OTT in India : ड्राइंगरुम से निकल कर लोगों के बेडरुम तक पहुंचा OTT | OTT Is Now Over The Top Of Theatres In India, Future Of OTT Will Be Brighter Then Big Screens | Patrika News

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OTT in India : ड्राइंगरुम से निकल कर लोगों के बेडरुम तक पहुंचा OTT | OTT Is Now Over The Top Of Theatres In India, Future Of OTT Will Be Brighter Then Big Screens | Patrika News

OTT in India : ड्राइंगरुम से निकल कर लोगों के बेडरुम तक पहुंचा OTT | OTT Is Now Over The Top Of Theatres In India, Future Of OTT Will Be Brighter Then Big Screens | Patrika News

फिल्मों को टक्कर देने के लिए अमेरिका ने नए प्लेटफार्म तकनीक ने सिनेमा के माध्यमों में क्रांन्ति कर दी है। नेटफिलक्स, हॉटस्टार, प्राइम वीडियो, वूट जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म नें लोगों घरों में नहीं दिलों में जगह बना ली है। OTT की शुरुआत सालों पहले कर दी और कोरोना काल ने उसको लोगों के बीच एक ख़ास एंटरटेमेंट सोर्स बनाकर सामने रखा। दरअसल लॉक-डाउन के दौरान आम जनता के पास इंटरनेट के अलावा मनोरंजन का कोई भी सोर्स नहीं था, तभी से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का क्रेज बढ़ा। देखते ही देखते ये लोगों की पहली पसंद बन गया। बता दें भारत में सिंगल-स्क्रीन थिएटरों की संख्या 2018-19 में 8,500 से गिरकर 2022 में 6,200 हो गई।

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लोगों का पसंदीदा एंटरटेनमेंट सोर्स थिएटर या OTT प्लेटफार्म?
दोनों ही एक ऐसा मंच है जहां कलाकार दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए अपना कंटेंट प्रस्तुत करते है। दो एंटरटेनमेंट सोर्स आने से दर्शक दो पक्षों में बट गए है, जिसके कारण रेवेन्यू घट गया है, कुछ लोग आज भी थिएटर में मूवी देखना पसंद करते है तो कुछ OTT प्लेटफार्म पर खुद को अधिक कम्फर्टेबल महसूस करते है। लोगों का कहना है कि थिएटर में जाकर महंगी टिकट खरीदना और पॉपकॉर्न, कोल्ड ड्रिंक का महंगा खर्च अलग से होता है उससे अच्छा सस्ते सब्सक्रिप्शन पर बिना किसी अत्यधिक खर्च के सेम मूवी का मज़ा लिया जा सकता है। कोविड के बाद से तो लगभग आधे से ज्यादा दर्शक OTT की और मुड़ गए हैं। बाकी कुछ लोगों का कहना है कि जो मजा फिल्म देखने का बिग स्क्रीन पर है, वो घर बैठे OTT प्लैटफॉर्म्स पर नहीं। छोटे कलाकारों की सुने तो OTT उनके लिए बेस्ट प्लैटफॉर्म है क्योंकि बिग स्क्रीन पर दर्शक केवल बड़े कलाकार को ही देखना पसंद करते हैं।

2018 में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कस्टमर का आंकड़ा 59% तक पहुंचा, लेकिन 2019 में कोविड के कारण ये आंकड़ा 70% हुआ। हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 2019 में वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स पर ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया के अलावा भारत में 140% की वृद्धि हुई है। इससे कई अवसर भी लोगों के लिए पैदा हुए और ओटीटी प्लेटफॉर्म की तरफ उनका रुझान बढ़ा।

एक और रिपोर्ट के मुताबिक़ टेलीकॉम से आकर्षक डेटा ऑफ़र के कारण, स्मार्टफोन यूजर पिछले एक साल में 340 मिलियन तक पहुंच गए हैं और 2023 तक 925 मिलियन को छूने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि OTT प्लेटफार्म शिक्षा, स्वास्थ्य और फ़िटनेस में भी नए इन्नोवेन्शन कर सकता है, ऐसे में OTT के पैमाने में 10% की वृद्धि हो सकती है।

एक रिसर्च में बताया गया है कि 2023 तक OTT प्लेटफार्म मल्टीप्लैक्स पर हावी होकर 12,000 करोड़ रुपए का उद्योग खड़ा कर लेगा। भारत के दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद,चैन्नई समेत कई शहरों में इसका दबदबा बढा हुआ है साथ ही कई शहरों में इसका तेजी सबकों चौंका रही है।

राजस्थान के जयपुर में इसका क्रेज बढ़ा
राजस्थान में थिएटर की दशा कोरोना काल और लॉकडाउन में खस्ता हो गई और उस दौरान उनकी कमाई पूरी तरह से खत्म होने लगी, लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए लोगों ने OTT के सब्सक्रिप्शन लिया और घर को ही थिएटर बना डाला। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म कुछ भी नहीं से डिजिटल मीडिया का बादशाह बन गया हैं। बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ, इस बात की 100% निश्चितता है कि सिनेमा की प्रवृत्ति आने वाले समय में फीकी पड़ जाएगी।

क्यों पसंद किया जा रहा OTT प्लेटफार्म
1. एक मूवी का खर्चा एक महीनें के सब्सक्रिप्शन के बराबर है।
2. कोई भी मूवी बहुत जल्दी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर आ जाती है, जिससे कोई थिएटर जाने का सोचता ही नहीं।
3. कोविड काल से लोगों ने OTT को ज्यादा सेफ और रीलाइबल महसूस किया।
4. सीरीज से लेकर मूवी तक कई ऑप्शनस अवलेबल है।
5. रिलीज डेट में अस्थिरता के कारण भी लोगों में OTT की तरफ क्रेज देखा गया।



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