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Panna News: केन नदी में फंसी हथिनी, जंजीर से बंधे थे पैर, 4 घंटे रेस्क्यू कर बचाई जान h3>
पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना बाघ अभयारण्य में केन नदी में फंसी एक हथिनी को बचा लिया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी। उन्होंने बताया कि घटना गुरुवार की है और हथिनी को चार घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद बचाया जा सका। पन्ना बाघ अभयारण्य के उपसंचालक रिपुदमन सिंह भदौरिया ने बताया कि सूचना मिली थी कि पन्ना बाघ अभयारण्य के मदला क्षेत्र में केन नदी में एक हथिनी फंस गई है।
जानकारी के अनुसार हथिनी के पैर जंजीर से बंधे हुए थे और इस लिए उसे पानी से निकालने में मुश्किल आ रही थी, इस दौरान हथिनी ने सांस लेने के लिए अपनी सूंड ऊपर की हुई थी। मदद के लिए पन्ना और पड़ोसी छतरपुर जिले के जिलाधिकारियों से संपर्क किया और उन्होंने तुरंत राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) और होम गार्ड की टीम को भेजा।
केन नदी में पानी का बहाव तेज होने के कारण बचाव दलों के लिए अपनी नौकाओं को लंगर डालकर खड़े रखना मुश्किल हो रहा था। किसी प्रकार एसडीईआरएफ की टीम ने हथिनी के पैरों में बंधी जंजीरों को काट दिया। हथिनी को बचाने में करीब चार घंटे का समय लगा और उसका स्वास्थ्य अब ठीक है।
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पन्ना के जिलाधिकारी हरजिंदर सिंह ने कहा कि पन्ना बाघ अभयारण्य के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को स्थिति के बारे में सूचित किया था। पन्ना और छतरपुर जिलों के बचाव दल सभी बाधाओं के बावजूद हथिनी को बचाने में सफल रहे।
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जानकारी के अनुसार हथिनी के पैर जंजीर से बंधे हुए थे और इस लिए उसे पानी से निकालने में मुश्किल आ रही थी, इस दौरान हथिनी ने सांस लेने के लिए अपनी सूंड ऊपर की हुई थी। मदद के लिए पन्ना और पड़ोसी छतरपुर जिले के जिलाधिकारियों से संपर्क किया और उन्होंने तुरंत राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) और होम गार्ड की टीम को भेजा।
केन नदी में पानी का बहाव तेज होने के कारण बचाव दलों के लिए अपनी नौकाओं को लंगर डालकर खड़े रखना मुश्किल हो रहा था। किसी प्रकार एसडीईआरएफ की टीम ने हथिनी के पैरों में बंधी जंजीरों को काट दिया। हथिनी को बचाने में करीब चार घंटे का समय लगा और उसका स्वास्थ्य अब ठीक है।
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पन्ना के जिलाधिकारी हरजिंदर सिंह ने कहा कि पन्ना बाघ अभयारण्य के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को स्थिति के बारे में सूचित किया था। पन्ना और छतरपुर जिलों के बचाव दल सभी बाधाओं के बावजूद हथिनी को बचाने में सफल रहे।
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