पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसओजी ने एक थानेदार, तीन स्कूल संचालकों सहित 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पेपर लीक जैसे गंभीर मामले में नए कानून के तहत मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन नियमानुसार कार्रवाई नहीं हुई। सरकार ने सिर्फ एक स्कूल की मान्यता रद्द करके इतिश्री कर ली जबकि दो स्कूलों में पेपर लीक होना सामने आया था आरोपियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई नहीं होने से पेपर लीक माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।

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नए एंटी चीटिंग एक्ट में शामिल हैं ये प्रावधान
राजस्थान सरकार की ओर से जो नया नकल विरोधी कानून बनाया है। उसमें कई सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं। जो स्कूल संचालक पेपर लीक या नकल प्रकरण में लिप्त पाए जाएंगे, उन स्कूलों की मान्यता रद्द होने का प्रावधान है। पेपर लीक और नकल को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया। आरोप साबित होने पर 10 साल तक की साल की सजा का प्रावधान भी जोड़ा गया था। आरोपियों की संपति जब्त होने और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी जोड़ा गया है, लेकिन पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में इन प्रावधानों के तहत कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षा विभाग की ओर से केवल एक स्कूल की मान्यता रद्द की गई। दूसरी स्कूल कांग्रेस नेता के बेटे की है। ऐसे में उसके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
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पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपल लीक मामले में एसओजी (स्पेशल पुलिस) जयपुर की जागृति स्कूल के संचालक धीरज शर्मा को भी गिरफ्तार किया था। आरोपी धीरज शर्मा कांग्रेस नेता मंजू शर्मा का बेटा है। मंजू शर्मा पूर्व में नगर निगम की पार्षद रही है और वर्तमान में वे विप्र कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष हैं। पुलिस जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद सरकार ने जागृति स्कूल की मान्यता रद्द नहीं की जबकि दिवाकर पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी। कांग्रेस नेता के बेटे को बचाए जाने पर विपक्ष और बेरोजगार सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। उधर, मंजू शर्मा अपने बेटे को निर्दोष बता रही है। उनका कहना है कि उनके बेटे धीरज शर्मा को गलत फंसाया गया है, इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।
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सरकार के दोहरे रैवये के कारण राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव बेहद गुस्से में हैं। यादव का कहना है कि जब यह स्पष्ट हो गया था कि दिवाकर और जागृति स्कूलों से पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर आउट हुए हैं तो केवल दिवाकर स्कूल की मान्यता रद्द क्यों की गई। दोनों स्कूलों के खिलाफ एक समान कार्रवाई करनी चाहिए थी। पेपर लीक मामले में चाहे कोई भी नेता लिप्त क्यों ना हो। सरकार को सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि माफियाओं में भय हो। उपेन ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी जागृति स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे। अब वे फिर से आंदोलन करेंगे।
रिपोर्ट : रामस्वरूप लामरोड़

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